सहारनपुर : घर की आर्थिक तंगी मिटाने के लिए मां ने अपने दोनों बेटों को विदेश भेजा. जैसे-तैसे 5 लाख रुपये का इंतजाम किया. बात कुवैत भेजने की हुई थी, लेकिन बेटे पहुंच गए सऊदी अरब, वो भी टूरिस्ट वीजा पर. ब्याज पर लिए गए पैसे अब चुकाने मुश्किल हैं, और परेशानी ये कि बेटे विदेश में फंस गए हैं. उनकी मां बेटों की सकुशल वापसी के लिए इधर-उधर भटक रही है. मां ने पीएम मोदी से भी गुहार लगाई है. साथ ही मांग की है कि उसके पैसे भी वापस दिलाए जाएं.
सहारनपुर की बेहट तहसील क्षेत्र की रहने वाली नुसरत बेगम के साथ ने प्रधानमंत्री को पोर्टल पर एक पत्र लिखकर अपनी व्यथा साझा की है. बताया है कि वे आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं.अपने बच्चों की परवरिश के लिए संघर्ष कर रही हैं. गरीबी के कारण उन्होंने अपने बच्चों को विदेश भेजने का फैसला किया, ताकि वे वहां जाकर अच्छा पैसा कमा सकें और परिवार की स्थिति सुधार सकें.
बताया कि गांव में किसी ने सलाह दी कि विदेश में काम करने से अधिक पैसा मिलता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है. इसी दौरान एक एजेंट गुलफान से उनकी मुलाकात हुई. जिसने दावा किया कि वह उनके बच्चों को कुवैत भेज सकता है, जहां उन्हें 35,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा. एजेंट ने इस प्रक्रिया के लिए 5,00,000 रुपये की मांग की. नुसरत बेगम ने ब्याज पर पैसे लेकर एजेंट को दिए और अपने दोनों बेटों अरशद और अरसील को विदेश भेजने की तैयारी की.
एजेंट ने पहले तो वादा किया कि वह उनके बेटों को कुवैत भेज देगा, लेकिन बाद में कहा कि कुवैत का वीजा नहीं लग सका. उसने आश्वासन दिया कि वह उन्हें सऊदी अरब भेज देगा, जहां उन्हें अच्छा काम मिलेगा. तीन महीने पहले एजेंट ने टूरिस्ट वीजा लगाकर बच्चों को सऊदी भेज दिया, जिससे वे वहां फंस गए. उनके बच्चों को वहां कोई रोजगार नहीं मिला है. उनके पास खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं है, रहने का कोई ठिकाना नहीं है.
नुसरत बेगम ने जब एजेंट से अपने बच्चों को वापस लाने और अपने पैसे लौटाने की मांग की, तो उसने टालमटोल करना शुरू कर दिया. उसने पैसे लौटाने से मना कर दिया और कोई ठोस जवाब नहीं दिया. पीड़िता ने बताया कि उन्होंने एजेंट को पैसे सावेज और बबलू नामक दो व्यक्तियों की मौजूदगी में दिए थे. अब न तो उनके बच्चों की वापस आने की कोई उम्मीद है और न ही पैसे वापस मिल रहे हैं.
नुसरत बेगम को अब डर है कि उनके बच्चों के साथ कुछ अनहोनी न हो जाए, क्योंकि वहां पर अन्य बच्चे भी लापता हो चुके हैं. उन्हें चिंता सता रही है कि अगर उनके बच्चों के साथ कुछ बुरा हो गया, तो वे किससे न्याय मांगेंगी. उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि उनके बच्चों को सऊदी अरब से वापस लाने की व्यवस्था की जाए और एजेंट के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही, उन्होंने मांग की है कि एजेंट से उनके 5,00,000 रुपये वापस दिलाए जाएं, क्योंकि यह रकम उन्होंने ब्याज पर उधार ली थी.