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डॉक्टरों ने पेट दर्द होने पर 3 साल के बच्चे को दी सैंपल की दवा, रिएक्शन से बिगड़ी तबीयत, परिजन का हंगामा - Morena private hospital negligence

केलारस थाना क्षेत्र स्थित कुकरौली गांव निवासी व्यक्ति अपने 3 वर्षीय बेटे का इलाज कराने निजी अस्पताल पहुंचा था. जहां इलाज के दौरान दी गई दवाएं खाने से बच्चे की और तबीयत बिगड़ गई.

MORENA PRIVATE HOSPITAL NEGLIGENCE
निजी अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 26, 2024, 2:08 PM IST

मुरैना: जिले की केलारस तहसील क्षेत्र के कुकरौली गांव में रहने वाला एक परिवार बीते रोज अपने 3 वर्षीय बेटे के पेट दर्द का इलाज कराने मुरैना शहर के निजी हॉस्पिटल आया था. जहां इलाज के बाद डॉक्टर ने सैंपल की दवाइयां दे दीं. जिससे बच्चे की तबीयत बिगड़ गई. बीती रात बच्चे के पिता परिजन के साथ उसे फिर से इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे तो डाॅक्टर नहीं मिले और उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिससे गुस्साए परिजन ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. हंगामा देख अस्पताल प्रबंधन ने मौके पर पुलिस बुला ली. जिससे भीड़ और भड़क गई काफी समझाइश के बाद मामला शांत हुआ.

बच्चे के परिजन ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप (ETV Bharat)

बच्चे के पेट दर्द का इलाज कराने पहुंचे अस्पताल

मुरैना के केलारस थाना क्षेत्र के कुकरौली गांव निवासी पुष्पराज सिंह सिकरवार के 3 वर्षीय बेटे जयवर्द्धन सिंह सिकरवार को 21 जुलाई की रात पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हुई. उसके बाद परिजन बच्चे को केलारस अस्पताल ले गए. जहां से बच्चे को मुरैना रेफर कर दिया गया. मुरैना पहुंचते ही परिजन बच्चे को इलाज के लिए जीवाजीगंज स्थित निजी हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में ले गए. यहां डॉ. राहुल गुप्ता ने उपचार किया और एक दिन बाद इलाज के रूप में सैंपल की टोसेफ, आईएसवी सीरप, रेनीडोम पीडी सहित कोलीजा सस्पेंशन दवा दे दी.

दवा खिलाने के बाद बच्चे की और बिगड़ी तबीयत

बच्चे को जब दवा खिलाई गई तो इससे बच्चे की तकलीफ तो दूर नहीं हुई बल्कि बच्चे के शरीर पर शीत उभर आई और दाने निकल आए. बच्चे को लेकर उसके पिता पुष्पराज बीती रात निजी अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां उसे डॉक्टर नहीं मिले और स्टॉफ ने कोई सुनवाई नहीं की. इस पर परिजन ने हंगामा किया तो अस्पताल प्रबंधन ने फोन कर पुलिस काे बुला लिया. पुलिस के काफी समझाने के बाद हंगामा शांत हुआ. उसके बाद परिजन ने कोतवाली थाने जाकर एक शिकायती आवेदन देकर मामला दर्ज करने की मांग की है.

यहां पढ़ें...

आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडोरी में उल्टी-दस्त से युवक की मौत, परिजनों का अस्पताल में हंगामा

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पुलिस मामले की कर रही जांच

इस संबंध में जब डॉ.राहुल गुप्ता से बातचीत की गई, तो उनका कहना था कि "22 जुलाई को बच्चे की सभी दवाइयां बंद करने के लिए कह दिया था और उसे सिट्राजिन दे दी थी." वहीं इस मामले में कोतवाली थाना प्रभारी अलोक सिंह परिहार का कहना है कि "रात को निजी अस्पताल में हंगामा हुआ था. बीमार बच्चे के परिजन ने आवेदन दिया है. जिस पर से हम दवाओं की जांच करा रहे हैं और जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जायेगी.''

मुरैना: जिले की केलारस तहसील क्षेत्र के कुकरौली गांव में रहने वाला एक परिवार बीते रोज अपने 3 वर्षीय बेटे के पेट दर्द का इलाज कराने मुरैना शहर के निजी हॉस्पिटल आया था. जहां इलाज के बाद डॉक्टर ने सैंपल की दवाइयां दे दीं. जिससे बच्चे की तबीयत बिगड़ गई. बीती रात बच्चे के पिता परिजन के साथ उसे फिर से इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे तो डाॅक्टर नहीं मिले और उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिससे गुस्साए परिजन ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. हंगामा देख अस्पताल प्रबंधन ने मौके पर पुलिस बुला ली. जिससे भीड़ और भड़क गई काफी समझाइश के बाद मामला शांत हुआ.

बच्चे के परिजन ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप (ETV Bharat)

बच्चे के पेट दर्द का इलाज कराने पहुंचे अस्पताल

मुरैना के केलारस थाना क्षेत्र के कुकरौली गांव निवासी पुष्पराज सिंह सिकरवार के 3 वर्षीय बेटे जयवर्द्धन सिंह सिकरवार को 21 जुलाई की रात पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हुई. उसके बाद परिजन बच्चे को केलारस अस्पताल ले गए. जहां से बच्चे को मुरैना रेफर कर दिया गया. मुरैना पहुंचते ही परिजन बच्चे को इलाज के लिए जीवाजीगंज स्थित निजी हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में ले गए. यहां डॉ. राहुल गुप्ता ने उपचार किया और एक दिन बाद इलाज के रूप में सैंपल की टोसेफ, आईएसवी सीरप, रेनीडोम पीडी सहित कोलीजा सस्पेंशन दवा दे दी.

दवा खिलाने के बाद बच्चे की और बिगड़ी तबीयत

बच्चे को जब दवा खिलाई गई तो इससे बच्चे की तकलीफ तो दूर नहीं हुई बल्कि बच्चे के शरीर पर शीत उभर आई और दाने निकल आए. बच्चे को लेकर उसके पिता पुष्पराज बीती रात निजी अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां उसे डॉक्टर नहीं मिले और स्टॉफ ने कोई सुनवाई नहीं की. इस पर परिजन ने हंगामा किया तो अस्पताल प्रबंधन ने फोन कर पुलिस काे बुला लिया. पुलिस के काफी समझाने के बाद हंगामा शांत हुआ. उसके बाद परिजन ने कोतवाली थाने जाकर एक शिकायती आवेदन देकर मामला दर्ज करने की मांग की है.

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पुलिस मामले की कर रही जांच

इस संबंध में जब डॉ.राहुल गुप्ता से बातचीत की गई, तो उनका कहना था कि "22 जुलाई को बच्चे की सभी दवाइयां बंद करने के लिए कह दिया था और उसे सिट्राजिन दे दी थी." वहीं इस मामले में कोतवाली थाना प्रभारी अलोक सिंह परिहार का कहना है कि "रात को निजी अस्पताल में हंगामा हुआ था. बीमार बच्चे के परिजन ने आवेदन दिया है. जिस पर से हम दवाओं की जांच करा रहे हैं और जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जायेगी.''

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