पटना: पटना के दानापुर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी गुंजन द्वारा महिला सम्मान यात्रा और महिला अधिकार सभा का आयोजन किया गया. यह आयोजन शनिवार सुबह किया गया. इस दौरान शामिल महिलाओं ने आजादी के 76 साल बाद भी महादलित मुसहर समुदाय को मुख्यधारा से कोसों दूर होने की बात कही. साथ ही संविधान के तहत मौलिक अधिकार नहीं मिलने का भी मुद्दा उठाया.
महिला सम्मान यात्रा निकाली गई: महिलाओं ने कहा कि मुसहर महिलाओं के साथ बेमानी हो रही हैं. उन्हें सम्मानजनक जीवन का अधिकार है. उनकी स्थिति में सुधार लाना समाज की जिम्मेदारी ही नहीं सरकार का भी कर्तव्य भी है. सरकार का इस ओर ध्यानाकृष्ट करने के लिए शनिवार को सुबह 10.30 बजे से दानापुर में महादलित महिला सम्मान यात्रा निकाली गई. जिसमे दानापुर, पुनपुन, नौवतपुर, फुलबाड़ी एवं पटना सदर की चार हजार महिलाएं उत्साह के साथ भाग लेते दिखी.
रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुती: वहीं महिलाओं के अधिकार को लेकर सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कई विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट लोगों ने महिलाओं का उत्साहवर्धन किया. प्रेरणा छात्रावास की छात्राओं द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया. साथ ही छात्राओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें छात्राओं का योगा, डांस एवं मार्शल आर्ट का प्रदर्शन विशेष आकर्षण रहा. इसके अतिरिक्त नारी गुंजन के क्षेत्र स्तर के प्रतिभागियों द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया.
रोजगार का अवसर दिया जाए: महिला दिवस के आयोजन के माध्यम से सरकार से सबसे वंचित महादलित मुसहर समुदाय की महिलाओं के मान-सम्मान के लिए निम्नलिखित मांगे रखी गई. जो कि भूमिहीन महादलित मुसहर परिवार की महिलाओं के नाम से भूमि का पर्चा दिया जाए और भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाया जाए. साथ ही सभी आवास में शौचालय के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार का अवसर दिया जाए.
संघर्ष करते रहने का भरोसा दिलाया: वहीं, महादलित महिलाओं को भेदभाव से मुक्त सम्मानपूर्ण जीवन जीने व संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए नारी गुंजन की तरफ से सुधा दीदी द्वारा महादलित मुसहर महिलाओं की इन मांगों के पूरे होने तक संघर्ष करते रहने का भरोसा दिलाया गया. सभी अतिथियों द्वारा महिलाओं के जज्बे को सलाम किया गया.
"महादलित महिलाओं को भी सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है. उनकी स्थिति में सुधार लाना समाज की जिम्मेदारी ही नहीं सरकार का भी कर्तव्य भी है. हमापी सरकारी से अपील है कि उनकी स्थिति को सुधारने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार का अवसर दिया जाए. साथ ही आवास और शौचालय भी उपलब्ध कराया जाए." -सुधा वर्गीज, पद्मश्री
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