पटना: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात अपराधियों ने मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी. उनका जन्म बिहार के गोपालगंज जिले के मांझा के शेखपुरा टोला में 13 सितंबर 1958 को हुआ था. बाबा सिद्दीकी के पिता का नाम अब्दुल रहीम सिद्दीकी और मां का नाम रजिया सिद्दीकी था. 6 साल की उम्र में वह अपने पिता के साथ पहली बार 1964 में मुंबई चले गए थे. पिता के साथ मुंबई में घड़ी बनाने का काम करते थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मुंबई में ही हुई. शहजीन सिद्दीकी से शादी के बाद उनके दो बच्चे हैं. एक बेटी डॉ. अर्शिया सिद्दीकी और एक बेटा जीशान सिद्दीकी है. बेटा जीशान सिद्दीकी वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं.
कांग्रेस का 'हाथ' पकड़कर राजनीति में दस्तक: बाबा सिद्दीकी ने अपने राजनीति की शुरुआत 1977 में एनएसयूआई से शुरू की. बाद में वह यूथ कांग्रेस, फिर कांग्रेस के सदस्य बने. 1988 में वे मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे. 66 वर्षीय बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी 1992 से 1997 तक लगातार दो बार मुंबई महानगर पालिका के पार्षद रहे थे. इसके बाद वह 1999 से 2009 तक लगातार तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे. वे 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम, एफडीए और उपभोक्ता संरक्षण राज्यमंत्री भी रहे थे. लगातार 48 साल तक कांग्रेस में रहने वाले बाबा सिद्दीकी ने 12 फरवरी 2024 को अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी में शामिल होने का फैसला किया.
इफ्तार पार्टी के थे शौकीन: बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी हमेशा चर्चा में रहती है. वे हर साल मुंबई में इफ्तार पार्टी देते थे. उनकी इफ्तार पार्टी में बॉलीवुड और राजनीति के बड़े बड़े दिग्गज शामिल होते थे. पिछले साल भी बिहार की राजधानी पटना में बाबा सिद्दीकी कांग्रेस की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे.
बिहार से चुनाव लड़ने की भी उड़ी अटकलें: बाबा सिद्दीकी के जेडीयू और आरजेडी के दिग्गज नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं. यही कारण था कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अटकलें का बाजार गर्म था कि बाबा सिद्दीकी बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. सदाकत आश्रम में आयोजित इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उस समय के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के सभी बड़े नेता शामिल हुए थे. 2022 में राज्यसभा के लिए आरजेडी से बाबा सिद्दीकी को टिकट मिलने की काफी चर्चा हुई थी.
गांव से रखते थे ताल्लुकात: गोपालगंज जिले के मांझा ब्लॉक में शेखटोली गांव में बाबा सिद्दीकी का अपने पुश्तैनी परिवार रहता था. कांग्रेस की इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए आए बाबा सिद्दीकी ने खुद बताया था कि वो अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते हैं. उन्होंने अपने अपने पिता के नाम पर अब्दुल रहीम सिद्दीकी मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत की थी. यह ट्रस्ट मांझा ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में 10वीं के टॉपर्स को सम्मानिक करता है.
जीतनराम मांझी ने जताया शोक: वहीं, बाबा सिद्दीकी की हत्या पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने शोक संवेदना प्रकट की है. उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, 'बाबा सिद्दीकी बहुत ही जिंदादिल इंसान थे. इस दुख की घड़ी में ऊपर वाला उनके परिवार को इस पीड़ा को सहन करने की शक्ति दें.'
बिहार से ताल्लुक़ रखने वाले एनसीपी के बड़े लीडरान में शामिल बाबा सिद्दीकी साहब के क़त्ल की ख़बर बेहद ग़मज़दा कर देने वाली है।वह एक ज़िन्दादिल इंसान थें।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) October 12, 2024
पाक परवरदिगार से दरखास्त है कि उन्हें जन्नत-उल-फ़िरदौस में उंचा मुकाम दें और उनके चाहने वालों को सब्र अता करें।@Dev_Fadnavis…
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