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मुरैना की गजक का स्वाद इतना लाजवाब क्यों, देखिए बनाने की विधि तो आ जाएगा समझ में - SPECIALTY MORENA GAJAK

मुरैना की गजक अब कई वैरायटी में उपलब्ध है. जीआई टैग मिलने बाद ऑनलाइन डिलीवरी होने से गजक कारोबार ऊंचाई भर रहा है.

SPECIALTY MORENA GAJAK
मुरैना की गजक का स्वाद पूरी दुनिया में (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 13, 2025, 12:51 PM IST

मुरैना : मुरैना में निर्मित गजक की धूम पूरे देश में है. अब विदेशों में भी मुरैना की गजक की डिमांड होने लगी है. सर्दियों के सीजन में गुड़-तिली से बनने वाली इस विशेष मिठाई की तारीफ 'कौन बनेगा करोड़पति' शो में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी कर चुके हैं. मुरैना की गजक को केंद्र सरकार ने जीआई टैग भी दे दिया है. इससे गजक कारोबारियों को लाभ मिलने लगा है.

मुरैना के कारीगर कई शहरों में बनाने लगे गजक

मुरैना में गजक खरीदने जबलपुर से पहुंचे शिवम वर्मा ने बताया "मुरैना की गजक का बड़ा नाम सुना था. यहां से निकलना हुआ तो अब गजक खरीदकर घर ले जा रहा हूं. वैसे गजक तो सभी जगह मिलती है, लेकिन मुरैना की गजक का स्वाद अलग ही है." बता दें कि सर्दियों की शुरुआत होने से लेकर पूरे 4 महीने मुरैना की गजक की बहुत डिमांड रहती है. मुरैना के कारीगर दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, चंडीगढ़, देहरादून, इंदौर, उज्जैन सहित कई शहरों में जाकर गजक तैयार करके बेचते हैं. लेकिन मुरैना के पानी से तैयार गजक की तासीर अलग ही है.

जीआई टैग मिलने बाद मुरैना की गजक का कारोबार बढ़ा (Etv Bharat)

जो स्वाद मुरैना की गजक में, वह कहीं और नहीं

गजक कारोबारी आकाश शिवहरे कहते हैं "मुरैना के मीठे भूजल से तैयार गजक का स्वाद अन्य जगहों पर तैयार गजक से दो से तीन गुना अधिक होता है. मुरैना में अभी तक स्थानीय लोग दुकानों से गजक खरीदकर देश-विदेश में बैठे अपने रिश्तेदारों को भिजवाते थे. लेकिन कारोबारियों न 2023 से गजक की होम डिलीवरी और कोरियर सेवा शुरू की है. पिछले 2 साल से ऑनलाइन डिलीवरी भी शुरू कर दी है. इससे व्यापार में काफी वृद्धि हुई है."

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रंग-बिरंगे कलर में भी गजक (ETV BHARAT)

गजक बनाने में लगती है कड़ी मेहनत

गजक कारोबारी आकाश शिवहरे बताते हैं "मुरैना की गजक स्वाद के मामले में जितनी अनूठी है, उतनी ही मेहनत इसे बनाने में लगती है. इसे तैयार करने के लिए पहले एक बड़ी कड़ाही में गुड़ और शक्कर की चासनी बनाई जाती है. इसे खिंचाई की जाती है, जो आधा इंच की परत में बदला जाती है. इसके ऊपर कूटा हुआ तिल बिछाया जाता है और कई कारीगर लकड़ी के हथौड़े से इसे घंटों तक कूटते हैं. गुड़ और तिल की तब तक कुटाई की जाती है, जब तक दोनों आपस में पूरी तरह मिल न जाएं. फिर इसकी कटाई करके पीस बनाए जाते हैं. इसका स्वाद बदलने के लिए मावा भी डाला जाता है. इस प्रकार खस्ता गजक बनकर तैयार होती है."

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मुरैना की गजक अब कई वैरायटी में उपलब्ध है (ETV BHARAT)
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मुरैना में गजक के लड्डू भी मशहूर (ETV BHARAT)

अब मुरैना में गजक की कई वैरायटी बनने लगी हैं

मुरैना में रहने वाले सीताराम शिवहरे का कहना है "100-125 साल पहले सर्दियों के सीजन में गुड़ और तिली को मिलाकर गजक का जायका तैयार किया था. चूंकि गुड़ और तिल गर्म होता है, जिससे सर्दी में शरीर को गर्माहट मिलती है, इसलिए गजक का जायका लोगों को काफी पसंद आया. समय बीतने के साथ ही गजक की अलग-अलग वैरायटी तैयार होती गईं. मुरैना में अब 25 से अधिक तरह की गजक तैयार की जाती हैं. इसमें काजू बर्फी रोल और खस्ता गजक से लेकर के तमाम वैरायटी हैं. वर्तमान में गुड़-शक्कर की गजक, घी की पट्टी, समोसा गजक, मलाई-बर्फी गजक, चॉकलेटी गजक, गजक की बर्फी सहित 20-25 वैरायटी में गजक उपलब्ध हैं."

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मुरैना की गजक के स्वाद का पूरा देश दीवाना (ETV BHARAT)
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गजक बनाने में लगती है कड़ी मेहनत (ETV BHARAT)

कैसे बनती है शाही गजक, समझिए स्टेप बाय स्टेप

शाही गजक बनाने के लिए आवश्यक सामग्री है देसी शुद्ध गुड़, साफ और स्वच्छ तिल. सबसे पहले कढ़ाई में साफ और स्वच्छ तिल को धीमी आंच पर सेंकते हैं. तिल को सेंकने के दौरान विशेष ध्यान देना होता है कि तिल जलनी नहीं चाहिए. तिल को सेंकने के बाद उसे अलग रख दिया जाता है. इसके बाद पानी को गर्म करते हैं और उसमें साफ गुड़ मिलाया जाता है. इससे गुड़ की चासनी तैयार की जाती है.

20 मिनट के बाद इस गुड़ की चासनी को बड़ी प्लेट ठंडा किया जाता है. चासनी को ठंडा होने के बाद इसके लेयर बनाए जाते हैं. उसके बाद इस लेयर को लकड़ी की सहारे खींचा जाता है. इसे तब तक खींचते हैं जब तक इस चासनी की लेयर का रंग सफेद न हो जाए. इसमें लगभग 20 से 25 मिनट लग जाते हैं. इसके बाद इस चासनी की लेयर को भुनी हुई तिल में मिलाते हैं. और उसके बाद इसकी कुटाई करते हैं, अच्छे से लगभग 10 से 15 मिनट कुटाई की जाती है. अच्छी तरह से मिलने के बाद उसको किसी बड़ी पत्थर की पाट पर रखा जाता है और उसके बाद फिर साइज के हिसाब से काटते हैं और उसके बाद गजक बनकर तैयार हो जाती है.

मुरैना की गजक की क्या है खासियत

  • गजक स्वाद के साथ-साथ इम्युनिटी पावर बढ़ाने में सहायक है.
  • गजक में तिल और गुड़ होता है जो सर्दियों में औषधि का काम करती है.
  • गजक बनाने में शुद्ध गुड़, चीनी और तिल का उपयोग किया जाता है.
  • चंबल में 20 से 25 वैरायटी की गजक बनाई जाती है.
  • गजक के लड्डू, पटरी रोल, समोसा गजक जैसी कई वैरायटी.
  • मुरैना जिले में छोटे-बड़े 250 दुकानदार और 500 कारीगर दूसरे शहरों में कर रहे कारोबार.

मुरैना : मुरैना में निर्मित गजक की धूम पूरे देश में है. अब विदेशों में भी मुरैना की गजक की डिमांड होने लगी है. सर्दियों के सीजन में गुड़-तिली से बनने वाली इस विशेष मिठाई की तारीफ 'कौन बनेगा करोड़पति' शो में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी कर चुके हैं. मुरैना की गजक को केंद्र सरकार ने जीआई टैग भी दे दिया है. इससे गजक कारोबारियों को लाभ मिलने लगा है.

मुरैना के कारीगर कई शहरों में बनाने लगे गजक

मुरैना में गजक खरीदने जबलपुर से पहुंचे शिवम वर्मा ने बताया "मुरैना की गजक का बड़ा नाम सुना था. यहां से निकलना हुआ तो अब गजक खरीदकर घर ले जा रहा हूं. वैसे गजक तो सभी जगह मिलती है, लेकिन मुरैना की गजक का स्वाद अलग ही है." बता दें कि सर्दियों की शुरुआत होने से लेकर पूरे 4 महीने मुरैना की गजक की बहुत डिमांड रहती है. मुरैना के कारीगर दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, चंडीगढ़, देहरादून, इंदौर, उज्जैन सहित कई शहरों में जाकर गजक तैयार करके बेचते हैं. लेकिन मुरैना के पानी से तैयार गजक की तासीर अलग ही है.

जीआई टैग मिलने बाद मुरैना की गजक का कारोबार बढ़ा (Etv Bharat)

जो स्वाद मुरैना की गजक में, वह कहीं और नहीं

गजक कारोबारी आकाश शिवहरे कहते हैं "मुरैना के मीठे भूजल से तैयार गजक का स्वाद अन्य जगहों पर तैयार गजक से दो से तीन गुना अधिक होता है. मुरैना में अभी तक स्थानीय लोग दुकानों से गजक खरीदकर देश-विदेश में बैठे अपने रिश्तेदारों को भिजवाते थे. लेकिन कारोबारियों न 2023 से गजक की होम डिलीवरी और कोरियर सेवा शुरू की है. पिछले 2 साल से ऑनलाइन डिलीवरी भी शुरू कर दी है. इससे व्यापार में काफी वृद्धि हुई है."

SPECIALTY MORENA GAJAK
रंग-बिरंगे कलर में भी गजक (ETV BHARAT)

गजक बनाने में लगती है कड़ी मेहनत

गजक कारोबारी आकाश शिवहरे बताते हैं "मुरैना की गजक स्वाद के मामले में जितनी अनूठी है, उतनी ही मेहनत इसे बनाने में लगती है. इसे तैयार करने के लिए पहले एक बड़ी कड़ाही में गुड़ और शक्कर की चासनी बनाई जाती है. इसे खिंचाई की जाती है, जो आधा इंच की परत में बदला जाती है. इसके ऊपर कूटा हुआ तिल बिछाया जाता है और कई कारीगर लकड़ी के हथौड़े से इसे घंटों तक कूटते हैं. गुड़ और तिल की तब तक कुटाई की जाती है, जब तक दोनों आपस में पूरी तरह मिल न जाएं. फिर इसकी कटाई करके पीस बनाए जाते हैं. इसका स्वाद बदलने के लिए मावा भी डाला जाता है. इस प्रकार खस्ता गजक बनकर तैयार होती है."

SPECIALTY MORENA GAJAK
मुरैना की गजक अब कई वैरायटी में उपलब्ध है (ETV BHARAT)
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मुरैना में गजक के लड्डू भी मशहूर (ETV BHARAT)

अब मुरैना में गजक की कई वैरायटी बनने लगी हैं

मुरैना में रहने वाले सीताराम शिवहरे का कहना है "100-125 साल पहले सर्दियों के सीजन में गुड़ और तिली को मिलाकर गजक का जायका तैयार किया था. चूंकि गुड़ और तिल गर्म होता है, जिससे सर्दी में शरीर को गर्माहट मिलती है, इसलिए गजक का जायका लोगों को काफी पसंद आया. समय बीतने के साथ ही गजक की अलग-अलग वैरायटी तैयार होती गईं. मुरैना में अब 25 से अधिक तरह की गजक तैयार की जाती हैं. इसमें काजू बर्फी रोल और खस्ता गजक से लेकर के तमाम वैरायटी हैं. वर्तमान में गुड़-शक्कर की गजक, घी की पट्टी, समोसा गजक, मलाई-बर्फी गजक, चॉकलेटी गजक, गजक की बर्फी सहित 20-25 वैरायटी में गजक उपलब्ध हैं."

SPECIALTY MORENA GAJAK
मुरैना की गजक के स्वाद का पूरा देश दीवाना (ETV BHARAT)
SPECIALTY MORENA GAJAK
गजक बनाने में लगती है कड़ी मेहनत (ETV BHARAT)

कैसे बनती है शाही गजक, समझिए स्टेप बाय स्टेप

शाही गजक बनाने के लिए आवश्यक सामग्री है देसी शुद्ध गुड़, साफ और स्वच्छ तिल. सबसे पहले कढ़ाई में साफ और स्वच्छ तिल को धीमी आंच पर सेंकते हैं. तिल को सेंकने के दौरान विशेष ध्यान देना होता है कि तिल जलनी नहीं चाहिए. तिल को सेंकने के बाद उसे अलग रख दिया जाता है. इसके बाद पानी को गर्म करते हैं और उसमें साफ गुड़ मिलाया जाता है. इससे गुड़ की चासनी तैयार की जाती है.

20 मिनट के बाद इस गुड़ की चासनी को बड़ी प्लेट ठंडा किया जाता है. चासनी को ठंडा होने के बाद इसके लेयर बनाए जाते हैं. उसके बाद इस लेयर को लकड़ी की सहारे खींचा जाता है. इसे तब तक खींचते हैं जब तक इस चासनी की लेयर का रंग सफेद न हो जाए. इसमें लगभग 20 से 25 मिनट लग जाते हैं. इसके बाद इस चासनी की लेयर को भुनी हुई तिल में मिलाते हैं. और उसके बाद इसकी कुटाई करते हैं, अच्छे से लगभग 10 से 15 मिनट कुटाई की जाती है. अच्छी तरह से मिलने के बाद उसको किसी बड़ी पत्थर की पाट पर रखा जाता है और उसके बाद फिर साइज के हिसाब से काटते हैं और उसके बाद गजक बनकर तैयार हो जाती है.

मुरैना की गजक की क्या है खासियत

  • गजक स्वाद के साथ-साथ इम्युनिटी पावर बढ़ाने में सहायक है.
  • गजक में तिल और गुड़ होता है जो सर्दियों में औषधि का काम करती है.
  • गजक बनाने में शुद्ध गुड़, चीनी और तिल का उपयोग किया जाता है.
  • चंबल में 20 से 25 वैरायटी की गजक बनाई जाती है.
  • गजक के लड्डू, पटरी रोल, समोसा गजक जैसी कई वैरायटी.
  • मुरैना जिले में छोटे-बड़े 250 दुकानदार और 500 कारीगर दूसरे शहरों में कर रहे कारोबार.
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