मंडला: जिसके बाजुओं में हो दम, वहीं यहां जिंदा रहेगा जंगल राज में. जी हां जंगल का अपना राज और अपना अलग कानून होता है. यहां जब तक आपके बाजुओं में दम है, आप जिंदा हैं. जिस दिन कमजोर हुए समझो जीवन समाप्त. ऐसा ही मामला कान्हा टाइगर रिजर्व से सामने आया है. जहां वर्चस्व की लड़ाई में मादा बाघ को अपनी जान गंवानी पड़ गई.
10-12 साल की थी मादा बाघ
जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र किसली अंतर्गत 2 बाघों की लड़ाई में 1 मादा बाघ की मौत हो गई. मादा बाघ की उम्र करीब 10-12 वर्ष बताई जा रही है. एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) नई दिल्ली एवं कार्यालय मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक मध्य प्रदेश भोपाल से जारी दिशा निर्देश के अनुरूप त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल को सुरक्षित किया गया. जिसके बाद डॉग स्क्वाड की सहायता से घटना स्थल और उसके आस-पास छानबीन की गई. वहीं, वन्य जीव चिकित्सक ने बताया वन्यजीव मादा बाघ के सभी अंग सुरक्षित पाए गए.
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नियमानुसार किया गया अंतिम संस्कार
कान्हा नेशनल पार्क के क्षेत्र संचालक रविन्द्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि "हमको सूचना मिली थी कि किसली जोन के चिमटा कैंप में बाघ का शव मिला है. हमने अपने समस्त स्टाफ के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर क्षेत्र को सुरक्षित किया. मादा बाघ जिसकी उम्र 10 से 12 वर्ष की थी, उसकी मौत हुई है. चिकित्सीय प्रक्रिया के बाद नियमानुसार बाघ का अंतिम संस्कार कर दिया गया." बताया गया कि इस दौरान निर्धारित प्रक्रिया के तहत समस्त क्रियाओं की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई है. इस मामले में वन अपराध प्रकरण दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई जारी है.