शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 जून को लोकसभा की चार सीटों सहित विधानसभा की 6 सीटों पर उपचुनाव होना है. ऐसे में प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो, इसलिए चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेशों की शत प्रतिशत अनुपालना सुनिश्चित की जा रही है. इसी कड़ी में प्रदेश में लाइसेंसी हथियार संबंधित थानों में जमा करने की प्रक्रिया जारी है. निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक प्रदेश भर में अब तक 70,343 लाइसेंस धारक अपने हथियारों को संबंधित क्षेत्रों के अंतर्गत पड़ने वाले थानों में जमा करा चुके हैं. लाइसेंस धारकों ने शिमला जिले में सबसे अधिक 12,111 हथियार जमा कराए हैं. अभी हथियार जमा करने की प्रक्रिया जारी है.
1 लाख से ज्यादा लाइसेंस धारक
हिमाचल प्रदेश में 1,00,403 लाइसेंस धारक हैं. प्रदेश मुख्य तौर पर हथियारों में बंदूकों का इस्तेमाल क्रॉप प्रोटेक्शन के लिए होता है. किसान क्रॉप प्रोटेक्शन के तहत बंदूक के लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं. प्रदेश में मौजूद हथियारों में एक बड़ा हिस्सा क्रॉप प्रोटेक्शन के लिए इस्तेमाल होता है. वहीं, हिमाचल में हथियार रखना स्टेट्स सिंबल भी बन रहा है. लोग महंगी पिस्टलों और राइफलों को रखने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं. इसके अलावा खेलों में शूटिंग स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के पास भी लाइसेंसी राइफल्स होती हैं. विभिन्न राइफल्स एसोसिएशन के पास भी लाइसेंसी वेपन होते हैं, लेकिन सबसे अधिक हथियार क्रॉप प्रोटेक्शन के लिए रखे जाते हैं. सेल्फ प्रोटेक्शन के लिए भी लोग हथियारों के लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं.
हिमाचल में लाइसेंसी हथियार
हिमाचल में कुल 1,00,403 लाइसेंसी हथियार हैं. निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक इसमें से अब तक 70,343 शस्त्र जमा हो चुके हैं. इसके अलावा अभी तक 3278 हथियारों को जब्त किया गया. उन्होंने बताया शिमला में सबसे अधिक 12,111 शस्त्र जमा हुए हैं. इसी तरह से बद्दी में 1350, बिलासपुर 4913, चम्बा 5603, हमीरपुर 3898, कांगड़ा 12468, किन्नौर 1406, कुल्लू 4653, लाहौल-स्पीति 222, मंडी 7281, नूरपुर 3954, सिरमौर 5791, सोलन में 3877 व ऊना जिला में 2816 शस्त्र जमा करवाए जा चुके हैं.
अब तक 73 शिकायतें प्राप्त
निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के दृष्टिगत सी-विजिल के माध्यम से अब तक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से 73 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. आचार संहिता के प्रभावी होने से 23 अप्रैल, 2024 तक प्राप्त कुल शिकायतों में से 36 का निपटारा सुनिश्चित किया जा चुका है. वहीं, 37 शिकायतें सही न पाए जाने के कारण खारिज कर दी गई हैं.