ETV Bharat / state

फलों से लद जाएगा पेड़, आम के बौर का बस ऐसे रखें ख्याल, हो जाएंगे मालामाल - MANGO BLOSSOM CARE

पाउडरी मिल्ड्यू और सूटी मोल्ड बीमारी के कारण बौर झड़ने लगते हैं. जानिए किन दवाओं के छिड़काव से बौर को झड़ने से बचा सकते हैं.

MANGO BLOSSOM CARE
आम के बौर को झड़ने से बचाने करें दवाओं का छिड़काव (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 15, 2025, 9:37 PM IST

Updated : Feb 15, 2025, 10:44 PM IST

शहडोल: फरवरी का महीना चल रहा है और बसंत ऋतु की शुरुआत भी हो चुकी है. तापमान हर दिन बढ़ रहा है और गर्मी का भी एहसास होने लगा है. वहीं, आम के पेड़ इन दिनों फूलों से लदे हुए हैं, उनमें अच्छे-खासे बौर आ चुके हैं. ऐसे में अगर आप आम की फसल से आगामी सीजन में पैसे कमाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना होगा.

पाउडरी मिल्ड्यू बीमारी से बौर को बचाने के उपाय

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "आम के पेड़ों में इस समय बहुत अच्छे बौर आए हुए हैं. इसमें हमें थोड़ी बहुत देख-रेख करना है. इन दिनों बौर में एक पाउडरी मिल्ड्यू नामक बीमारी होती है. इसमें सफेद पाउडर या सफेद रुई जैसी आम के पत्तों पर बनते हुए दिखेगा. जिससे आम के फूल पूरे झड़ जाते हैं. इस बीमारी की रोकथाम के लिए 2 ग्राम प्रति लीटर घुलनशील सल्फर पानी में घोल कर छिड़काव करना होता है. इसके अलावा 0.5 ग्राम प्रति लीटर डायनो कैप नामक दवा पानी में घोलकर छिड़काव करके पाउडरी मिल्ड्यू बीमारी से राहत पा सकते हैं."

सूटी मोल्ड बीमारी से बौर को बचाने के उपाय (ETV Bharat)

सूटी मोल्ड बीमारी से बौर को बचाने के उपाय

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "पेड़ में बौर आने के दौरान दूसरी जो सबसे बड़ी समस्या होती है, वह सुटी मोल्ड बीमारी है. इस बीमारी में आम के पत्तों में काले-काले धब्बे पड़ जाते हैं. इसका मुख्य कारण कुछ इंसेक्ट होते हैं जो रस चूसक कीट होते हैं. ये पत्तियों की निचली सतह में छिपे हुए रहते हैं. अधिक गर्मी होने पर ये एक लिक्विड छोड़ते हैं, जिसके कारण बौर झड़ने लगता है, जिसे सूटी मोल्ड बीमारी कहते हैं.

MANGO TREE FUNGUS CONTROL TIPS
पाउडरी मिल्ड्यू बीमारी से बौर को बचाने के उपाय (ETV Bharat)

ऐसे में यदि बौर में मधुमक्खी नहीं आए हो तो एमिडा क्लोपिड नामक दवा 10 एमएल प्रति लीटर पानी में घोलकर, इसमें 25 से 30 ग्राम कार्बेंडा जिम मैंकोजेब नामक कवक नासी मिलाकर छिड़काव करना होता है. लेकिन यदि बौर में मधुमक्खी आ गई हो तो हमें एमिडा क्लोपिड नामक दवा का छिड़काव नहीं करना है.

इसके जगह पर नीम तेल जैविक कीटनाशक 5 एमएल प्रति लीटर पानी में घोलना है. उसके साथ 25 से 30 ग्राम कवक नासी कार्बेंडाजिम और मैनकोजेब लेकर दोनों को मिलाकर छिड़काव करना है. ऐसे में सूटी मोल्ड बीमारी खत्म हो जाएगी और कीट नियंत्रण में फायदा मिलेगा. इस तरह से आम में अच्छे बौर आएंगे और पेड़ पर अच्छे फल लगेंगे."

शहडोल: फरवरी का महीना चल रहा है और बसंत ऋतु की शुरुआत भी हो चुकी है. तापमान हर दिन बढ़ रहा है और गर्मी का भी एहसास होने लगा है. वहीं, आम के पेड़ इन दिनों फूलों से लदे हुए हैं, उनमें अच्छे-खासे बौर आ चुके हैं. ऐसे में अगर आप आम की फसल से आगामी सीजन में पैसे कमाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना होगा.

पाउडरी मिल्ड्यू बीमारी से बौर को बचाने के उपाय

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "आम के पेड़ों में इस समय बहुत अच्छे बौर आए हुए हैं. इसमें हमें थोड़ी बहुत देख-रेख करना है. इन दिनों बौर में एक पाउडरी मिल्ड्यू नामक बीमारी होती है. इसमें सफेद पाउडर या सफेद रुई जैसी आम के पत्तों पर बनते हुए दिखेगा. जिससे आम के फूल पूरे झड़ जाते हैं. इस बीमारी की रोकथाम के लिए 2 ग्राम प्रति लीटर घुलनशील सल्फर पानी में घोल कर छिड़काव करना होता है. इसके अलावा 0.5 ग्राम प्रति लीटर डायनो कैप नामक दवा पानी में घोलकर छिड़काव करके पाउडरी मिल्ड्यू बीमारी से राहत पा सकते हैं."

सूटी मोल्ड बीमारी से बौर को बचाने के उपाय (ETV Bharat)

सूटी मोल्ड बीमारी से बौर को बचाने के उपाय

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "पेड़ में बौर आने के दौरान दूसरी जो सबसे बड़ी समस्या होती है, वह सुटी मोल्ड बीमारी है. इस बीमारी में आम के पत्तों में काले-काले धब्बे पड़ जाते हैं. इसका मुख्य कारण कुछ इंसेक्ट होते हैं जो रस चूसक कीट होते हैं. ये पत्तियों की निचली सतह में छिपे हुए रहते हैं. अधिक गर्मी होने पर ये एक लिक्विड छोड़ते हैं, जिसके कारण बौर झड़ने लगता है, जिसे सूटी मोल्ड बीमारी कहते हैं.

MANGO TREE FUNGUS CONTROL TIPS
पाउडरी मिल्ड्यू बीमारी से बौर को बचाने के उपाय (ETV Bharat)

ऐसे में यदि बौर में मधुमक्खी नहीं आए हो तो एमिडा क्लोपिड नामक दवा 10 एमएल प्रति लीटर पानी में घोलकर, इसमें 25 से 30 ग्राम कार्बेंडा जिम मैंकोजेब नामक कवक नासी मिलाकर छिड़काव करना होता है. लेकिन यदि बौर में मधुमक्खी आ गई हो तो हमें एमिडा क्लोपिड नामक दवा का छिड़काव नहीं करना है.

इसके जगह पर नीम तेल जैविक कीटनाशक 5 एमएल प्रति लीटर पानी में घोलना है. उसके साथ 25 से 30 ग्राम कवक नासी कार्बेंडाजिम और मैनकोजेब लेकर दोनों को मिलाकर छिड़काव करना है. ऐसे में सूटी मोल्ड बीमारी खत्म हो जाएगी और कीट नियंत्रण में फायदा मिलेगा. इस तरह से आम में अच्छे बौर आएंगे और पेड़ पर अच्छे फल लगेंगे."

Last Updated : Feb 15, 2025, 10:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.