जयपुर: प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में करीब 12,000 करोड़ रुपये के एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) किए गए हैं. इसके साथ ही कोलकाता के भामाशाह राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में 200 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. बुधवार को भामाशाहों और प्रेरक शिक्षकों का सम्मान करते हुए शिक्षा मंत्री ने राइजिंग राजस्थान समिट 2024 से पहले शिक्षा क्षेत्र में किए गए निवेश के आंकड़े साझा किए. इस मौके पर राइजिंग राजस्थान समिट 2024 के तहत करीब एक करोड़ रुपये के तीन नए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए.
शिक्षा संकुल में आयोजित भामाशाह सम्मान समारोह में राजस्थान शिक्षक फोरम और शिक्षा विभाग के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान राजकीय विद्यालयों के विकास में भामाशाहों और प्रेरक शिक्षकों के योगदान पर चर्चा की गई. जिला और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत प्रेरक शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया.
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शिक्षकों को पूरी निष्ठा से भूमिका निभानी होगी : शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षकों को ‘अनुभव का भंडार’ बताते हुए उनके प्रेरक योगदान की सराहना की और आगामी पीढ़ी को प्रेरित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कमजोर और अभावग्रस्त क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने यह भी कहा कि राजकीय विद्यालयों में शिक्षक न केवल ज्ञान का प्रसार कर रहे हैं, बल्कि जनसहयोग से शिक्षा के आधारभूत स्तंभ भी बन रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि श्रेष्ठ राजस्थान बनाने के लिए हमें श्रेष्ठ शिक्षा, श्रेष्ठ विद्यार्थी और श्रेष्ठ इंसान की आवश्यकता है. इसके लिए शिक्षकों को अपनी भूमिका पूरी निष्ठा से निभानी होगी, ताकि एक सच्चे और श्रेष्ठ शिक्षक का उदय हो सके. उन्होंने शिक्षकों से यह भी कहा कि 40 वर्ष की उम्र के बाद उन्हें प्रदेश की शिक्षा को देश की श्रेष्ठ शिक्षा बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए.
मंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन में दिशा, संस्कार और जागरूकता का संचार भी करना चाहिए. यह आयोजन शिक्षकों का सम्मान ही नहीं, बल्कि शिक्षा की श्रेष्ठता, भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा और समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. इस मौके पर राइजिंग राजस्थान समिट 2024 के तहत तीन नए एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए. साथ ही राजकीय विद्यालयों में विकास के लिए भामाशाहों के जरिए 15 लाख रुपये से अधिक की राशि लाने वाले प्रेरक शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिनमें 16 से अधिक शिक्षक शामिल थे.