लखनऊ: मायावती शासनकाल में यूपी पुलिस में अपना रुतबा चलाने वाले और बसपा सुप्रीमो के बहुत खास रहे सेवानिवृत्ति आईपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने उनको ज्वाइन करवाया. प्रेम प्रकाश बतौर दलित चेहरा बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. इस मौके पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि नरेंद्र मोदी को एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए महायज्ञ चल रहा है. इसमें समाज का प्रत्येक वर्ग अपनी आहुति दे रहा है.
प्रेम प्रकाश लखनऊ में डीआईजी और एसएसपी के पद पर तैनात रहे थे. इसके अलावा कानपुर में भी महत्वपूर्ण पद पर रहे. यही नहीं एडीजी प्रयागराज की पोस्ट पर रहते हुए वह सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहे. समाज के अलग-अलग वर्ग की मदद में वे आगे आते रहे.
मगर बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान उन पर यह भी आरोप लगा कि वे जातिगत आधार पर भेदभाव करते थे. प्रेम प्रकाश सीनियर आईएएस 1993 बैच ने भाजपा की सदस्यता ली. ब्रजेश पाठक ने कहा कि मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए महायज्ञ चल रहा है. इस यज्ञ में सभी अपनी अपनी आहुति दे रहे हैं.
विपक्षी गठबंधन पूरी तरह से डी-रेल हो गया है. सपा की अराजकता को आज तक लोग भूले नहीं हैं. सपा शासन में 1000 से ज्यादा दंगे हुए थे. आज उत्तर प्रदेश में कानून का राज है. केजरीवाल जैसा बहरूपिया आज तक कहीं नहीं देखा. केजरीवाल को महिलाओं से माफी मांगना चाहिए.
इस दौरान रिटायर आईपीएस अफसर प्रेम प्रकाश बोले, सपा सरकार में पुलिस पर माफिया के केस खत्म करने का बहुत दबाव रहता था. इसी तरह बसपा सुप्रीमो मायावती सरकार असल में नौकरशाह चलाते थे. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मनबढ़ हैं. वे डीएम-एसपी तक की गाड़ियां चेक करते थे. इनकी सरकार दोबारा आई तो फिर से माफियाराज आ जाएगा.
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