भोपाल। तो ये तय मानें कि बीजेपी ने दो महीने पहले एमपी से यूपी बिहार को साधने जो यादव कार्ड खेला था. लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी उस यादव कार्ड पर आगे बढ़ गई है. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी की पिच पर पर अपने तय ओपनर एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव को उतार दिया है. डॉ मोहन यादव 13 फरवरी को यूपी के आजमगढ़ क्लस्टर में आने वाली आजमगढ़ लालगंज घोसी बलिया और सलेमपुर समेत पांच लोकसभा सीटों पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होंगे. यूपी के जिन 12 जिलों में यादवों की आबादी 20 फीसदी से ज्यादा है, उनमें आजमगढ़ भी है. इस लिहाज से मोहन यादव का आजमगढ़ भेजा जाना भी बीजेपी का बड़ा सियासी दांव है.
यूपी की 5 विधानसभा में मोहन का यादव कार्ड
एक दिन के यूपी दौरे पर जा रहे एमपी के सीएम मोहन यादव खासतौर पर आजमगढ़ क्लस्टर के अंतर्गत आने वाले पांच लोकसभा सीटों के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होंगे. आजमगढ़ के अलावा लालगंज घोसी बलिया सलेमपुर की इन बैठकों में यादव जिलाध्यक्ष से लेकर जिला प्रभारी, लोकसभा संयोजक, लोकसभा प्रभारी, लोकसभा प्रबंध समिति के पदाधिकारी सांसद, विधायकों, विधानसभा के प्रत्याशियों समेत पंचायत और नगर पालिका नपगर पंचायत अध्यक्षों की बैठक लेंगे.
अब यूपी-बिहार में एमपी का यादव कार्ड
जब दो महीने पहले डॉ मोहन यादव ने एमपी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. तब ही कहा जा रहा था कि यूपी-बिहार की पिछड़ा वर्ग की सियासत के मद्देनजर ये बीजेपी का बड़ा स्ट्रोक है. बीजेपी इस बार बड़ी जीत के लिए बड़ा लक्ष्य लेकर काम कर रही है. पार्टी ने लोकसभा में 400 सीटों का टारगेट तय किया है. जिसके लिए लोकसभा सीटों को क्लस्टर के रुप में बांटा गया है. यादव यूपी की पांच लोकसभा सीटों के क्लस्टर की बैठकें लेंगे. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं, 'बीजेपी अब दूर दृष्टि के साथ चल रही है. दिसंबर में जिस फैसले ने एमपी को चौंकाया था, वो आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी-बिहार में बीजेपी की मजबूती के लिए एमपी से खेला गया दांव था.'
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यूपी में यादव आठ फीसदी तो ओबीसी 20 फीसदी के करीब
सीएम डॉ मोहन यादव आजमगढ़ जिले में बैठक लेने यूपी जा रहे हैं. ये इलाका भी यूपी के इन 12 जिलों में गिना जाता है. जहां यादव बीस फीसदी के करीब हैं. आजमगढ़ के अलावा बलिया गोरखपुर मैनपुरी एटा-इटावा भी यादव बाहुल्य जिले हैं. यूपी में यादवों की आबादी करीब आठ फीसदी के लगभग है. जबकि पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या यहां 20 फीसदी के करीब है.