अजमेर: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में साइंस विषय की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए नियुक्त परीक्षक की ओर से मनमाना रवैया सामने आया है. मामले को गंभीर मानते हुए शिक्षा विभाग ने अजमेर के भगवानगंज क्षेत्र में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय की वरिष्ठ अध्यापक निमिषा रानी को निलंबित कर दिया है. बता दें कि यह मामला शिक्षा विभाग और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि शिक्षा मंत्री तक भी जा पहुंचा है.
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि बोर्ड की वर्ष 2024 में विज्ञान विषय की उत्तर पुस्तिकाओं का परीक्षक ने मूल्यांकन नहीं किया. परीक्षक ने सीधे तौर पर हर उत्तर पुस्तिका में केवल योग अंक देकर गंभीर लापरवाही बरती है. शर्मा ने बताया कि इस मामले में बोर्ड की ओर से जांच कमेटी गठित की गई है. उन्होंने बताया कि रिटोटलिंग में इस तरह के प्रकरण आते हैं. जिसमें मूल्यांकन में दिए गए अंकों में परिवर्तन देखने को मिलता है या परीक्षक किसी तरह की कमी छोड़ देते हैं. इस प्रकरण में जिस प्रकार विवरण सामने आए हैं उसको देखते हुए लग रहा है कि परीक्षा में गंभीर लापरवाही बरती है.
उन्होंने बताया कि मूल्यांकन के कार्य में यदि किसी प्रकार की लापरवाही की सामने आती है, तो उसे बोर्ड की ओर से मूल्यांकन कार्य से डीबार किया जाता है. साथ ही माध्यमिक निदेशालय शिक्षा विभाग को संबंधित परीक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा जाता है. उन्होंने बताया कि तथ्यों की जांच की जा रही है. जिस प्रकार के भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
इधर यह मामला शिक्षा मंत्री मदन दिलावर तक जाने के बाद शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया. मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर अजमेर संभाग में संयुक्त निदेशक ने वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान (परीक्षक) निमिषा रानी विज्ञान विषय की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं कर केवल योग में अंक प्रदान किये जाने को गंभीर मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी. साथ ही शिक्षिका निमिषा रानी को निलंबित किया गया है. उनका निलंबन काल नागौर जिले के भैरूंदा में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में होगा.