लखनऊ : अगले कुछ दिनों में नवरात्र शुरू होने वाले हैं और इसी के साथ ही देश में दशहरे की तैयारियां भी शुरू हो जाएंगी. पूरे नवरात्र देश भर में जगह-जगह रामलीला का आयोजन होगा. जिसके लिए लखनऊ सहित प्रदेश के सभी बड़े शहरों और गांव-कब्जों में रामलीला की तैयारियां होने लगी हैं. इसी कड़ी में लखनऊ के भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय और अंतरराष्ट्रीय रामायण वैदिक शोध संस्थान ने मिलकर एक अनोखी पहल की है.
भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय में रामलीला मंचन की बारीकियां सिखाई जा रही है. इसमें 6 से 70 साल के बुजुर्ग प्रशिक्षण ले रहे हैं. कार्यशाला में रामायण के किरदारों की डायलॉग डिलीवरी के साथ म्यूजिकल फॉर्म, शास्त्रीय संगीत और डांस के गुर सिखाए जा रहे हैं. इस आधुनिक रामलीला मंचन को सीखने के लिए वर्कशॉप में बुजुर्गों में काफी उत्साह दिख रहा है.
कार्यशाला में हिस्सा ले रहीं सुमन जाजू (70), अंबुज अग्रवाल (70) और शिवाजी (64) बताते हैं कि एक दौर था जब दशहरा नजदीक आते ही रामलीला देखने की सोच से ही मन उत्साह से भर जाता था. सुमन का कहना है कि बचपन में रामलीला शुरू होने के घंटों पहले हम टोली के साथ जाकर बैठ जाते थे. तब सोचा नहीं था कि इस उम्र में आकर रामलीला का मंचन सीखेंगे.
पंजाब नेशनल बैंक से रिटायर्ड अंबुज अग्रवाल ने बताया कि यहां आकर कुछ ना कुछ नया तो सीख ही रहे हैं. अब मुझे पता लगा कि रामलीला की कार्यशाला हो रही है तो मुझे बचपन के दिन याद आ गए और मैं भी यहां चला आया. कार्याशाला में प्रशिक्षण 15 साल से चौक की रामलीला में राम का किरदार निभाने वाले अमित दीक्षित राम जी दे रहे हैं. इस प्रशिक्षण के बाद 23 सितंबर को राम सहस्त्रनाम शीर्षक के तहत इस रामलीला का मंचन विश्वविद्यालय के कला मंडल पंप सभागार में किया जाएगा.
अमित दीक्षित ने बताया कि रामलीला में नया यह है कि शास्त्रीय संगीत और डांस के मिश्रण पर बनाई गई है. नई पद्धति से पारंपरिक रामलीला को किस तरह से प्रस्तुत की या जाए इसे दिखाने की कोशिश की गई है. इसमें एक तरफ शास्त्रीय संगीत परंपरा के अनुरूप कथक और राम होंगे तो नौटंकी अनुरूप छंद और दोहों का भी गायन होगा. राम की कहानी सुनाने के लिए कलयुग में नारद का अवतार भी दिखाया जाएगा.
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