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शिमला विवादित मस्जिद निर्माण मामला: विधायक हरीश जनारथा की तीखी प्रतिक्रिया, कहा- बाहर की टेंशन अर्बन एरिया में न लाएं - Shimla Mosque Construction Case

MLA Harish Janartha on Controversial Mosque Construction: शिमला में विवादित मस्जिद निर्माण मामले पर विधायक हरीश जनारथा ने प्रदर्शनकारियों को नसीहत दी है कि बाहर की टेंशन को शिमला अर्बन में न लाएं. शिमला एक शांतिप्रिय क्षेत्र हैं. दो गुटों की लड़ाई को धर्म के साथ जोड़कर शहर की शांति को भंग न करें.

MLA Harish Janartha on Controversial Mosque Construction
शिमला विवादित मस्जिद निर्माण मामला पर हरीश जनारथा की प्रतिक्रिया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 1:08 PM IST

Updated : Sep 3, 2024, 1:42 PM IST

हरीश जनारथा, विधायक, शिमला शहरी (ETV Bharat)

शिमला: राजधानी शिमला के साथ लगते उपनगर संजौली में विवादित मस्जिद निर्माण को लेकर विधायक हरीश जनारथा ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा ने प्रदर्शनकारियों को नसीहत दी है कि बाहर की टेंशन को शिमला अर्बन में लाना गलत है. उन्होंने कहा कि शहर के बाहर दो गुटों के बीच हुए झगड़े को धर्म से जोड़कर शिमला शहर की शांति को भंग न करें.

विधायक हरीश जनारथा ने कहा, "ये विवाद दो गुटों के आपसी झगड़े के कारण पैदा हुआ है. जो झगड़ा मल्याणा क्षेत्र में हुआ है. इस मुद्दे को बढ़ाया जा रहा है. शिमला शहर के बाहर अन्य क्षेत्र में हुए झगड़े को मल्याणा सहित सिमिट्री व भट्टाकुफर के पार्षद ने मिलकर शिमला शहरी क्षेत्र के तहत संजौली में पहुंचा दिया है. पुलिस को इस झगड़े को लेकर मामला दर्ज करने के पहले की आदेश जारी किए गए थे. जो गलत है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. शिमला में जिस तरीके से हिंदू-मुसलमान का माहौल बनाया गया, ये गलत है. शिमला एक शांतिप्रिय जगह है. ये घटना बाहर की है, लेकिन प्रदर्शन हमारे विधानसभा क्षेत्र में किया गया."

मस्जिद निर्माण मामले पर विधायक की प्रदर्शनकारियों को नसीहत (ETV Bharat)

पार्षदों को दी नसीहत

विधायक हरीश जनारथा ने कहा, "संजौली में दो छोटी और बड़ी मस्जिद है. जहां तक अवैध मस्जिद की बात कर रहे हैं तो ये मस्जिद 1950 से पहले की है. यहां जो अवैध निर्माण हुआ है उसका मामला वर्ष 2009-10 से कोर्ट में चल रहा है. जिसकी सुनवाई शनिवार को है. इस केस को वक्फ बोर्ड लड़ रहा है. हमारे ध्यान में जून में तीन अवैध बाथरूम निर्माण का मामला आया था तो उसे तोड़ दिया गया था. ये मामला कई सालों से चल रहा है. इस बीच कई सरकारें आ और जा चुकी हैं. कोर्ट में मामला चल रहा है. कोर्ट सड़कों पर नहीं लगते हैं. ये कानून और नियमों के तहत चलते हैं. उन्होंने कहा कि संजौली में हुए प्रदर्शन में एक पार्टी के लोग थे उसमें हमारे दो से तीन पार्षद भी थे. बाकी सारे लोग साथ लगते वार्डों से थे. इसमें शिमला अर्बन के लोग शामिल नहीं थे. इस मामले में किसी धर्म समुदाय पर बोलना उचित नहीं है. निर्माण अवैध हुआ है तो कानून इसमें अपनी कार्रवाई करेगा कोई पार्षद नहीं."

क्या है मामला ?

शिमला के संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर काफी समय सवाल उठ रहे थे. बीते दिनों शिमला के मल्याणा में दो गुटों में झगड़ा हो गया है. जिसमे कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया. जिसके बाद इस विवाद ने रफ्तार पकड़ी और इसका गुस्सा रविवार को शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फूटा. प्रदर्शनकारियों ने मल्याणा में हुई मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई व मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर SP ने एम्स के प्रशिक्षु चिकित्सकों पर की कार्रवाई, काटा 5 हजार रुपये का चालान

हरीश जनारथा, विधायक, शिमला शहरी (ETV Bharat)

शिमला: राजधानी शिमला के साथ लगते उपनगर संजौली में विवादित मस्जिद निर्माण को लेकर विधायक हरीश जनारथा ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा ने प्रदर्शनकारियों को नसीहत दी है कि बाहर की टेंशन को शिमला अर्बन में लाना गलत है. उन्होंने कहा कि शहर के बाहर दो गुटों के बीच हुए झगड़े को धर्म से जोड़कर शिमला शहर की शांति को भंग न करें.

विधायक हरीश जनारथा ने कहा, "ये विवाद दो गुटों के आपसी झगड़े के कारण पैदा हुआ है. जो झगड़ा मल्याणा क्षेत्र में हुआ है. इस मुद्दे को बढ़ाया जा रहा है. शिमला शहर के बाहर अन्य क्षेत्र में हुए झगड़े को मल्याणा सहित सिमिट्री व भट्टाकुफर के पार्षद ने मिलकर शिमला शहरी क्षेत्र के तहत संजौली में पहुंचा दिया है. पुलिस को इस झगड़े को लेकर मामला दर्ज करने के पहले की आदेश जारी किए गए थे. जो गलत है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. शिमला में जिस तरीके से हिंदू-मुसलमान का माहौल बनाया गया, ये गलत है. शिमला एक शांतिप्रिय जगह है. ये घटना बाहर की है, लेकिन प्रदर्शन हमारे विधानसभा क्षेत्र में किया गया."

मस्जिद निर्माण मामले पर विधायक की प्रदर्शनकारियों को नसीहत (ETV Bharat)

पार्षदों को दी नसीहत

विधायक हरीश जनारथा ने कहा, "संजौली में दो छोटी और बड़ी मस्जिद है. जहां तक अवैध मस्जिद की बात कर रहे हैं तो ये मस्जिद 1950 से पहले की है. यहां जो अवैध निर्माण हुआ है उसका मामला वर्ष 2009-10 से कोर्ट में चल रहा है. जिसकी सुनवाई शनिवार को है. इस केस को वक्फ बोर्ड लड़ रहा है. हमारे ध्यान में जून में तीन अवैध बाथरूम निर्माण का मामला आया था तो उसे तोड़ दिया गया था. ये मामला कई सालों से चल रहा है. इस बीच कई सरकारें आ और जा चुकी हैं. कोर्ट में मामला चल रहा है. कोर्ट सड़कों पर नहीं लगते हैं. ये कानून और नियमों के तहत चलते हैं. उन्होंने कहा कि संजौली में हुए प्रदर्शन में एक पार्टी के लोग थे उसमें हमारे दो से तीन पार्षद भी थे. बाकी सारे लोग साथ लगते वार्डों से थे. इसमें शिमला अर्बन के लोग शामिल नहीं थे. इस मामले में किसी धर्म समुदाय पर बोलना उचित नहीं है. निर्माण अवैध हुआ है तो कानून इसमें अपनी कार्रवाई करेगा कोई पार्षद नहीं."

क्या है मामला ?

शिमला के संजौली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर काफी समय सवाल उठ रहे थे. बीते दिनों शिमला के मल्याणा में दो गुटों में झगड़ा हो गया है. जिसमे कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया. जिसके बाद इस विवाद ने रफ्तार पकड़ी और इसका गुस्सा रविवार को शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फूटा. प्रदर्शनकारियों ने मल्याणा में हुई मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई व मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर SP ने एम्स के प्रशिक्षु चिकित्सकों पर की कार्रवाई, काटा 5 हजार रुपये का चालान

Last Updated : Sep 3, 2024, 1:42 PM IST
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