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मिर्जापुर लोकसभा सीट: बीजेपी से बगावत, कभी साइकिल से चलते थे बिंद, अब अनुप्रिया के लिए बने चुनौती - Lok Sabha Election 2024

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल खिलाफ सपा ने रमेश चंद बिंद को प्रत्याशी बनाकर एक साथ दो लोकसभा सीटों के समीकरण को साधने की कोशिश की है. ऐसे में देखना होगा कि अखिलेश यादव की यह रणनीति कितनी कामयाब होती है.

Mirzapur Lok Sabha seat
मिर्जापुर लोकसभा सीट (photo source etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 18, 2024, 6:31 PM IST

मिर्जापुर: यूपी की हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार मिर्जापुर लोकसभा सीट से सपा सुप्रीमो ने डेढ़ महीने बाद प्रत्याशी राजेन्द्र एस बिंद का टिकट काट कर अब रमेश चंद बिंद को मैदान में उतार कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. सपा ने रमेश बिंद को मिर्जापुर से लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर मंझवा क्षेत्र के भारी संख्या वाले बिंद मतदाताओं को साधने की कोशिश की है. तो भदोही में अपने सहयोगी टीएमसी नेता ललितेश पति त्रिपाठी को भी मजबूत करने की कोशिश किया है. कह सकते हैं कि अखिलेश यादव ने एक साथ दो सीटों को साधने की कोशिश की है.

बता दें कि, रमेश चंद बिंद तीन बार मझवां से विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में बीजेपी से भदोही लोकसभा से सांसद है. बीजेपी ने टिकट काट दिया तो सपा पार्टी ने रमेश बिंद को प्रत्याशी बना कर मिर्जापुर लोकसभा में बिंद और अन्य पिछड़ा कार्ड खेल दिया है. इसके बाद अब अपना दल एस और सपा प्रत्याशी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. चुनावी मैदान में उनका मुकाबला अपना दल सोनेलाल पार्टी के प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल और बीएसपी प्रत्याशी मनीष त्रिपाठी के साथ अपना दल कमेरावादी के प्रत्याशी दौलत सिंह पटेल से होगा.

रमेश बिंद के अब तक के राजनितिक सफर की बात करें तो बसपा से सामाजिक मिशन के साथ एक कार्यकर्ता के तौर उन्होंने बसपा में इंट्री एक साधारण कार्यकर्ता के तौर हुई थी. विधानसभा चुनाव 2002 बसपा ने मझवां विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा और चुनाव जीतने में सफल रहे. इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. बसपा की ही टिकट पर मझवां विधानसभा से लगातार तीन बार विधायक रहे.

लोकसभा चुनाव 2014 में बसपा से विधायक रहते हुए पत्नी समुद्रा बिंद को बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ाया और वह दूसरे स्थान पर रहीं. बीजेपी के लहर में 2017 के विधान सभा के चुनाव में रमेश चंद बिंद हार गए. इसके बाद बीएसपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर पार्टी से निकाल दिया. फिर 2019 में बीजेपी की सदस्यता लेकर भदोही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ गए और जीत हासिल की.

रमेश चंद बिंद कक्षा 9वीं पास है. तीन बार के विधायक और वर्तमान में सांसद रमेश चंद बिंद के पास 20,747 रुपये नकदी हैं. जबकि उनकी पत्नी समुद्रा देवी के पास 16,18,494 रुपये नकद है. इसके अलावा रमेश बिंद के कई बैंकों में पैसा जमा है. उनके पास 1,11,04,073 रुपये की कुल संपत्ति है. जबकि उनकी पत्नी के पास कुल संपत्ति 72,97,803 रुपये की है. रमेश बिंद के पास एंबुलेंस, टोयोटा कार और फॉर्च्यूनर वाहन है, तो वहीं पत्नी समुद्रा बिंद के नाम स्कॉर्पियो और मारुति सुजुकी वाहन है.

ये खबर भी पढ़ें:मोदी सरकार की करोड़पति मंत्री अनुप्रिया पटेल हैं 18 लाख की कर्जदार, गहने तो हैं पर कार नहीं

मिर्जापुर: यूपी की हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार मिर्जापुर लोकसभा सीट से सपा सुप्रीमो ने डेढ़ महीने बाद प्रत्याशी राजेन्द्र एस बिंद का टिकट काट कर अब रमेश चंद बिंद को मैदान में उतार कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. सपा ने रमेश बिंद को मिर्जापुर से लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर मंझवा क्षेत्र के भारी संख्या वाले बिंद मतदाताओं को साधने की कोशिश की है. तो भदोही में अपने सहयोगी टीएमसी नेता ललितेश पति त्रिपाठी को भी मजबूत करने की कोशिश किया है. कह सकते हैं कि अखिलेश यादव ने एक साथ दो सीटों को साधने की कोशिश की है.

बता दें कि, रमेश चंद बिंद तीन बार मझवां से विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में बीजेपी से भदोही लोकसभा से सांसद है. बीजेपी ने टिकट काट दिया तो सपा पार्टी ने रमेश बिंद को प्रत्याशी बना कर मिर्जापुर लोकसभा में बिंद और अन्य पिछड़ा कार्ड खेल दिया है. इसके बाद अब अपना दल एस और सपा प्रत्याशी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. चुनावी मैदान में उनका मुकाबला अपना दल सोनेलाल पार्टी के प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल और बीएसपी प्रत्याशी मनीष त्रिपाठी के साथ अपना दल कमेरावादी के प्रत्याशी दौलत सिंह पटेल से होगा.

रमेश बिंद के अब तक के राजनितिक सफर की बात करें तो बसपा से सामाजिक मिशन के साथ एक कार्यकर्ता के तौर उन्होंने बसपा में इंट्री एक साधारण कार्यकर्ता के तौर हुई थी. विधानसभा चुनाव 2002 बसपा ने मझवां विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा और चुनाव जीतने में सफल रहे. इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. बसपा की ही टिकट पर मझवां विधानसभा से लगातार तीन बार विधायक रहे.

लोकसभा चुनाव 2014 में बसपा से विधायक रहते हुए पत्नी समुद्रा बिंद को बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ाया और वह दूसरे स्थान पर रहीं. बीजेपी के लहर में 2017 के विधान सभा के चुनाव में रमेश चंद बिंद हार गए. इसके बाद बीएसपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर पार्टी से निकाल दिया. फिर 2019 में बीजेपी की सदस्यता लेकर भदोही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ गए और जीत हासिल की.

रमेश चंद बिंद कक्षा 9वीं पास है. तीन बार के विधायक और वर्तमान में सांसद रमेश चंद बिंद के पास 20,747 रुपये नकदी हैं. जबकि उनकी पत्नी समुद्रा देवी के पास 16,18,494 रुपये नकद है. इसके अलावा रमेश बिंद के कई बैंकों में पैसा जमा है. उनके पास 1,11,04,073 रुपये की कुल संपत्ति है. जबकि उनकी पत्नी के पास कुल संपत्ति 72,97,803 रुपये की है. रमेश बिंद के पास एंबुलेंस, टोयोटा कार और फॉर्च्यूनर वाहन है, तो वहीं पत्नी समुद्रा बिंद के नाम स्कॉर्पियो और मारुति सुजुकी वाहन है.

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