शिमला: हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई की रात को बारिश ने भारी तबाही मचाई है. कुल्लू, रामपुर, मंडी में बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं के बाद से कई लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लापता हैं. इसके साथ ही कई सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, नदियां पूरे उफान पर हैं. इसके कारण कई मकान खतरे की जद में आ चुके हैं. मौके पर प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू में जुटी हुई है.
राजधानी शिमला में रामपुर के झाकड़ी में आज सुबह तड़के समेज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के नजदीक बादल फटा है, इससे इलाके में भारी तबाही हुई है. 36 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि एक की मौत हो चुकी है. बादल फटने की सूचना मिलते ही रामपुर उपमंडल प्रशासन, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, होमगार्ड और मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंच गए.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि, 'बादल फटने के कारण प्रभावित क्षेत्र से 36 लोगों के लापता होने की सूचना है. सड़कें भी जगह-जगह से टूट गई हैं इसके कारण रेस्क्यू टीम दो किलोमीटर पैदल चल कर उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंची है. टीमों ने घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है. आईटीबीपी, स्पेशल होम गार्ड की टुकड़ी को भी रेस्क्यू दल में शामिल किया गया है. सारी टीमें एक जुट होकर रेस्क्यू कार्यों में जुटी हुई है. एंबुलेंस समेत सभी प्रबंध मौके पर किए गए हैं. आपदा में लापता लोगों की खोज के लिए रेस्क्यू टीम की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. लोगों को बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है.'
पधर में फटा बादल
मंडी के पधर उपमंडल के थालूकोट में बादल फटने की घटना के बाद 9 लोग लापता हैं. एक बुजुर्ग महिला का शव बरामद हो चुका है, जबकि एक युवक घायल हुआ है. मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन मलबे में फंसे हुए लोगों तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि मंडी जिला प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ के साथ एयरफोर्स से मदद मांगी है. सड़कें और रास्ते टूट जाने के कारण घटनास्थल तक पहुंचना आसान नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं.
कुल्लू में भी भारी तबाही
श्रीखंड महादेव यात्रा के रास्ते में बीती रात के समय बादल फटने की घटना सामने आई है. बीती रात करीब एक बजे कुल्लू में निरमंड के जाओं गांव में बादल फटने से कुर्पन खड्ड में फ्लैश फ्लड आ गया और खड्ड का जलस्तर बढ़ गया, जिससे श्रीखंड महादेव यात्रा का पहला पड़ाव सिंहगाड बेस कैंप बह गया दर्जनों दुकानें चपेट में आई हैं. तहसीलदार निरमंड जय गोपाल शर्मा ने बताया कि, '7 से 10 लोगों के लापता होने की सूचना है. जिसमें एक परिवार के 5 लोगों और एक बुजुर्ग महिला, दो नेपाली मूल के लोग लापता हैं.' फ्लड के कारण निरमंड के बागीपुल में बस स्टेंड, पुल, करीब 10 मकान और 20 गाड़ियां बाढ़ में बह गई हैं, जबकि केदस और ढरोपा तक जगह-जगह पुल बहने से लोगों के आवागमन का संपर्क पूरी तरह से कट गया है. पुलिस और प्रशासन की टीम भी बागी पुल के लिए रवाना हो गई हैं और इसके अलावा एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच रही हैं, ताकि प्रभावित लोगों के लिए राहत बचाव कार्य किया जा सके. डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया कि, 'बीती रात हुई बारिश से पार्वती और ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है. ऐसे में लोग नदी नालों का रुख बिल्कुल भी न करें.'
मलाणा में फटा बादल
वहीं, कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी में मलाणा में बीती रात को बादल फटने से मलाणा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे पार्वती नदी में बाढ़ आ गई है और शाट सब्जी मंडी का भवन भी बाढ़ की चपेट में आ गया है. इसके अलावा जिया और आसपास के ग्रामीण इलाकों को भी खतरा पैदा हो गया है. जिला प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को वहां से हटाना शुरू कर दिया है. इसके अलावा मनाली के पलचान में भी ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है, जिसके चलते कई जगह पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं.
पंडोह बाजार में घुसने लगा ब्यास का पानी
मंडी जिले के पंडोह बाजार में एक बार फिर ब्यास नदी का पानी घुसने लगा है. लोगों ने अपने अपना सामान निकालकर घरों को खाली करना शुरू कर दिया है. बीते साल भी साल पंडोह बाजार पूरी तरह से जलमग्न हो गया था. बीबीएमबी प्रबंधन हूटर बजाकर और अनांउसमेंट कर लोगों को लगातार सचेत कर रहा है. पंडोह डैम से भी काफी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, इससे निचलने इलाके भी खतरे की चपेट में आ सकते हैं.
डूबने लगा पंचवक्त्र मंदिर
वहीं, एक बार फिर मंडी का प्राचीन पंचवक्त्र महादेव मंदिर ब्यास में डूबना शुरू हो गया है. बीते साल भी प्राचीन मंदिर ब्यास नदी में डूब गया था. ब्यास नदी का बड़ा जलस्तर, खतरे के निशान से ऊपर चले जाने से हालात बीते साल की तरह होते नजर आ रहे हैं. ब्यास नदीं पर बने पंडोह डैम के 3 फ्लड गेट खोल दिए गए हैं. चंडीगढ़-मनाली एनएच नालों में आई बाढ़ और मलबे के कारण कई स्थानों पर बंद हो गया था. प्रशासन की टीमों ने मौके पर पहुंचकर एक तरफ से आवाजाही के लिए बहाल कर दिया है. वही, करसोग उपमंडल में सभी स्कलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है.
सीएम ने गृह मंत्री से की बातचीत
वहीं, सीएम सुक्खू ने बादल फटने की घटनाओं के बाद सचिवालय में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है. सीएम ने गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की है. उन्होंने ने गृहमंत्री को प्रदेश में पैदा हुए हालातों के बारे में गृह मंत्री को अवगत करवाया है. सीएम आज दोपहर बाद रामपुर में घटनास्थल का दौरा करेंगे.
हेल्पलाइन नंबर जारी
वहीं, सरकार ने खतरे को देखते हुए पूरे प्रदेश में हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं. ये हेल्पलाइन नंबर 24ंx7 काम करेंगे. हिमाचल में आने वाले तीन से चार दिन मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. ऐसे में किसी भी खतरे की स्थिति में इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है. सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को हर दम तैयार रहने के लिए कहा है.
एक बार फिर प्रदेश में बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं के बाद से बीते साल की तरह हालात बनते जा रहे हैं. 2023 में साल हिमाचल के लिए भयावह था. सुबह घर से निकले कई लोग वापस घर नहीं लौट पाए. हिमाचल को 2023 की आपदा में हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. 2023 में हिमाचल 509 लोगों की मौत हुई थी. 9712 करोड़ रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई. यही नहीं, 2944 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए. इसके अलावा 12304 घरों को नुकसान हुआ. पशु धन की व्यापक तबाही हुई और राज्य भर में 7250 गोशालाएं नष्ट हो गई. चंडीगढ़-शिमला हाईवे सहित कुल्लू मनाली में हाईवे बह गए थे.