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5 वर्षीय बच्ची को 8 टुकड़ों में काटा था, कोर्ट ने सुनाया आजीवन कैद की सजा, साइकिल नहीं देने से था नाराज - Motihari Court

Life Imprisonment in Motihari : मोतिहारी कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. पांच साल की बच्ची की निर्मम हत्या मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साइकिल को लेकर पूरा विवाद हुआ था. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 22, 2024, 11:03 PM IST

मोतिहारी : पांच वर्षीय बच्ची को 8 टुकड़ों में काटकर हत्या करने के मामले में लगभग साढ़े तीन साल बाद कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने नामजद अभियुक्त को आजीवन कारावास और 15 हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश अवधेश कुमार ने पीपरा थाना के बेदीबन मधुबन निवासी सियाराम सहनी को सजा सुनाई है.

हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा : न्यायालय वाद संख्या 35/2021 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक कुमार शिवशंकर सिंह ने दस गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने नामजद अभियुक्त को धारा 302, 201 में दोषी पाया और न्यायालय ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

साइकिल नहीं देने को लेकर हुआ विवाद : बता दें कि, पिपरा थाना क्षेत्र के बेदीबन मधुबन निवासी बंगाली सहनी ने पीपरा थाना में कांड संख्या 346/2020 दर्ज कराते हुए सियाराम सहनी को नामजद किया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 15 नवंबर 2020 की शाम 6 बजे बंगाली सहनी अपने घर के बगल में अपनी पांच वर्षीय पुत्री मुस्कान के साथ अलाव ताप रहा था. उसी दौरान सियाराम सहनी आया और उनसे साइकिल मांगा. बंगाली सहनी ने साइकिल देने से मना कर दिया.

'जब लौटा तो बेटी नहीं थी' : बंगाली सहनी ने सियाराम सहनी को कहा कि पहले भी तुम्हें साइकिल देने से मना किया था उसके बाद भी तुम साइकिल मांगने आ गए. बंगाली सहनी इतना कहते हुए अपनी पुत्री को अलाव के पास ही छोड़कर दूध दुहने चला गया. अलाव के पास हीं सियाराम सहनी उसकी पुत्री के साथ खेलने लगा. जब वह दूध दुहकर आया. तो उसकी पुत्री वहां नहीं थी.

आठ टुकड़ों में शव बरामद हुआ : बंगाली सहनी ने देर रात तक खोजबीन के दौरान सियाराम सहनी से भी अपनी पुत्री के बारे में पूछा तो सियाराम सहनी ने कहा कि वह उसकी पुत्री को वहीं छोड़कर चला आया है. लेकिन बंगाली सहनी की एक नौ वर्षीय पुत्री रानिका कुमारी ने बताया कि उसकी बहन को सियाराम सहनी लेकर जा रहा था और उसे भी चलने को कहा परन्तु वह नहीं गई. घटना के दूसरे दिन लखना नदी के किनारे मुस्कान का हाथ, पैर, सिर का अलग-अलग आठ टुकड़ों में शव बरामद हुआ था.

मोतिहारी : पांच वर्षीय बच्ची को 8 टुकड़ों में काटकर हत्या करने के मामले में लगभग साढ़े तीन साल बाद कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने नामजद अभियुक्त को आजीवन कारावास और 15 हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश अवधेश कुमार ने पीपरा थाना के बेदीबन मधुबन निवासी सियाराम सहनी को सजा सुनाई है.

हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा : न्यायालय वाद संख्या 35/2021 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक कुमार शिवशंकर सिंह ने दस गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने नामजद अभियुक्त को धारा 302, 201 में दोषी पाया और न्यायालय ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

साइकिल नहीं देने को लेकर हुआ विवाद : बता दें कि, पिपरा थाना क्षेत्र के बेदीबन मधुबन निवासी बंगाली सहनी ने पीपरा थाना में कांड संख्या 346/2020 दर्ज कराते हुए सियाराम सहनी को नामजद किया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 15 नवंबर 2020 की शाम 6 बजे बंगाली सहनी अपने घर के बगल में अपनी पांच वर्षीय पुत्री मुस्कान के साथ अलाव ताप रहा था. उसी दौरान सियाराम सहनी आया और उनसे साइकिल मांगा. बंगाली सहनी ने साइकिल देने से मना कर दिया.

'जब लौटा तो बेटी नहीं थी' : बंगाली सहनी ने सियाराम सहनी को कहा कि पहले भी तुम्हें साइकिल देने से मना किया था उसके बाद भी तुम साइकिल मांगने आ गए. बंगाली सहनी इतना कहते हुए अपनी पुत्री को अलाव के पास ही छोड़कर दूध दुहने चला गया. अलाव के पास हीं सियाराम सहनी उसकी पुत्री के साथ खेलने लगा. जब वह दूध दुहकर आया. तो उसकी पुत्री वहां नहीं थी.

आठ टुकड़ों में शव बरामद हुआ : बंगाली सहनी ने देर रात तक खोजबीन के दौरान सियाराम सहनी से भी अपनी पुत्री के बारे में पूछा तो सियाराम सहनी ने कहा कि वह उसकी पुत्री को वहीं छोड़कर चला आया है. लेकिन बंगाली सहनी की एक नौ वर्षीय पुत्री रानिका कुमारी ने बताया कि उसकी बहन को सियाराम सहनी लेकर जा रहा था और उसे भी चलने को कहा परन्तु वह नहीं गई. घटना के दूसरे दिन लखना नदी के किनारे मुस्कान का हाथ, पैर, सिर का अलग-अलग आठ टुकड़ों में शव बरामद हुआ था.

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