गोरखपुर: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचे. उन्होंने वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला परिसर में महंत अवेद्यनाथ ज्ञान-विज्ञान पार्क के निर्माण का निरीक्षण किया. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसका निर्माण वर्ष 2025 में हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर योगी सरकार साइंस पार्क और नक्षत्रशाला बनाने जा रही है. इसके माध्यम से छात्रों और बच्चों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मंडलों के जिलाधिकारियों को इस बाबत उनके कार्यालय से पत्र जारी करते हुए, जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गई है. उसके आधार पर प्रस्ताव को तैयार कर शासन को भेजा जा सके और नक्षत्रशाला के साथ साइंस पार्क के निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि आगरा, बरेली, वाराणसी, बांदा जैसे शहरों में जमीन मिल गई है. आगरा में निर्माण के लिए डीपीआर भी तैयार हो गया है. वाराणसी में बहुत जल्द निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि नक्षत्रशाला और साइंस पार्क के बनने के साथ ही इससे छात्रों को जोड़ने की पहल भी होगी. इसके लिए एक डिजिटल मोबाइल वैन के साथ बस की भी व्यवस्था मंत्रालय करने के लिए विचार में ले रखा है. शैक्षिक संस्थाओं को इससे जोड़ा जाएगा, जिससे छात्र यहां टूर के रूप में ही आकर ज्ञान-विज्ञान के उद्भव और विकास की जानकारी से खुद को जोड़ सकेंगे.
मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि गोरखपुर की नक्षत्रशाला काफी पुरानी हो गई थी. इसे वर्तमान आधुनिकी के साथ तैयार करने की जरूरत थी, इसलिए करीब 20 करोड़ के बजट से इसके नवनिर्माण के साथ जीर्णोद्धार कराया जा रहा है, इसमें नए वैज्ञानिक उपकरण लगेंगे. जिससे आने वाले लोगों को खगोलीय घटनाओं और विज्ञान की बेहतर जानकारी मिल सकेगी. इसमें पार्किंग, फूड कोर्ट समेत कई और भी सुविधाएं होंगी जो आने वाले छात्रों और पर्यटकों को लुभाएंगी.
इस दौरान उन्होंने देश में बाबा साहब आंबेडकर को लेकर चल रहे विवाद पर भी अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कभी भी डाॅ. आंबेडकर और संविधान की रक्षा और सम्मान के लिए काम नहीं किया. जब समाजवादी पार्टी के सांसद लोकसभा के अंदर संविधान को फाड़ सकते हैं. सपा उसके विरोध में खड़ी हो सकती है, जिससे लोगों को प्रोन्नति में आरक्षण की सुविधा मिलनी बंद हो गई, तब कांग्रेस की सरकार थी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी डाॅ. आंबेडकर की हितैषी नहीं रही. संविधान सभा में जाने के लिए डाॅ. आंबेडकर को संसद सदस्य होना जरूरी था, लेकिन कांग्रेस ने उनके पीए को उनके सामने लड़ाकर चुनाव में जिता दिया, फिर कांग्रेस कैसे कहती है कि वह डाॅ. आंबेडकर की हितैषी है. कांग्रेस के शासनकाल में कभी डाॅ. आंबेडकर को भारत रत्न नहीं मिला. जब बीपी सिंह की सरकार आई तो वर्ष 1989 में उन्हें भारत रत्न मिला. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी डाॅ. आंबेडकर और संविधान के मुद्दे पर बेनकाब हैं. उन्हें देश के गृहमंत्री अमित शाह पर टिप्पणी करने या उनका इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं है.
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