पटना: बिहार भाजपा के लिए 2025 विधानसभा चुनाव चुनौती है. वहीं चुनौतियों से निपटने के लिए पार्टी ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. बूथ स्तर से लेकर जिला अध्यक्ष स्तर तक के पदाधिकारी का चुनाव कराया जा रहा है. दिसंबर महीने के अंत तक तमाम पदाधिकारी चुन लिए जाएंगे. तमाम जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर मुहर लगाएंगे. साल के अंत तक संगठनात्मक चुनाव संपन्न कर लिए जाएंगे. प्रदेश कमेटी को लेकर भी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने तैयारी कर ली है.
दिलीप जायसवाल का बड़ा ऐलान: भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. दिलीप जायसवाल ने प्रदेश कमेटी के गठन के संकेत दिए हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रदेश कमेटी का गठन मकर संक्रांति के ठीक बाद हो जाएगा. दही चूड़ा खाने के बाद बिहार में नई प्रदेश कमेटी आपको देखने को मिलेगी.
"बूथ अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष का चुनाव शीघ्र कर लिया जाएगा. इसके बाद प्रदेश कमेटी के गठन को अंतिम रूप दिया जाएगा. प्रदेश कमेटी का गठन मकर संक्रांति के ठीक बाद हो जाएगा."-दिलीप जायसवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
बदले जा सकते हैं चार महामंत्री: वर्तमान समय में भाजपा के चार प्रदेश महामंत्रियों पर तलवार लटकी हुई है. तीन प्रदेश महामंत्री को अलग जिम्मेदारी दी जा चुकी है. राजेश वर्मा, जगन्नाथ ठाकुर और ललन मंडल को 20 सूत्री में अकोमोडेट किया गया है. ललन मंडल को 20 सूत्री में उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा जगन्नाथ ठाकुर और राजेश वर्मा बीस सूत्री में सदस्य बनाए जा चुके हैं.
इन्हें किया जाएगा संगठन की जिम्मेदारी से अलग: पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष शीला प्रजापति को बाल संरक्षण आयोग में जगह मिली है, तो दो महामंत्री लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. दोनों चुनाव हार भी गए हैं. मिथिलेश तिवारी और शिवेश राम प्रदेश महामंत्री हैं. मिथिलेश तिवारी बक्सर से लोकसभा चुनाव लड़े थे, जबकि शिवेश राम सासाराम से उम्मीदवार थे. संभव है कि जिन्हें चुनावी राजनीति में पार्टी ने उतारा है, उन्हें संगठन की जिम्मेदारी से अलग किया जा सकता है.
एक साल में दूसरी बार प्रदेश कमेटी के गठन के आसार: बता दें कि 2024 में ही भाजपा ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था और सम्राट चौधरी ने अपनी कमेटी गठित की थी. इस बात को लेकर एक साल भी नहीं बीते कि नई प्रदेश कमेटी के गठन की नौबत आ गई है. एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा था. वहीं भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में ही 2025 के विधानसभा चुनाव होंगे.
कमेटी के गठन की तैयारी में दिलीप जायसवाल: वहीं वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि हर प्रदेश अध्यक्ष अपनी कमेटी के जरिए काम करना चाहता है. भले ही सम्राट चौधरी ने कमेटी का गठन किया हो लेकिन दिलीप जायसवाल अपनी कमेटी का गठन करना चाहेंगे. 2025 में विधानसभा चुनाव हैं और चुनाव को देखते हुए दिलीप जायसवाल अपनी कमेटी के गठन की तैयारी कर रहे हैं. वहीं जिन्हें प्रदेश कमेटी में जगह नहीं देनी है, उन्हें अलग जिम्मेदारी दी जा चुकी है.
"हर प्रदेश अध्यक्ष अपनी कमेटी के जरिए काम करना चाहता है. इसी वजह 2025 विधानसभा चुनाव से पहले दिलीप जायसवाल अपनी कमेटी के गठन की तैयारी कर रहे हैं. जिन्हें प्रदेश कमेटी में जगह नहीं देनी है, उन्हें वो अलग जिम्मेदारी दे चुके हैं."-कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक
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