मंदसौर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता अपने संगठन के सम्मेलन को लेकर सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों को आमंत्रित करने के लिए पहुंच रहे हैं. ये छात्र एक मिशनरी स्कूल में इसी उद्देश्य को लेकर पहुंचे. इस पर स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में छात्रों के पैरेंट्स से संपर्क करने की सलाह दी. इससे एबीवीपी के छात्र भड़क गए. छात्रों ने वहां जमकर तोड़फोड़ कर दी. साथ ही मिशनरी स्कूल के संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उन्होंने स्कूल में मिशनरी के अलावा सभी धर्म के महापुरुषों की तस्वीरे नहीं लगाई तो वे स्कूल पर ताला जड़ देंगे.
स्कूल में स्वामी विवेकानंद की तस्वीर क्यों नहीं
गुरुवार दोपहर को एबीवीपी के कार्यकर्ता महू-नीमच रोड स्थित सीनियर सेकेंडरी सेंट थॉमस स्कूल पहुंचे. उन्होंने छात्रों को उनके सम्मेलन में भागीदारी करने का निमंत्रण दिया. इसी दौरान जब स्कूल के फीस काउंटर और रिसेप्शन हॉल में पहुंचे तो वहां उन्हे वहां स्वामी विवेकानंद और मां सरस्वती की तस्वीरे नहीं दिखाई दी. इसके बाद कार्यकर्ता नाराज हो गए. कार्यकर्ताओं ने प्रबंधन से विवाद शुरू कर दिया. स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को सम्मेलन में भेजने से इनकार कर दिया. प्रबंधन का कहना है कि वह विद्यालय से सीधे छात्रों को किसी निजी कार्यक्रम में नहीं भेज सकते.
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पुलिस की समझाइश पर मुश्किल से शांत हुए छात्र
इसके बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने स्कूल के प्राचार्य और फादर से विवाद किया. इसी दौरान आक्रोशित छात्रों ने तोड़फोड़ कर दी. इस घटनाक्रम के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और अधिकारियों ने कार्यकर्ताओं को समझाइश दी. लेकिन कार्यकर्ताओं ने वहीं धरना देकर स्कूल में स्वामी विवेकानंद और मां सरस्वती की तस्वीर लगाने की बात कही. काफी देर हंगामे के बाद पुलिस अधिकारियों ने कार्यकर्ताओं को समझाया और तब जाकर वे रवाना हुए.