जयपुर. आदिवासी समाज को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान पर बीते दिनों सड़क से सदन तक हंगामा हुआ. पूरा विपक्ष शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग पर पड़ा हुआ है. 10 जुलाई को जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होगी, तब भी ये मुद्दा सदन में गूंजने की संभावना है. इस बीच शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर आदिवासी समाज को हिंदू बताते हुए कहा है कि कुछ राष्ट्रद्रोही ताकतें बंटवारा करने की कोशिश कर रही हैं, उनके मंसूबे विफल होंगे.
आदिवासी और हिंदू में बंटवारा करने की कोशिश : भारत आदिवासी पार्टी से सांसद राजकुमार रोत के 'आदिवासी हिंदू नहीं हैं' इस बयान से शुरू हुआ विवाद अब शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग तक जा पहुंचा है. रोत के बयान के बाद शिक्षा मंत्री ने आदिवासियों का डीएनए टेस्ट करने और उसके बाद देश में रहने वाले हर एक व्यक्ति को आदिवासी और हिंदू बताते हुए अपने बयान पर स्पष्टीकरण भी दिया था. अब उन्होंने ये तक कह दिया कि कुछ राष्ट्रद्रोही ताकतें आदिवासी और हिंदू में बंटवारा करने की कोशिश कर रही हैं.
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सभी हिंदू है, हिंदू थे और हिंदू रहेंगे : शिक्षा मंत्री ने हाल ही में जयपुर में हुए शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में उनके इस्तीफे की मांग पर अड़े विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि देश में निवास करने वाले सभी आदिवासी हैं. अनादि काल से धरती पर रहने वाले सभी आदिवासी हैं और ये सभी हिंदू हैं, हिंदू थे और हिंदू रहेंगे. कोई दुनिया की ताकत इसमें बंटवारा नहीं कर सकती है. कुछ राष्ट्रद्रोही ताकतें इसमें बंटवारा करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनके मंसूबे विफल होंगे.
वहीं, शिक्षा विभाग में 6 अगस्त से तबादले को लेकर एक समाचार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे पूरी तरह निराधार और सत्यता से परे बताते हुए शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है. भविष्य में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के फैसले के बाद ट्रांसफर का निर्णय लिया जाएगा. ऐसे में गलत और भ्रामक समाचार पर ध्यान नहीं दें.