भोपाल: देश में अभी 12 राज्यों में भाजपा की बहुमत वाली सरकार है. जबकि महाराष्ट्र, बिहार, सिक्किम, नागालैंड, मेघालय और पांडिचेरी में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग वाली सरकारें हैं. यदि इन राज्यों में सरकारी कर्मचारियों को हर 6 माह में मिलने वाले डीए की बात करें, तो भाजपा शासित 5 राज्यों में सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के बराबर डीए मिल रहा है. वहीं भाजपा के बहुमत वाले अन्य राज्यों में 32 से लेकर 50 प्रतिशत तक सरकारी कर्मचारियों को डीए मिल रहा है.
मणिपुर में सबसे कम, मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर
देश में भाजपा शासित राज्यों में सबसे कम डीए मणिपुर सरकार के कर्मचारियों को मिल रहा है. यहां वर्तमान में राज्य के कर्मचारियों को 32 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है. जबकि दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है. यहां सरकारी कर्मचारियों को 46 प्रतिशत डीए मिल रहा है. जिसके कारण मध्य प्रदेश के कर्मचारी डीए के मामले में अन्य राज्यों से काफी पिछड़ गए हैं. राज्य के कर्मचारी संगठन मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का डीए केंद्र सरकार के बराबर करने का निरंतर दबाव बना रहे हैं.
भाजपा शासित राज्यों में इतना मिल रहा डीए
भाजपा के बहुमत वाले उत्तर प्रदेश, ओडीशा, राजस्थान, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में राज्य सरकारों ने दीपावली से पहले कर्मचारियों के डीए में 3 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का ऐलान कर दिया है. जिससे इन राज्यों में कर्मचारियों को मिलने वाला डीए केंद्र सरकार के बराबर हो जाएगा. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने कर्मचारियों का 4 प्रतिशत डीए बढ़ाया. जिससे यहां के कर्मचारियों का डीए भी 50 प्रतिशत हो गया है. जो मध्य प्रदेश से 4 प्रतिशत अधिक है. वहीं उत्तराखंड में अभी सरकारी कर्मचारियों को 50 प्रतिशत डीए मिल रहा है. हालांकि यहां भी 3 प्रतिशत डीए बढ़ाने की वित्तमंत्री ने मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद बढ़ा हुआ डीए लागू कर दिया जाएगा.
केंद्र सरकार से 7 प्रतिशत पीछे चल रहे एमपी के कर्मचारी
कर्मचारियों को महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें साल में दो बार सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत देती है. इसके अनुसार केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 को 4 प्रतिशत और 1 जुलाई 2024 को 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता और राहत बढ़ाई है, लेकिन मध्य प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारियों और 4.50 लाख पेंशनरों को दोनों वृद्धि का लाभ नहीं मिला है. इसे लेकर कर्मचारी लामबंद हैं और लगातार आंदोलन कर रहे हैं. वे दीपावली से पहले 7 प्रतिशत डीए-डीआर मांग रहे हैं. पड़ोसी राज्यों के कर्मचारियों को लाभ मिलने के बाद उनका दावा भी मजबूत हो रहा है. सरकार पर दबाव भी बढ़ रहा है. हालांकि प्रदेश के वित्तमंत्री जल्द ही इस मामले को लेकर वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं.
वल्लभ भवन के सामने कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के बैनर तले शुक्रवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े सरकारी कर्मचारियों ने वल्लभ भवन के सामने 7 प्रतिशत डीए और डीआर बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन किया. मध्य प्रदेश सेमी गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल वाजपेई ने बताया कि "राज्य सरकार सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में नहीं है. विधानसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों ने बैलेट पेपर के माध्यम से 199 सीटों पर सरकार के खिलाफ वोट किया था."
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इसलिए सरकार को राज्य के कर्मचारियों की चिंता नहीं है. वहीं मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने बताया कि "केंद्र व अन्य राज्य सरकारें अपने कर्मचरियों को डीए का लाभ दे रही है, लेकिन मध्य प्रदेश कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है. यदि सरकार त्योहार से पहले निर्णय नहीं लेती तो कर्मचारी संगठन दीपावली के बाद उग्र प्रदर्शन की रणनीति बनाएंगे."