पटनाः आरक्षण के मुद्दे पर भारत बंद में शामिल प्रदर्शनकारियों पर पटना में लाठी चार्ज हुआ है. इस दौरान पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. बुधवार की सुबह से पटना की सड़कों पर बंद समर्थक प्रदर्शन कर रहे थे. बेली रोड पर 3 घंटे से अधिक समय तक यातायात बाधित रहा. इसके बाद पुलिस ने रुकनपुरा में प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज कर भीड़ को खदेड़ने का काम किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों में हड़कंप मच गया.
एक पुलिसकर्मी के सिर में चोटः दरअसल, बेली रोड पर रुकनपुरा के पास बंद समर्थक दोनों तरफ से सड़क को जाम कर दिए थे. कई एंबुलेंस भी जाम में घंटों फंसी रही. एंबुलेंस को निकालना और सड़क पर यातायात व्यवस्था सुचारु करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प भी हुई. पुलिस पर पथराव किया गया. एक पुलिसकर्मी के सिर में चोट लगी है जिसका इलाज चल रहा है.
बेली रोड पर बंद समर्थक के द्वारा सड़क जाम के कारण कई एंबुलेंस भी फंसी रही. रूपसपुर थाने की पुलिस यातायात व्यवस्था बहाल करने के लिए 3 घंटे तक कड़ी मशक्कत करती नजर आई. जो लोग आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे उन्हें प्रदर्शनकारी घेर ले रहे थे. गाड़ी से चाबी निकाल ले रहे थे. आम लोगों को बंद के दौरान काफी परेशानी हुई. मौजूद अधिकारियों ने बताया कि पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी की गई. इसके बाद पुलिस ने लाठी चलायी.
"किसी प्रकार का शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं था. डाकबंगला से आगे जाने की किसी को अनुमति नहीं है. पहले हमने रोकने की कोशिश की. बैरिकेडिंग तोड़ दिया गया. पुलिस के साथ नोकझोंक की गयी. इसके बाद हमलोगों ने खदेड़ने का काम किया. कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई है. कार्रवाई की जाएगी." -तैनात मजिस्ट्रेट
प्रदर्शनकारियों को नहीं थी मुद्दे की जानकारी: प्रदर्शन में शामिल कोमल कुमारी ने कहा कि उनके आरक्षण को खत्म किया जा रहा है. उनके समाज के जिन लोगों ने आरक्षण का लाभ लेकर उच्च पद हासिल किया वही लोग उनके आरक्षण को खत्म कर रहे हैं. बाबा साहब ने आरक्षण दिया है. इससे छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगी. कोमल कुमारी ने कहा कि यातायात सुचारु किया जाता है उग्र प्रदर्शन करेंगे.
बिना जानकारी के प्रदर्शन करने पहुंचे लोगः प्रदर्शनकारी कुणाल कुमार ने बताया कि उनके आरक्षण से छेड़छाड़ हुई है. समाज के सिर्फ चार वर्ग के लोगों को आरक्षण दिया जा रहा है बाकी से छीन लिया जा रहा है. कुणाल को मुद्दे की सही जानकारी नहीं थी ना ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट के स्टेटमेंट की सही जानकारी थी. वह सिर्फ इसी मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे कि उनके आरक्षण को खत्म किया गया है.
क्या है मामलाः आरक्षण के मुद्दों को लेकर भारत बंद किया गया है. पहला मामला यूपीएससी लेटरल एंट्री में आरक्षण की मांग की जा रही है हालांकि केंद्र सरकार ने वैकेंसी को वापस ले लिया है. दूसरा सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनताजि आरक्षण में क्रिमी लेयर वालों की अलग श्रेणी बनाने के लिए सरकार को कहा. इसको लेकर भी विरोध किया जा रहा है. विपक्ष की मांग है कि आरक्षण में कोई वर्गीकरण नहीं किया जाएगा. यह संविधान के सिद्धांत के खिलाफ है.
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