मेरठ : जिले के जाने-माने एक्सपोर्ट कारोबारियों के घरों पर ईडी की छापेमारी में 32 करोड़ के हीरे मिले. पिछले 5 दिनों से ईडी की टीम शहर में है. मामले में एक पूर्व आईएएस का भी नाम सामने आया है. बताया जा रहा है कि पूर्व आईएएस की मिलीभगत से प्रोजेक्ट में निवेश के नाम पर 426 करोड़ रुपये का गबन किया गया. मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए यह धांधली की गई. ईडी की इस रेड के बाद शहर के अन्य कारोबारियों में भी खलबली मची हुई है. ईडी अब कारोबारियों के रिश्तेदारों की भी संपत्ति का ब्यौरा जुटा रही है. हालांकि पुलिस-प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा. पूरी कार्रवाई जांच एजेंसियां ही कर रहीं हैं.
ईडी, लखनऊ ने मेसर्स हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड , इसके प्रमोटरों/निदेशकों और अन्य द्वारा की गई धोखाधड़ी के संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 17.09.2024 और 18.09.2024 को दिल्ली, नोएडा, मेरठ, चंडीगढ़ और गोवा में 18 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान के…
— ED (@dir_ed) September 20, 2024
ईडी की टीम ने कारोबारियों के दिल्ली, नोएडा, मेरठ, चंडीगढ़ और गोवा के 12 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान कुल 42.56 करोड़ रुपये की नकदी, हीरे समेत करोड़ों रुपये की कीमत वाली संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए. ईडी की जांच में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं. मामले में एक पूर्व आईएएस का नाम भी सामने आया है. प्राथमिक जांच में पता चला कि एक्सपोर्ट कंपनी के मालिकों की अरबों रुपये की संपत्ति है. हीरे कब खरीदे हैं, इसको लेकर ईडी कारोबारियों से पूछताछ कर सकती है.
अगस्त 2024 में प्राइम लोकेशन पर 91 करोड़ की जमीन मेरठ विकास प्राधिकरण से बोली लगाकर खरीदी गई. इस पर ग्रुप हाउसिंग बनाने की तैयारी है. जांच में सामने आया कि पूर्व आईएएस ने बेशकीमती हीरे दिल्ली से खरीदे थे. उन्होंने टीम की पूछताछ में बताया कि ज्वैलर्स से उनकी करीब 30 वर्ष से मित्रता है. उनके पास नकदी ज्यादा होने की वजह से उन्होंने हीरे में निवेश किया था.
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