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"एमपी बोर्ड एग्जाम में सही उत्तर लिखे, फिर भी काटे नंबर", हाईकोर्ट ने जिम्मेदारों से मांगा जवाब - MP Board Exam Evaluation

एमपी बोर्ड एग्जाम के मूल्यांकन में कितनी लापरवाही की जाती है, ये बात एक बार फिर सामने आई है. 10वीं की स्टूडेंट ने मॉडल आंसर सीट के अनुसार सारे जवाब लिखे, फिर उसके अंक काट दिए. इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जिम्मेदारों से जवाब तलब किया है.

MP Board Exam Evaluation
एमपी बोर्ड जिम्मेदारों से मांगा जवाब (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 4:04 PM IST

जबलपुर। मॉडल आंसर सीट के अनुसार उत्तर लिखने के बावजूद अंक काटे जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी सतना व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सतना के प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

छात्रा के पिता ने याचिका में ये तर्क दिए

सतना निवासी छात्रा दिशा पांडे तरफ से उसके पिता दिलीप पांडे ने ये याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया कि दिशा ने वर्ष 2024 में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दी थी. परीक्षा में उसे 91 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे और संस्कृत विषय में छात्रा को 76 अंक थे. संस्कृत विषय में कम अंक आने के कारण उसने माध्यमिक शिक्षा मंडल से अपनी उत्तर पुस्तिका की प्रति मांगी और पुनर्गणना के लिए भी आवेदन किया. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्रा की उत्तर पुस्तिका की पुनर्गणना कर दो अंक बढ़ा दिए.

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एमपी बोर्ड ने पुनर्मूल्यांकन करने से मना किया

याचिका में ये भी बताया गया कि छात्रा ने पुनः आवेदन देकर बोर्ड से मॉडल आन्सर मांगी थी. इससे पता चला कि मॉडल आंसर सीट व छात्रा द्वारा लिखे गए उत्तर एक जैसे थे. इसके बाद छात्रा ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था. बोर्ड की तरफ से बताया गया कि पुनर्मूल्यांकन का कोई प्रावधान नहीं है. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता विशाल बघेल ने पैरवी की.

जबलपुर। मॉडल आंसर सीट के अनुसार उत्तर लिखने के बावजूद अंक काटे जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी सतना व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सतना के प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

छात्रा के पिता ने याचिका में ये तर्क दिए

सतना निवासी छात्रा दिशा पांडे तरफ से उसके पिता दिलीप पांडे ने ये याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया कि दिशा ने वर्ष 2024 में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दी थी. परीक्षा में उसे 91 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे और संस्कृत विषय में छात्रा को 76 अंक थे. संस्कृत विषय में कम अंक आने के कारण उसने माध्यमिक शिक्षा मंडल से अपनी उत्तर पुस्तिका की प्रति मांगी और पुनर्गणना के लिए भी आवेदन किया. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्रा की उत्तर पुस्तिका की पुनर्गणना कर दो अंक बढ़ा दिए.

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याचिका में ये भी बताया गया कि छात्रा ने पुनः आवेदन देकर बोर्ड से मॉडल आन्सर मांगी थी. इससे पता चला कि मॉडल आंसर सीट व छात्रा द्वारा लिखे गए उत्तर एक जैसे थे. इसके बाद छात्रा ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था. बोर्ड की तरफ से बताया गया कि पुनर्मूल्यांकन का कोई प्रावधान नहीं है. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता विशाल बघेल ने पैरवी की.

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