मधुबनी: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत मधुबनी लोकसभा सीट पर दिन में 6 बजे तक 52.20 फीसदी वोटिंग हुई है. शाम 6 बजे इस सीट पर मतदान खत्म हो चुका है. अपने मनपसंद उम्मीदवार को वोट देने के लिए मतदाताओं में खासा उत्साह देखा गया. यहां कुल 19 लाख 34 हजार 235 मतदाता हैं. जिनमें पुरुष मतादाता की संख्या 10,13,971 है. महिला मतदाताओं की संख्या 9,20,173 है. थर्ड जेंडर मतादाता की संख्या 91 है.
मधुबनी लोकसभा सीट के वोटिंग का पूरा अपडेट:
- मधुबनी में 6 बजे तक 52.20 परसेंट वोटिंग हुई
- मधुबनी में 5 बजे तक 49.01 परसेंट वोटिंग हुई
- मधुबनी में 3 बजे तक 43.77 परसेंट वोटिंग हुई
- मधुबनी में 1 बजे तक 33.57 परसेंट वोटिंग हुई
- मधुबनी में सुबह 11 बजे तक 22.37 परसेंट वोटिंग हुई
- मधुबनी में सुबह 9 बजे तक 9.11 परसेंट वोटिंग हुई
- मधुबनी के जाले विधानसभा के बेलवार गांव के मतदाता ने सड़क नहीं होने की वजह से वोट का बहिष्कार किया
- प्राथमिक विद्यालय बेलवार स्थित बूथ संख्या 116 पर वोट बहिष्कार की सूचना पर पहुंचे अधिकारी
- मधुबनी में डीएम अरविंद कुमार वर्मा और एसपी सुशील कुमार ने बूथ संख्या 52 पर डाला वोट. लोगों से की वोटिंग की अपील
- मधुबनी में पंडौल के बूथ नंबर 280 पर बुजुर्ग मतदाता ने डाला वोट. व्हीलचेयर से आए थे मतदान करने. अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने की मदद
- वोटिंग के लिए मतदाताओं में उत्साह, मतदान केंद्र पर भारी भीड़
- बीजेपी के अशोक यादव और आरजेडी के अली अशरफ फातमी में मुकाबला
- मधुबनी में सुबह 7 बजे मतदान शुरू
एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर: बिहार की अधिकतर सीटों की तरह मधुबनी लोकसभा सीट पर भी NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. एनडीए ने बीजेपी के मौजूदा सांसद अशोक यादव को फिर से मैदान में हैं तो महागठबंधन की ओर से आरजेडी के अली अशरफ फातमी इस बार चुनौती पेश कर रहे हैं. चुनाव से ठीक पहले फातमी ने जेडीयू को छोड़कर आरजेडी ज्वाइन किया था.
रिकॉर्ड वोट से जीते अशोक यादव: 2019 के लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी के अशोक यादव ने 4 लाख 54 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की थी. बिहार में सबसे अधिक अंतर से जीत का रिकॉर्ड बनाया था. उनके पिता और बीजेपी नेता हुकुमदेव नारायण यादव के नाम पर मधुबनी से सबसे ज्यादा 5 बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी है.
मधुबनी लोकसभा सीट 2009 से अब तक: इस सीट से 2009 में हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव ने आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी को हराया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी हुकुमदेव नारायण और अब्दुल बारी सिद्दीकी आमने-सामने थे. इस बार भी हुकुमदेव ने मधुबनी में कमल खिलाया. 2019 में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाई. इस बार हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक यादव ने वीआईपी के बद्री कुमार पूर्वे को 4 लाख 54 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया.
एआईएमआईएम की एंट्री से गुणा-गणित शुरू: मधुबनी में अल्पसंख्यक वोटरों की संख्या अच्छी खासी है और यह निर्णायक भूमिका निभाती है. यही कारण है कि एआइएमआइएम ने इस बार मधुबनी से अपना प्रत्याशी खड़ा किया है. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में तीन विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिसमें अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अधिक है. विस्फी, केवटी और जाले इन तीनों विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है. यही कारण है कि एआइएमआइएम ने मो. वकार सिद्दीकी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसीलिए यह कहा जा रहा है कि मधुबनी लोकसभा में इस बार कांटे की लड़ाई है.
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र: मधुबनी लोकसभा में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिसमें चार मधुबनी जिले के और दो दरभंगा जिले के विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. मधुबनी जिला से हरलाखी, बेनीपट्टी, मधुबनी, बिस्फी हैं. केवटी और जाले विधानसभा सीट दरभंगा जिला का हिस्सा है. हरलाखी से जेडीयू के सुधांशु शेखर, मधुबनी से समीर कुमार महासेठ (राजद) विधायक हैं. बांकी चार सीट भाजपा के खाते में हैं. जाले से पूर्व मंत्री जीवेश कुमार, केवटी से मुरारी मोहन झा, बिस्फी से हरिभूषण ठाकुर बचौल और बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा विधायक हैं.
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