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पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए इस साल प्रदेश में 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य : संजय शर्मा - EK PED MAA KE NAM

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने इसल साल 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.

वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा
वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 12, 2025, 1:39 PM IST

Updated : Feb 12, 2025, 1:55 PM IST

अलवर : प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए इस बार प्रदेश में 10 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. पिछली साल प्रदेश में 7 करोड़ पौधे लगाए गए थे. वन मंत्री बुधवार को अलवर के सामान्य अस्पताल स्थित नर्सिंग कॉलेज परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.

वन मंत्री संजय शर्मा ने नर्सिंग कॉलेज में पौधरोपण करने के बाद प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को एक पेड़ मां के नाम अभियान में अधिकाधिक पेड़ लगाने के निर्देश दिए. इससे पूर्व वन मंत्री शर्मा ने नर्सिंग कॉलेज में मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि पिछले साल पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में प्रदेश में 7 करोड़ पौधे लगाए गए थे. इस बार प्रदेश में 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

पढ़ें. रचा इतिहास: 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में बना विश्व रिकॉर्ड, 12 घंटे में लगाए 1 करोड़ 46 लाख से अधिक पौधे - word record in plantations

ईआरसीपी अब होगी रामसेतु : वन मंत्री ने प्रदेश में पेयजल समस्या को लेकर कहा कि ईआरसीपी का नाम बदलकर अब रामसेतु किया गया है. इसमें राजस्थान का 'रा' और मध्य प्रदेश का 'म' लिया गया है. रामसेतु योजना में राजस्थान के 21 जिलों को शामिल किया गया है, जिसमें अलवर जिला भी शामिल है. इस योजना से आमजन को पेयजल और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा.

सिलीसेढ़ योजना में लगेगा एक साल : वन मंत्री संजय शर्मा ने अलवर में पानी की समस्या के संबंध में कहा कि जब तक रामसेतु योजना धरातल पर नहीं आती, तब तक अलवर शहर को सिलीसेढ़ बांध से पानी उपलब्ध कराने के लिए बोरिंग का कार्य किया जा रहा है. यह कार्य एक साल में पूरा हो जाएगा. सिलीसेढ़ से पानी लाने की योजना का टेंडर और वर्क ऑर्डर हो चुके हैं. इसके अलावा अलवर शहर में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अमृत जल योजना के तहत 128 बड़े बोर कराए जाएंगे. ये बोरिंग उन क्षेत्रों में कराए जाएंगे, जहां पर टेल एंड में पानी नहीं आता. ये बोरिंग उन क्षेत्रों में कराए जाएंगे, जहां जमीन में पानी पर्याप्त मात्रा में है. इसके अलावा विधायक कोटे की पूरी राशि 5 करोड़ केवल बोरिंग के लिए स्वीकृत की गई है. इन प्रयास से आगामी समय में अलवरवासियों को पानी की समस्या से निजात मिल पाएगी.

अलवर : प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए इस बार प्रदेश में 10 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. पिछली साल प्रदेश में 7 करोड़ पौधे लगाए गए थे. वन मंत्री बुधवार को अलवर के सामान्य अस्पताल स्थित नर्सिंग कॉलेज परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.

वन मंत्री संजय शर्मा ने नर्सिंग कॉलेज में पौधरोपण करने के बाद प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को एक पेड़ मां के नाम अभियान में अधिकाधिक पेड़ लगाने के निर्देश दिए. इससे पूर्व वन मंत्री शर्मा ने नर्सिंग कॉलेज में मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि पिछले साल पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में प्रदेश में 7 करोड़ पौधे लगाए गए थे. इस बार प्रदेश में 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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ईआरसीपी अब होगी रामसेतु : वन मंत्री ने प्रदेश में पेयजल समस्या को लेकर कहा कि ईआरसीपी का नाम बदलकर अब रामसेतु किया गया है. इसमें राजस्थान का 'रा' और मध्य प्रदेश का 'म' लिया गया है. रामसेतु योजना में राजस्थान के 21 जिलों को शामिल किया गया है, जिसमें अलवर जिला भी शामिल है. इस योजना से आमजन को पेयजल और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा.

सिलीसेढ़ योजना में लगेगा एक साल : वन मंत्री संजय शर्मा ने अलवर में पानी की समस्या के संबंध में कहा कि जब तक रामसेतु योजना धरातल पर नहीं आती, तब तक अलवर शहर को सिलीसेढ़ बांध से पानी उपलब्ध कराने के लिए बोरिंग का कार्य किया जा रहा है. यह कार्य एक साल में पूरा हो जाएगा. सिलीसेढ़ से पानी लाने की योजना का टेंडर और वर्क ऑर्डर हो चुके हैं. इसके अलावा अलवर शहर में पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अमृत जल योजना के तहत 128 बड़े बोर कराए जाएंगे. ये बोरिंग उन क्षेत्रों में कराए जाएंगे, जहां पर टेल एंड में पानी नहीं आता. ये बोरिंग उन क्षेत्रों में कराए जाएंगे, जहां जमीन में पानी पर्याप्त मात्रा में है. इसके अलावा विधायक कोटे की पूरी राशि 5 करोड़ केवल बोरिंग के लिए स्वीकृत की गई है. इन प्रयास से आगामी समय में अलवरवासियों को पानी की समस्या से निजात मिल पाएगी.

Last Updated : Feb 12, 2025, 1:55 PM IST
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