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माले विधायक सत्यदेव राम और विधायक अमरजीत कुशवाहा बरी, सिवान के चर्चित चिलमरवा कांड में 11 साल बाद आया फैसला - Siwan Chilmarva Incident - SIWAN CHILMARVA INCIDENT

Siwan Chilmarva Incident: सिवान के चर्चित चिलमरवा कांड मामले में शनिवार को एमपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए माले विधायक सत्यदेव राम और जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा को बरी कर दिया है. इसके साथ ही मामले में नामजद अन्य सभी 8 आरोपियों को भी बरी कर दिया गया है.

Siwan Chilmarva Incident
सिवान के चर्चित चिलमरवा कांड पर सुनवाई आज
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 30, 2024, 3:09 PM IST

Updated : Mar 30, 2024, 4:06 PM IST

चिलमरवा कांड में कोर्ट से बाइज्जत बरी हुए आरोपी विधायक

सिवान: बिहार के सिवान जिले में हुए चर्चित चिलमरवा कांड को लेकर आज फैसला सुनाया गया. जहां एमपी एमएलए कोर्ट के एडीजे 3 ने दोनों माले विधायक सत्यदेव राम और जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा को बरी कर दिया है. बता दें कि पिछले गुरुवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

भावुक हुए दोनों विधायक: कोर्ट के इस फैसले के बाद से माले समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. वहीं, कोर्ट परिषर से निकलते हुए दोनों विधायक अमर जीत कुशवाहा एवं सत्यदेव राम की आंखों में आंसू देखे गए. दोनों विधायकों ने भावुक होकर कोर्ट परिसर से निकलते हुए कहा कि, ''मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा था, हम लोगों पर मन गढंत आरोप लगाए गए थे, वह गलत साबित हुए. एक लंबी लड़ाई लड़नी के बाद आज हमारी जीत हुई.''

6 जुलाई 2013 का मामला: दरअसल, पूरा मामला 6 जुलाई 2013 का है. जहां गैर मजरवुआ जमीन पर कब्जा करने के लिए दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई. इसमें से एक पक्ष माले कार्यकर्ताओं का था. इस दौरान मारपीट के साथ गोलीबारी की घटना को भी अंजाम दिया गया था, जिसमें बेलौर गांव के राज नारायण उर्फ राजू सिंह और मुकेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जबकि विश्राम मिश्रा घायल हो गए थे.

''हम लोगों को 11 साल पहले राजनीतिक साजिश करके चिलमरवा कांड में फंसाया गया. इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी. उस कांड में जितने लोग भी नामजद थे सबको कोर्ट ने बाइज्जत रिहा किया. हम लोगों को कोर्ट से न्याय मिला है''- अमरजीत कुशवाहा, विधायक, सीपीआई(एमएल)

दो माले विधायक थे नामजद: घटना के बाद मृतक के परिजनों ने इस मामले में गुठनी थाना में माले विधायक सत्यदेव राम, जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा समेत अन्य के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उस समय सत्यदेव राम एवं अमरजीत कुशवाहा विधायक नहीं थे. बाद में माले पार्टी से चुनाव लड़ सत्यदेव राम जेल में रहते हुए विधायक बन गए.

''हम न्यायालय के सामने 11 वर्षों तक अपनी बेगुनाही की सफाई देते रहे. और वो लोग झूठ परोसते रहे. लंबी सुनवाई के बाद जज ने पाया कि जो भी तथ्य इस केस में दिया गया है सब फर्जी है. सत्यदेवराम ने जो बोला है वो सही है. इस आधार पर कोर्ट ने सभी लोगों को बरी कर दिया''- सत्यदेव राम, विधायक, सीपीआई(एमएल)

11 साल बाद आएगा फैसला: ऐसे में आज आने वाले फैसले को लेकर पुलिस की ओर से सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम किए गए है. कोर्ट के बाहर दंगा नियंत्रण वाहन भी खड़ी है. इसके साथ ही कोर्ट परिसर में माले विधायक के समर्थक घूमते दिख रहे है. बता दें कि 11 साल बाद इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

इसे भी पढ़े- पार्टी का दिया निर्देश हमारे लिए आचार संहिता -भाकपा माले विधायक सत्यदेव राम

चिलमरवा कांड में कोर्ट से बाइज्जत बरी हुए आरोपी विधायक

सिवान: बिहार के सिवान जिले में हुए चर्चित चिलमरवा कांड को लेकर आज फैसला सुनाया गया. जहां एमपी एमएलए कोर्ट के एडीजे 3 ने दोनों माले विधायक सत्यदेव राम और जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा को बरी कर दिया है. बता दें कि पिछले गुरुवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

भावुक हुए दोनों विधायक: कोर्ट के इस फैसले के बाद से माले समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. वहीं, कोर्ट परिषर से निकलते हुए दोनों विधायक अमर जीत कुशवाहा एवं सत्यदेव राम की आंखों में आंसू देखे गए. दोनों विधायकों ने भावुक होकर कोर्ट परिसर से निकलते हुए कहा कि, ''मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा था, हम लोगों पर मन गढंत आरोप लगाए गए थे, वह गलत साबित हुए. एक लंबी लड़ाई लड़नी के बाद आज हमारी जीत हुई.''

6 जुलाई 2013 का मामला: दरअसल, पूरा मामला 6 जुलाई 2013 का है. जहां गैर मजरवुआ जमीन पर कब्जा करने के लिए दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई. इसमें से एक पक्ष माले कार्यकर्ताओं का था. इस दौरान मारपीट के साथ गोलीबारी की घटना को भी अंजाम दिया गया था, जिसमें बेलौर गांव के राज नारायण उर्फ राजू सिंह और मुकेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जबकि विश्राम मिश्रा घायल हो गए थे.

''हम लोगों को 11 साल पहले राजनीतिक साजिश करके चिलमरवा कांड में फंसाया गया. इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी. उस कांड में जितने लोग भी नामजद थे सबको कोर्ट ने बाइज्जत रिहा किया. हम लोगों को कोर्ट से न्याय मिला है''- अमरजीत कुशवाहा, विधायक, सीपीआई(एमएल)

दो माले विधायक थे नामजद: घटना के बाद मृतक के परिजनों ने इस मामले में गुठनी थाना में माले विधायक सत्यदेव राम, जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा समेत अन्य के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उस समय सत्यदेव राम एवं अमरजीत कुशवाहा विधायक नहीं थे. बाद में माले पार्टी से चुनाव लड़ सत्यदेव राम जेल में रहते हुए विधायक बन गए.

''हम न्यायालय के सामने 11 वर्षों तक अपनी बेगुनाही की सफाई देते रहे. और वो लोग झूठ परोसते रहे. लंबी सुनवाई के बाद जज ने पाया कि जो भी तथ्य इस केस में दिया गया है सब फर्जी है. सत्यदेवराम ने जो बोला है वो सही है. इस आधार पर कोर्ट ने सभी लोगों को बरी कर दिया''- सत्यदेव राम, विधायक, सीपीआई(एमएल)

11 साल बाद आएगा फैसला: ऐसे में आज आने वाले फैसले को लेकर पुलिस की ओर से सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम किए गए है. कोर्ट के बाहर दंगा नियंत्रण वाहन भी खड़ी है. इसके साथ ही कोर्ट परिसर में माले विधायक के समर्थक घूमते दिख रहे है. बता दें कि 11 साल बाद इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

इसे भी पढ़े- पार्टी का दिया निर्देश हमारे लिए आचार संहिता -भाकपा माले विधायक सत्यदेव राम

Last Updated : Mar 30, 2024, 4:06 PM IST
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