पन्ना. मध्यप्रदेश के कई जिलों में लोकायुक्त (Lokayukta mp) की टीमें रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारियों को लगातार ट्रैप कर रही हैं. इसके बावजूद विभागों में भ्रष्टाचार (Corription cases) कम होने का नाम ही नहीं ले रहा. रिश्वतखोरी के ज्यादातर मामले पेंशन, प्रमोशन या विभागों में फायल आगे बढ़ाने के नाम पर हो रहे हैं. ताजा मामले में पन्ना जिले के डीईओ ऑफिस में पदस्थ बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है. शिक्षा विभाग में पदस्थ बाबू ने एक शिक्षक से प्रमोशन के बाद पुन: नियुक्ति के लिए 20 हजार रु की रिश्वत मांगी थी.
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि शिक्षक किशोर सिंह राजपूत का प्रमोशन होने के बाद उन्हें हाई स्कूल मेरासन में पदस्थ किया गया था. एक माह डियूटी करने के बाद पुनः उन्हें पहले वाले विद्यालय घाट सिमरिया भेज दिया गया, जहां प्राचार्य के द्वारा उन्हें दोबारा ज्वाइन नहीं करने दिया गया. प्राचार्य की ओर से कहा गया कि जहां आपका उच्च पद पर प्रभार हुआ वहीं ज्वाइन करें. इसके बाद ज्वाइनिंग कराने के एवज में शिक्षा विभाग में पदस्थ बाबू महेंद्र साहू ने शिक्षक से 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग करी.
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लोकायुक्त सागर ने किया ट्रैप
बाबू से परेशान होकर शिक्षक किशोर सिंह राजपूत ने इसकी शिकायत लोकायुक्त सागर में की. लोकायुक्त ने शिकायत के आधार पर बाबू को ट्रैप करने की योजना बनाई और बुधवार को 20 हजार रु की रिश्वत लेते हुए बाबू महेश साहू को लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ लिया. मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सूर्यभूषण मिश्रा का भी नाम सामने आ रहा है. हालांकि, शिक्षा विभाग में यह कोई पहली ट्रैप कार्रवाई नहीं है इससे पूर्व भी कई बार शिक्षा विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों को लोकायुक्त की टीम के द्वारा दबोचा गया है.