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स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गढ़ में अस्पताल बीमार, कब सरकार की पड़ेगी नजर ?

Korea SECL hospital is dilapidated: कोरिया में स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है. यही कारण है कि बीमार लोगों को दूसरे जिले का रूख करने पड़ता है.lack of health center in Korea

lack of health center in Korea
कोरिया में स्वास्थ्य केन्द्र की कमी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 7, 2024, 4:50 PM IST

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गढ़ में अस्पताल बीमार

कोरिया: स्वास्थ्य सुविधा के मामले में कोरिया कॉलरी में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. पांच हजार की आबादी वाले क्षेत्र में अस्पताल नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं के हालात गांव से भी बदतर हैं. कोयला खदान बंद होने के कुछ समय बाद ही एसईसीएल का अस्पताल वीरान हो गया. एसईसीएल अस्पताल भवन खंडहर हो चुका है. यही कारण है कि लोगों को इलाज के लिए 16 किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है, जो आपातकाल स्थिति में जान की बाजी लगाने के बराबर है.

स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: दरअसल, ये क्षेत्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विधानसभा मनेंद्रगढ़ में पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्लम एरिया के लिए शुरू की गई मेडिकल मोबाइल यूनिट बस सेवा कभी कभार वार्डों में भेजी जाती है. लेकिन ये काफी नहीं है. कोरिया वासियों की मांग है कि पुराने अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाकर इसे खोला जाए. इस बारे में कोरिया वासियों का कहना है कि, "इतनी बड़ी आबादी को लेकर चिकित्सा सुविधा का अभाव होना ठीक नहीं है. यहां अस्पताल बनाकर डॉक्टर और स्टाफ की व्यवस्था होनी चाहिए थी. न तो चिरमिरी नगर निगम और न ही एसईसीएल प्रबंधन की ओर से इस समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है. लोग चुने गए जनप्रतिनिधि से इस दिशा में सकारात्मक प्रयास की उम्मीद कर रहे हैं."

कोराना काल में अस्पताल में कुछ समय एक डॉक्टर सेवा दे रहे थे, लेकिन कोविड के बाद यह सुविधा भी खत्म कर ली गई. स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर राज्य सरकार ने उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया लेकिन भवन बनने के बाद से इसमें ताला लगा हुआ है. करीब आठ साल से भवन में स्टाफ और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने से लोग 6 किलोमीटर दूर डोमनहिल स्वास्थ्य केंद्र या फिर 16 किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने को मजबूर हैं.- ग्रामीण

दूसरे जिले जाकर इलाज को मजबूर लोग: ऐसे में साफ है कि लोगों की परेशानी से सरकार को कोई मतलब नहीं है. कुछ साल पहले स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में एक डॉक्टर को नियुक्त किया था. लेकिन कुछ माह बाद यह व्यवस्था भी बंद हो गई. प्रशासन की ओर से भवन की पुताई करवाई गई है लेकिन यहां स्वास्थ्य व्यवस्था कब उपलब्ध कराई जाएगी ये किसी को नहीं पता. आलम यह है कि 75 हजार से अधिक आबादी वाले नगर निगम चिरमिरी में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर बड़ा बाजार में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और डोमनहिल, पोड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. एसईसीएल ने कॉलरी क्षेत्रों के डिस्पेंसरी और छोटे अस्पतालों को बंद कर दिया है. क्षेत्र में भी पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. यही कारण है कि लोग इलाज के लिए बिलासपुर, रायपुर जाने को मजबूर हैं.

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स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: दरअसल, ये क्षेत्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विधानसभा मनेंद्रगढ़ में पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्लम एरिया के लिए शुरू की गई मेडिकल मोबाइल यूनिट बस सेवा कभी कभार वार्डों में भेजी जाती है. लेकिन ये काफी नहीं है. कोरिया वासियों की मांग है कि पुराने अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाकर इसे खोला जाए. इस बारे में कोरिया वासियों का कहना है कि, "इतनी बड़ी आबादी को लेकर चिकित्सा सुविधा का अभाव होना ठीक नहीं है. यहां अस्पताल बनाकर डॉक्टर और स्टाफ की व्यवस्था होनी चाहिए थी. न तो चिरमिरी नगर निगम और न ही एसईसीएल प्रबंधन की ओर से इस समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है. लोग चुने गए जनप्रतिनिधि से इस दिशा में सकारात्मक प्रयास की उम्मीद कर रहे हैं."

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दूसरे जिले जाकर इलाज को मजबूर लोग: ऐसे में साफ है कि लोगों की परेशानी से सरकार को कोई मतलब नहीं है. कुछ साल पहले स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में एक डॉक्टर को नियुक्त किया था. लेकिन कुछ माह बाद यह व्यवस्था भी बंद हो गई. प्रशासन की ओर से भवन की पुताई करवाई गई है लेकिन यहां स्वास्थ्य व्यवस्था कब उपलब्ध कराई जाएगी ये किसी को नहीं पता. आलम यह है कि 75 हजार से अधिक आबादी वाले नगर निगम चिरमिरी में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर बड़ा बाजार में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और डोमनहिल, पोड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. एसईसीएल ने कॉलरी क्षेत्रों के डिस्पेंसरी और छोटे अस्पतालों को बंद कर दिया है. क्षेत्र में भी पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. यही कारण है कि लोग इलाज के लिए बिलासपुर, रायपुर जाने को मजबूर हैं.

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