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लखनऊ की सड़कों के निर्माण में तेजी लाएगी सरकार, घनी आबादी वाले क्षेत्रों में विकास पर जोर - PRADHAN MANTRI GRAM SADAK YOJANA

अधिक से अधिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता.

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ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क विकास में रफ्तार (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

लखनऊ : प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत घनी और अधिक बसावट वाले क्षेत्रों को जोड़ने की तैयारी कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने जा रही है. यह प्रस्ताव प्रदेश के ऐसे क्षेत्रों को शामिल करने पर केंद्रित है, जहां अधिक आबादी रहती है और कनेक्टिविटी का अभाव है. प्रदेश सरकार का मानना है कि अच्छी कनेक्टिविटी से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी संसाधनों की उपलब्धता में सुधार होगा, बल्कि इन क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक विकास भी संभव हो सकेगा.

FDR (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक पर आधारित होंगी सड़कें : प्रदेश सरकार चाहती है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बनने वाली सभी सड़कें एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक पर आधारित हों. यह तकनीक न केवल सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि लागत में भी भारी बचत करती है. प्रदेश में एफडीआर तकनीक से सड़कों के निर्माण में अब तक लगभग 2500 करोड़ रुपये की बचत हुई है. इस उपलब्धि का विवरण केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, ताकि भविष्य में राज्य के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित करने का मार्ग प्रशस्त हो सके.

केशव प्रसाद मौर्य का ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को निर्देश : इस संबंध में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर अधिक से अधिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दें. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि यदि घनी आबादी वाले क्षेत्रों को बेहतर सड़कों से जोड़ा जाए, तो वहां विकास की गति तेज हो सकती है. इससे न केवल आवाजाही आसान होगी, बल्कि रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे. इ

स योजना के तहत बनने वाली सड़कों का नियमित निरीक्षण और निगरानी का प्रावधान किया गया है. निर्माण कार्यों में शामिल ठेकेदारों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने की तैयारी है, ताकि उन्हें एफडीआर तकनीक और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के तरीकों की जानकारी दी जा सके.

सड़कों की उपलब्धता से इन क्षेत्रों में विकास : प्रदेश सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच एक मजबूत परिवहन नेटवर्क तैयार करना है. सड़कें किसी भी क्षेत्र के विकास की रीढ़ होती हैं. बेहतर सड़कें न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाती हैं, बल्कि कृषि उत्पादों के विपणन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करती हैं. सरकार का यह प्रयास केवल सड़कों के निर्माण तक सीमित नहीं है.

सड़कों की स्थायित्व और लंबे समय तक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नियमित मरम्मत और रख-रखाव पर भी ध्यान दिया जा रहा है. योगी सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में सड़क निर्माण की गति में तेजी आई है. बेहतर सड़कों की उपलब्धता से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच आसान हुई है. इसके अलावा इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिला है.

यह भी पढ़ें : सोलर पंप के लिए 10 दिन में किसान जमा कर सकते हैं अपना अंशदान, यहां करना होगा आवेदन

लखनऊ : प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत घनी और अधिक बसावट वाले क्षेत्रों को जोड़ने की तैयारी कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने जा रही है. यह प्रस्ताव प्रदेश के ऐसे क्षेत्रों को शामिल करने पर केंद्रित है, जहां अधिक आबादी रहती है और कनेक्टिविटी का अभाव है. प्रदेश सरकार का मानना है कि अच्छी कनेक्टिविटी से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी संसाधनों की उपलब्धता में सुधार होगा, बल्कि इन क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक विकास भी संभव हो सकेगा.

FDR (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक पर आधारित होंगी सड़कें : प्रदेश सरकार चाहती है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बनने वाली सभी सड़कें एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक पर आधारित हों. यह तकनीक न केवल सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि लागत में भी भारी बचत करती है. प्रदेश में एफडीआर तकनीक से सड़कों के निर्माण में अब तक लगभग 2500 करोड़ रुपये की बचत हुई है. इस उपलब्धि का विवरण केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, ताकि भविष्य में राज्य के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित करने का मार्ग प्रशस्त हो सके.

केशव प्रसाद मौर्य का ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को निर्देश : इस संबंध में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर अधिक से अधिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दें. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि यदि घनी आबादी वाले क्षेत्रों को बेहतर सड़कों से जोड़ा जाए, तो वहां विकास की गति तेज हो सकती है. इससे न केवल आवाजाही आसान होगी, बल्कि रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे. इ

स योजना के तहत बनने वाली सड़कों का नियमित निरीक्षण और निगरानी का प्रावधान किया गया है. निर्माण कार्यों में शामिल ठेकेदारों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने की तैयारी है, ताकि उन्हें एफडीआर तकनीक और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के तरीकों की जानकारी दी जा सके.

सड़कों की उपलब्धता से इन क्षेत्रों में विकास : प्रदेश सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच एक मजबूत परिवहन नेटवर्क तैयार करना है. सड़कें किसी भी क्षेत्र के विकास की रीढ़ होती हैं. बेहतर सड़कें न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाती हैं, बल्कि कृषि उत्पादों के विपणन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करती हैं. सरकार का यह प्रयास केवल सड़कों के निर्माण तक सीमित नहीं है.

सड़कों की स्थायित्व और लंबे समय तक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नियमित मरम्मत और रख-रखाव पर भी ध्यान दिया जा रहा है. योगी सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में सड़क निर्माण की गति में तेजी आई है. बेहतर सड़कों की उपलब्धता से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच आसान हुई है. इसके अलावा इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिला है.

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