मंडला. जिले का शिक्षा विभाग इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन ये चर्चा किसी अच्छे काम के लिए नहीं बल्कि सरकार के एक नियम की धज्जियां उड़ाने को लेकर है. दरअसल, यहां शासन के नियमों को ताक पर रखकर एक शिक्षक द्वारा सरकारी नौकरी की जा रही है. शिक्षक तीन बच्चों के पिता हैं, जिसके बावजूद बड़े आराम से सरकारी नौकरी कर रहे हैं. मामला सामने आने के बाद जिला शिक्षा विभाग ने शिक्षक पर एक्शन लेने की बात कही है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, प्राथमिक शाला बैगाटोला में पदस्थ शिक्षक मनोहर लाल मार्को की तीन संतानें हैं. इसके बावजूद वे सरकारी नौकरी कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि उन्होंने सरकारी नियमों को ताक पर रखा है और प्रशासन को गलत जानकारी देकर नौकरी हासिल की है. दरअसल, सरकार के नियम के मुताबिक 2001 के बाद तीसरी संतान होने पर शासकीय नौकरी के लाभ नहीं लिए जा सकते. फिर भी मंडला जिले में कई ऐसे शासकीय सेवक हैं, जो अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में शासन-प्रशासन को अंधेरे में रखे हुए हैं.
हम इस दायरे में नहीं आते!
चौंकाने वाली बात ये है कि 2 से ज्यादा संतानें होने के बावजूद कई लोग सरकारी पदों पर पदस्थ हैं पर विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है. जब पत्रकारों ने शिक्षक मनोहर लाल मार्को से इस संबंध में सवाल किए तो उन्होंने कहा कि हम प्राथमिक शिक्षक हैं और हम इस दायरे में नहीं आते हैं.
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जब हमने जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त लाल शाह जागेत से जानकारी ली तो उन्होंंने कहा, '' 2001 के बाद अगर किसी शासकीय कर्मचारी की तीसरी संतान है, या फिर जिसकी तीन संतान हैं और वो गलत जानकारी देकर नौकरी करता है तो उसपर ही निश्चित कार्रवाई होगी, ऐसे लोग भ्रम में हैं. जिसने भी गलत जानकारी दी है, उसकी जांच शुरू होगी और तथ्यों के आधार पर जो भी कानून में प्रावधान हैं, वो कार्रवाई होगी. कानून सबके लिए एक है.'