श्योपुर। मध्य प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा के बाद ही भाजपा में कलह और विद्रोह देखने को मिल रही है. वहीं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री बनते ही विरोध झेलना पड़ रहा है. उपचुनाव को लेकर दो पूर्व विधायक टिकट की मांग कर रहे हैं. इतना ही नहीं, टिकट न मिलने पर दोनों नेताओं ने बगावत की भी चेतावनी दी है, ऐसे में ये उपचुनाव रामनिवास रावत के लिए मश्किलें खड़ी कर सकता है.
बीजेपी में अपनों से घिरे रामनिवास रावत
आने वाले समय में होने वाले कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं, क्योंकि रामनिवास रावत का मुकाबला कांग्रेस के साथ साथ उन दिग्गज भाजपाइयों से भी होने वाला है. जो एक ही दल में होने के बावजूद भी रामनिवास रावत का खुलकर विरोध कर रहे हैं. जैसे ही विजयपुर विधानसभा-2 में उपचुनाव की घोषणा हुई है, तब से ही बीजेपी के पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने सीएम मोहन यादव और रामनिवास रावत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने घर की सरकार बना ली है. बे-फिजूल कांग्रेसियों को पार्टी में शामिल किए जा रहे हैं.'
बीजेपी में आदिवासियों का सम्मन नहीं
सीताराम ने इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि अगर बीजेपी उन्हें उपचुनाव में टिकट नहीं देती है, तो वह बागी होकर चुनाव लड़ेंगे और हो सकता है की दूसरी पार्टी भी ज्वाइन करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि जब दुनिया ही बदल रही है, तो हमें बदलने में क्या कसर है, हम भी बदल जाएंगे. पूर्व विधायक ने कहा कि रामनिवास रावत को बीजेपी में शामिल करके पार्टी ने बहुत बड़ी गलती कर दी है. जब विरोधियों को ही पार्टी में मिला लोगे, तो राजनीति का क्या मतलब है. मुख्यमंत्री रामनिवास रावत से अपना भाईचारा न निभाएं. आपके इस भाईचारे से हम आदिवासियों का सम्मान कम हो रहा है. अब बीजेपी में हम आदिवासियों की पहले जैसी इज्जत नहीं रही. यदि मुझे उपचुनाव में टिकट नहीं दिया तो मैं कांग्रेस में चला जाऊंगा.
इसके साथ ही पूर्व विधायक बाबू लाल मेवरा ने भी टिकट की मांग की है. उन्होंने भी बगावती तेवर दिखाते हुए कहा कि वह जनसंघ के समय से कार्यकर्ता है, इसलिए उनको टिकट मिलेगा. साथ ही उन्होंने अपनी जीत का भी दावा किया है.