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सावधान! जंक फूड खाने से बढ़ रही बीमारी, मुजफ्फरपुर में 9 महीने में 2.13 लाख बच्चे बीमार, रिपोर्ट जारी

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 9 माह के अंदर लाखों बच्चे विभिन्न बीमारियों से बीमार हुए हैं. इसका डाटा भी इंटीग्रेटेड हेल्थ पोर्टल पर अपलोड किया गया है. विशेषज्ञ बीमारी की वजह बच्चों में तेजी से बढ़ते जंक फूड का चलन और माताओं द्वारा ब्रेस्ट फीडिंग न कराया जाना बताया जा रहा है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 4, 2024, 2:23 PM IST

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चे बीमार हो रहे हैं. जब इसके पीछे के कारणों को जानने की कोशिश की गई तो बड़ी वजह सामने आई है. दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले में बड़ी संख्या में बच्चे बुखार समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. पिछले 9 माह में बीमार हुए बच्चों की रिपोर्ट जारी की गई है. इसके मुताबिक अप्रैल से दिसंबर 2023 तक कुल दो लाख 13 हजार 722 बच्चों का इलाज किया गया. इसमें सबसे अधिक सात दिनों तक बीमार हुए बच्चों की संख्या 1 लाख 45 हजार है. विभाग की ओर से यह डाटा इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन पोर्टल पर भी अपलोड किया गया है.

9 महीने में लाखों बच्चे बीमार : इसके अनुसार खांसी के साथ बुखार से 15507 बच्चे पीड़ित हुए. ये बच्चे दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी के साथ बुखार से पीड़ित रहे. वहीं, लूज मोशन के साथ शौच में खून आने की समस्या से 5706 बच्चे ग्रसित हुए. इसके अतिरिक्त चार सप्ताह तक जॉन्डिस से 119 बच्चे बीमार हुए. 40 बच्चे मलेरिया और 36 बच्चे पैरालिसिस की भी चपेट में आए. यह आंकड़ा सदर अस्पताल, एसकेएमसीएच और सभी पीएचसी में ओपीडी और आईपीडी में आए बच्चों का है. इधर, मुजफ्फरपुर एईएस का सबसे प्रभावित जिला भी है. अप्रैल से जुलाई तक इस बीमारी का प्रकोप काफी बढ़ जाता है. हर वर्ष बड़ी संख्या में चमकी-बुखार से बच्चे बीमार होते हैं. इसको लेकर विशेष अभियान चलाया जाता है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? : जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. नवीन कुमार का कहना है कि ''माताएं ब्रेस्ट फीडिंग कम करा रही हैं. इससे इम्युनिटी में कमी आती है. उम्र बढ़ने के साथ ही फास्ट फूड खाने की ओर बच्चे अधिक ध्यान देते हैं. टीकाकरण को लेकर भी जागरूकता की कमी है. संस्थागत प्रसव से बच्चे में इम्युनिटी बढ़ने का अधिक चांस रहता है. लेकिन, कई गर्भवती घर पर ही प्रसव करा लेती हैं. मोटा अनाज नहीं खाने और प्रदूषण भी मुख्य कारण है. दिन और रात के तापमान में अंतर होने से भी बीमारी पड़ने का एक कारण है.''

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चे बीमार हो रहे हैं. जब इसके पीछे के कारणों को जानने की कोशिश की गई तो बड़ी वजह सामने आई है. दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले में बड़ी संख्या में बच्चे बुखार समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. पिछले 9 माह में बीमार हुए बच्चों की रिपोर्ट जारी की गई है. इसके मुताबिक अप्रैल से दिसंबर 2023 तक कुल दो लाख 13 हजार 722 बच्चों का इलाज किया गया. इसमें सबसे अधिक सात दिनों तक बीमार हुए बच्चों की संख्या 1 लाख 45 हजार है. विभाग की ओर से यह डाटा इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन पोर्टल पर भी अपलोड किया गया है.

9 महीने में लाखों बच्चे बीमार : इसके अनुसार खांसी के साथ बुखार से 15507 बच्चे पीड़ित हुए. ये बच्चे दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी के साथ बुखार से पीड़ित रहे. वहीं, लूज मोशन के साथ शौच में खून आने की समस्या से 5706 बच्चे ग्रसित हुए. इसके अतिरिक्त चार सप्ताह तक जॉन्डिस से 119 बच्चे बीमार हुए. 40 बच्चे मलेरिया और 36 बच्चे पैरालिसिस की भी चपेट में आए. यह आंकड़ा सदर अस्पताल, एसकेएमसीएच और सभी पीएचसी में ओपीडी और आईपीडी में आए बच्चों का है. इधर, मुजफ्फरपुर एईएस का सबसे प्रभावित जिला भी है. अप्रैल से जुलाई तक इस बीमारी का प्रकोप काफी बढ़ जाता है. हर वर्ष बड़ी संख्या में चमकी-बुखार से बच्चे बीमार होते हैं. इसको लेकर विशेष अभियान चलाया जाता है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? : जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. नवीन कुमार का कहना है कि ''माताएं ब्रेस्ट फीडिंग कम करा रही हैं. इससे इम्युनिटी में कमी आती है. उम्र बढ़ने के साथ ही फास्ट फूड खाने की ओर बच्चे अधिक ध्यान देते हैं. टीकाकरण को लेकर भी जागरूकता की कमी है. संस्थागत प्रसव से बच्चे में इम्युनिटी बढ़ने का अधिक चांस रहता है. लेकिन, कई गर्भवती घर पर ही प्रसव करा लेती हैं. मोटा अनाज नहीं खाने और प्रदूषण भी मुख्य कारण है. दिन और रात के तापमान में अंतर होने से भी बीमारी पड़ने का एक कारण है.''

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