ETV Bharat / state

मोहर्रम: काफिले हुसैनी के जुलूस को देख नम हो गईं अजादारों की आंखें - MOHARRAM 2024

लखनऊ में मोहर्रम (MOHARRAM 2024) की दो तारीख को नवास ए रसूल हजरत इमाम हुसैन और साथियों की याद में जूलूस निकाला गया. इसके पहले हुई मजलिसें को धर्म गुरुओं ने संबोधित किया और नवास ए रसूल हजरत इमाम हुसैन की खूबियां बयां की.

लखनऊ में निकाला गया काफिले हुसैनी का जुलूस.
लखनऊ में निकाला गया काफिले हुसैनी का जुलूस. (Photo Credit-Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 10, 2024, 7:44 AM IST

लखनऊ : माहे मोहर्रम की दो तारीख को नवास ए रसूल हजरत इमाम हुसैन और साथियों के कर्बला पहुंचने की याद में मंगलवार को आमदे काफिले हुसैनी का जुलूस निकाला गया. सआदतगंज स्थित कर्बला दियानुतदौला बहादुर परिसर में इदार ए सक्का ए-सकीना की ओर से निकले जुलूस में शामिल तबर्रुकात की अजादारों ने जियारत की और दुआएं मांगी. इससे पहले हुई मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने खिताब किया.

मजलिस को संबोधित करते मौलाना.
मजलिस को संबोधित करते मौलाना. (Photo Credit-Etv Bharat)

कर्बला दियानुतदौला बहादुर में जुलूस आमदे काफिल ए हुसैनी से पहले हुई मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने खिताब किया. मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने इमाम हुसैन और काफिले के कर्बला पहुंचने का मंजर बयान किया तो अजादार बेकरार हो उठे. मजलिस के बाद कर्बला परिसर में जुलूस काफिलए आमदे हुसैनी निकाला गया. जुलूस में आगे ऊंट पर बैठे हैदर अब्बास काफिले के कर्बला पहुंचने का जिक्र कर रहे थे.

मजलिस को संबोधित करते मौलाना.
मजलिस को संबोधित करते मौलाना. (Photo Credit-Etv Bharat)

मौलाना साबिर अली इमरानी ने काफिले के निकलने का मंजर बयान जिसे सुन अजादार खुद पर काबू न रख सके और जारो-कतार रोने लगे. जुलूस में ऊंटों पर अमारियां देख अजादार बेकरार हो उठे. जुलूस में हजरत इमाम हुसैन की निशानी जुलजनाह, हजरत अब्बास की निशानी अलम, इमाम हुसैन के छह महीने के मासूम जनाबे अली असगर की निशानी झूला, हरी झंडियां, अनाज व अन्य सामान लिए लोग शामिल थे. जिनकी अजादारों ने जियारत कर दुआएं मांगी. जुलूस कर्बला परिसर में गश्त कर सम्पन्न हुआ. जिसके बाद अजादारों ने जुलूस में शामिल तबर्रुकात की जियारत की.


मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि हरदोई रोड स्थित कर्बला अब्बास बाग की जमीन पर न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से लगातार निर्माण कराया जा रहा है. मौलाना ने कहा कि अगर 5 मोहर्रम तक कर्बला की जमीन बेचने और वहां निर्माण कराने वालों के खिलाफ एफआईआर और कार्रवाई न हुई तो 6 मोहर्रम को जिलाधिकारी आवास के पीछे बने इमामबाड़े में मजलिस पढ़ेंगे.

चौक मंडी स्थित इमामबाड़ा गुफरानमआब की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि अधिकारियों के भेदभाव और पक्षपातपूर्ण रवैए की वजह से सरकार को नुकसान पहुंच रहा है. मैंने अब्बास बाग की जमीन पर खुद जाकर देखा तो निर्माण होता मिला, जबकि वहां न्यायालय का स्थगन आदेश है. बावजूद इसके रातों में वहां निर्माण कराया जाता रहा है. वहां निरीक्षण के दौरान कुछ लोगों ने धार्मिक नारे लगा कर माहौल खराब करने का भी प्रयास किया. जिनके खिलाफ एफआईआर के लिए शिकायत की गई, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई.

यह भी पढ़ें : लखनऊ : कड़ी सुरक्षा के बीच शाही अंदाज में निकला पहली मोहर्रम का जुलूस

यह भी पढ़ें : Muharram 2022: इमाम हुसैन की याद में मातम, पुराने लखनऊ में निकाला गया नवी मोहर्रम का जुलूस

लखनऊ : माहे मोहर्रम की दो तारीख को नवास ए रसूल हजरत इमाम हुसैन और साथियों के कर्बला पहुंचने की याद में मंगलवार को आमदे काफिले हुसैनी का जुलूस निकाला गया. सआदतगंज स्थित कर्बला दियानुतदौला बहादुर परिसर में इदार ए सक्का ए-सकीना की ओर से निकले जुलूस में शामिल तबर्रुकात की अजादारों ने जियारत की और दुआएं मांगी. इससे पहले हुई मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने खिताब किया.

मजलिस को संबोधित करते मौलाना.
मजलिस को संबोधित करते मौलाना. (Photo Credit-Etv Bharat)

कर्बला दियानुतदौला बहादुर में जुलूस आमदे काफिल ए हुसैनी से पहले हुई मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने खिताब किया. मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने इमाम हुसैन और काफिले के कर्बला पहुंचने का मंजर बयान किया तो अजादार बेकरार हो उठे. मजलिस के बाद कर्बला परिसर में जुलूस काफिलए आमदे हुसैनी निकाला गया. जुलूस में आगे ऊंट पर बैठे हैदर अब्बास काफिले के कर्बला पहुंचने का जिक्र कर रहे थे.

मजलिस को संबोधित करते मौलाना.
मजलिस को संबोधित करते मौलाना. (Photo Credit-Etv Bharat)

मौलाना साबिर अली इमरानी ने काफिले के निकलने का मंजर बयान जिसे सुन अजादार खुद पर काबू न रख सके और जारो-कतार रोने लगे. जुलूस में ऊंटों पर अमारियां देख अजादार बेकरार हो उठे. जुलूस में हजरत इमाम हुसैन की निशानी जुलजनाह, हजरत अब्बास की निशानी अलम, इमाम हुसैन के छह महीने के मासूम जनाबे अली असगर की निशानी झूला, हरी झंडियां, अनाज व अन्य सामान लिए लोग शामिल थे. जिनकी अजादारों ने जियारत कर दुआएं मांगी. जुलूस कर्बला परिसर में गश्त कर सम्पन्न हुआ. जिसके बाद अजादारों ने जुलूस में शामिल तबर्रुकात की जियारत की.


मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि हरदोई रोड स्थित कर्बला अब्बास बाग की जमीन पर न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से लगातार निर्माण कराया जा रहा है. मौलाना ने कहा कि अगर 5 मोहर्रम तक कर्बला की जमीन बेचने और वहां निर्माण कराने वालों के खिलाफ एफआईआर और कार्रवाई न हुई तो 6 मोहर्रम को जिलाधिकारी आवास के पीछे बने इमामबाड़े में मजलिस पढ़ेंगे.

चौक मंडी स्थित इमामबाड़ा गुफरानमआब की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि अधिकारियों के भेदभाव और पक्षपातपूर्ण रवैए की वजह से सरकार को नुकसान पहुंच रहा है. मैंने अब्बास बाग की जमीन पर खुद जाकर देखा तो निर्माण होता मिला, जबकि वहां न्यायालय का स्थगन आदेश है. बावजूद इसके रातों में वहां निर्माण कराया जाता रहा है. वहां निरीक्षण के दौरान कुछ लोगों ने धार्मिक नारे लगा कर माहौल खराब करने का भी प्रयास किया. जिनके खिलाफ एफआईआर के लिए शिकायत की गई, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई.

यह भी पढ़ें : लखनऊ : कड़ी सुरक्षा के बीच शाही अंदाज में निकला पहली मोहर्रम का जुलूस

यह भी पढ़ें : Muharram 2022: इमाम हुसैन की याद में मातम, पुराने लखनऊ में निकाला गया नवी मोहर्रम का जुलूस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.