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मोनाजिर हसन ने प्रशांत किशोर की जन सुराज की जमकर की आलोचना, बोले- 'अपमानित महसूस कर रहा था' - PRASHANT KISHOR

जन सुराज की कोर कमेटी से इस्तीफा देने के बाद मोनाजिर हसन ने पार्टी की खुलकर आलोचना की है. संवाददाता रंजीत ने उनसे बात की.

Monazir Hassan resignation
मोनाजिर हसन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

पटना: प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की कोर कमेटी गठित होने के बाद से सवालों के घेरे में है. नेताओं की नाराजगी भी उभर कर सामने आ रही है. पार्टी के फाउंडर मेंबर और पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन ने कोर कमेटी से इस्तीफा देने के बाद खुलकर प्रशांत किशोर और जन सुराज के बारे में बोला है. उन्होंने कहा कि 151 लोगों की कोर कमेटी बना दी गई, किसी से पूछा तक नहीं.

इस्तीफे के बाद मोनाजिर हसन का खुलासा: 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर ने राजनीतिक दल का गठन किया और उपचुनाव में कूद पड़े. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की कोर कमेटी का गठन हो गया. कोर कमेटी में 125 नेताओं को जगह दी गई. मोनाजिर हसन ने कहा कि दुनिया के राजनीतिक इतिहास में 151 लोगों की कोर कमेटी होती ही नहीं है. कोर कमेटी का मतलब 11 आदमी या बहुत ज्यादा तो 15 आदमी होते हैं.

कमेटी का दायरा बढ़ाने की तैयारी: मिल रही जानकारी के मुताबिक कोर कमेटी के आकार को और बढ़ाने की योजना है. कोर कमेटी में 25 और नेताओं को जगह दी जाएगी और आंकड़ा है 151 तक ले जाया जाएगा. पार्टी के लोग छोटे कोर कमेटी की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उनकी उम्मीदों को झटका लगा.

पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन से खास बातचीत (ETV Bharat)

"हमलोगों को अपमानित महसूस हो रहा था. भीड़ का हिस्सा हमें नहीं बनना था. इसलिए हमने कोर कमेटी को छोड़ने का फैसला लिया. पार्टी का जो भी काम है अगर पार्टी के नेता और हमारे राय मशविरा से होगा तो हम उनके साथ हैं."- मोनाजिर हसन, पूर्व सांसद

'जन सुराज में नहीं है डेमोक्रेसी': मोनाजिर हसन ने कहा कि जन सुराज के अंदर डेमोक्रेसी है ही नहीं. कौन कमेटी बनाता है, कहां से नाम आ जाता है? पार्टी में डेमोक्रेसी नहीं है. मोनाजिर ने चुटकी लेते हुए कहा कि सारे फैसले आसमान से आते हैं. किसी को पता ही नहीं चलता है कि किससे पूछकर निर्णय लिया गया.

पीके के साथ रहेंगे या नहीं पर क्या बोले हसन: क्या कोर कमेटी से इस्तीफे के बाद पार्टी से भी मोनाजिर हसन इस्तीफा देंगे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी हम प्रशांत किशोर के साथ हैं. अगर वे सुधार लाते हैं तो आगे भी हम उनके साथ रहेंगे.

उपचुनाव लड़ने का फैसला गलत: मोनाजिर हसन ने कहा कि प्रशांत किशोर ने जल्दबाजी में उपचुनाव लड़ा. दरअसल उन्हें ये चुनाव लड़ना ही नहीं चाहिए था. प्रशांत किशोर छुटभैया नेताओं की बातों को सुनते हैं और काम करते हैं. 2 अक्टूबर को पार्टी के गठन के दिन पीके ने कहा था कि 25 का फैसला 24 को ही कर देते हैं. उसका नतीजा जीरो बट्टा सन्नाटा हुआ.

'मुसलमानों से वोट की उम्मीद': प्रशांत किशोर मुसलमानों को बोलते भी हैं और वोट की उम्मीद भी करते हैं. पीके कहते हैं कि हमें मुसलमानों का वोट नहीं चाहिए. अकलियत बहुत संवेदनशील कौम है, जो एक मिनट में इधर से उधर हो जाता है. लोगों ने पार्टी का बेड़ा गर्क कर दिया है. वेतन भोगी लोग नेताओं को डायरेक्शन देते हैं.

इन सुधारों को मोनाजिर ने बताया जरूरी: मोनाजिर हसन ने कहा कि जब तक पार्टी के अंदर लोकतंत्र स्थापित नहीं होगा तब तक पार्टी मजबूत नहीं होगी. लेकिन जरूरी है कि पार्टी के वरिष्ठ लोगों की राय ली जाए. जिन्हें पार्टी चलाने का तरीका पता है, अनुभव हैं, उनसे राय मशविरा करना चाहिए.

ये भी पढ़ें

'साथ काम करना संभव नहीं' प्रशांत किशोर की टीम से इस्तीफा देने वाले देवेंद्र यादव का बड़ा खुलासा

पटना: प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की कोर कमेटी गठित होने के बाद से सवालों के घेरे में है. नेताओं की नाराजगी भी उभर कर सामने आ रही है. पार्टी के फाउंडर मेंबर और पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन ने कोर कमेटी से इस्तीफा देने के बाद खुलकर प्रशांत किशोर और जन सुराज के बारे में बोला है. उन्होंने कहा कि 151 लोगों की कोर कमेटी बना दी गई, किसी से पूछा तक नहीं.

इस्तीफे के बाद मोनाजिर हसन का खुलासा: 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर ने राजनीतिक दल का गठन किया और उपचुनाव में कूद पड़े. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की कोर कमेटी का गठन हो गया. कोर कमेटी में 125 नेताओं को जगह दी गई. मोनाजिर हसन ने कहा कि दुनिया के राजनीतिक इतिहास में 151 लोगों की कोर कमेटी होती ही नहीं है. कोर कमेटी का मतलब 11 आदमी या बहुत ज्यादा तो 15 आदमी होते हैं.

कमेटी का दायरा बढ़ाने की तैयारी: मिल रही जानकारी के मुताबिक कोर कमेटी के आकार को और बढ़ाने की योजना है. कोर कमेटी में 25 और नेताओं को जगह दी जाएगी और आंकड़ा है 151 तक ले जाया जाएगा. पार्टी के लोग छोटे कोर कमेटी की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उनकी उम्मीदों को झटका लगा.

पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन से खास बातचीत (ETV Bharat)

"हमलोगों को अपमानित महसूस हो रहा था. भीड़ का हिस्सा हमें नहीं बनना था. इसलिए हमने कोर कमेटी को छोड़ने का फैसला लिया. पार्टी का जो भी काम है अगर पार्टी के नेता और हमारे राय मशविरा से होगा तो हम उनके साथ हैं."- मोनाजिर हसन, पूर्व सांसद

'जन सुराज में नहीं है डेमोक्रेसी': मोनाजिर हसन ने कहा कि जन सुराज के अंदर डेमोक्रेसी है ही नहीं. कौन कमेटी बनाता है, कहां से नाम आ जाता है? पार्टी में डेमोक्रेसी नहीं है. मोनाजिर ने चुटकी लेते हुए कहा कि सारे फैसले आसमान से आते हैं. किसी को पता ही नहीं चलता है कि किससे पूछकर निर्णय लिया गया.

पीके के साथ रहेंगे या नहीं पर क्या बोले हसन: क्या कोर कमेटी से इस्तीफे के बाद पार्टी से भी मोनाजिर हसन इस्तीफा देंगे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी हम प्रशांत किशोर के साथ हैं. अगर वे सुधार लाते हैं तो आगे भी हम उनके साथ रहेंगे.

उपचुनाव लड़ने का फैसला गलत: मोनाजिर हसन ने कहा कि प्रशांत किशोर ने जल्दबाजी में उपचुनाव लड़ा. दरअसल उन्हें ये चुनाव लड़ना ही नहीं चाहिए था. प्रशांत किशोर छुटभैया नेताओं की बातों को सुनते हैं और काम करते हैं. 2 अक्टूबर को पार्टी के गठन के दिन पीके ने कहा था कि 25 का फैसला 24 को ही कर देते हैं. उसका नतीजा जीरो बट्टा सन्नाटा हुआ.

'मुसलमानों से वोट की उम्मीद': प्रशांत किशोर मुसलमानों को बोलते भी हैं और वोट की उम्मीद भी करते हैं. पीके कहते हैं कि हमें मुसलमानों का वोट नहीं चाहिए. अकलियत बहुत संवेदनशील कौम है, जो एक मिनट में इधर से उधर हो जाता है. लोगों ने पार्टी का बेड़ा गर्क कर दिया है. वेतन भोगी लोग नेताओं को डायरेक्शन देते हैं.

इन सुधारों को मोनाजिर ने बताया जरूरी: मोनाजिर हसन ने कहा कि जब तक पार्टी के अंदर लोकतंत्र स्थापित नहीं होगा तब तक पार्टी मजबूत नहीं होगी. लेकिन जरूरी है कि पार्टी के वरिष्ठ लोगों की राय ली जाए. जिन्हें पार्टी चलाने का तरीका पता है, अनुभव हैं, उनसे राय मशविरा करना चाहिए.

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