रोहतास: बिहार के रोहतास में सिंचाई विभाग कार्यालय परिसर में बिहार राज्य सिंचाई विभाग मौसमी कर्मचारी संघ के तत्वावधान में अनशन कर रहे कर्मियों ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. अनशन पर बैठे कर्मियों ने सोमवार 8 जुलाई को सरकार व मुख्य अभियंता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बता दें कि अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर 8 कर्मी पिछले 8 दिनों से आमरण अनशन पर हैं.
क्या है मामला: जिले के डेहरी में सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय कैम्पस में बिहार राज्य सिंचाई विभाग मौसमी कर्मचारी संघ के तत्वाधान में पिछले एक जुलाई से ही कर्मी भूख हड़ताल पर बैठे हैं. कर्मियों ने बताया कि छंटनी, निजीकरण, मास्टररोल के घोटाले की जांच सहित 16 सूत्री मांगों को लेकर वे लोग हड़ताल पर हैं. मुख्य अभियंता के द्वारा अभी तक न उनलोगों की बात नहीं सुनी गई और न ही किसी भी तरह का आश्वासन दिया गया.
"सरकार और सिंचाई विभाग के अधिकारी मौसमी कर्मियों का शोषण करने में लगे हैं. 2022-23 में काम करने वाले कर्मियों की बिना किसी सूचना के छंटनी कर दी गई, जिस कारण नहरों के टेल एन एंड तक पानी पहुंचना मुश्किल हो गया है. किसानों का पटवन में परेशानी होगी."- मोहम्मद सत्तार अंसारी, बिहार राज्य सिंचाई विभाग मौसमी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष
15 से 16 घंटे ली जाती ड्यूटीः बिहार राज्य सिंचाई विभाग मौसमी कर्मचारी संघ के इम्तियाज भारती ने बताया कि मौसमी कर्मचारियों की ड्यूटी 8 घंटों की होती है, लेकिन 15 से 16 घंटे ड्यूटी ली जाती है. ऐसे में जब वो लोग शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करते हैं तो सिंचाई विभाग के अधिकारियों के द्वारा उन्हें हटा दिया जाता है. मोहम्मद सत्तार ने कहा कि पिछले 8 दिनों से हम सभी भूख हड़ताल पर हैं. सरकार व उनके अधिकारी आंख कान बंद किए हैं. ऐसे में हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो हम आत्मदाह करने को भी तैयार हैं.
क्या-क्या हैं प्रमुख मांगेंः सोन नहर प्रणाली के साथ-साथ बिहार के सबसे पुरानी नहर प्रणाली यहां है. इस नहर प्रणाली से करीब 8 जिलों के नहर से खेतों में पटवन होता है. नहर का पक्कीकरण नहीं होने तथा इंद्रपुरी बराज के लिए बनाए गए कदवन जलाशय योजना का कार्य धीमी गति से चलने के कारण नहर के टेल एंड तक पानी नहीं पहुंच पाता है. सरकार से कदवन जलाशय योजना का अविलंब निर्माण करने, सोन नहर प्रणाली के साथ साथ नहर प्रणाली का पक्कीकरण, कर्मचारियों की सेवा नियमित करने, इंदपुरी डेहरी व अन्य जगहों से हटाए गए कर्मियों को सेवा में वापस लेने सहित 16 प्रमुख मांगें की हैं.
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