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प्रचंड गर्मी की ये है वजह, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन मिलेगी गर्मी से राहत - scorching heat according astrology

Heat reason in astrology: ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक ज्येष्ठ मास में 9 दिनों तक तेज गर्मी पड़ती है. इस अवधि के दौरान सूर्य देव धरती के करीब आते हैं जिस कारण गर्मी बढ़ जाती है.

scorching heat
गर्मी से हाल बेहाल (Etv Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 31, 2024, 4:19 PM IST

कुल्लू: उत्तर भारत में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. हिमाचल प्रदेश की कुछ जगहों पर तापमान 40 से 47 डिग्री तक पहुंच गया है. इस भीषण गर्मी से लोगों को 8 जून के बाद राहत मिलने के आसार हैं.

ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक ज्येष्ठ मास में 25 मई को नौतपा शुरू हुआ था और 2 जून को नौतपा समाप्त हो जाएगा. उसके बाद भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र से 8 जून को मृग शीरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में गर्मी अपने चरम पर होती है. नौतपा में 9 दिनों तक सूर्य भगवान अपने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं जिस कारण गर्मी बढ़ती है.

रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का नक्षत्र है और भगवान सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में जाने से चंद्रमा की शीतलता कम होती है. ऐसे में इस अवधि के दौरान सूर्य देव धरती के करीब आते हैं जिस कारण गर्मी बढ़ जाती है.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक अगर व्यक्ति सुबह भगवान सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल चढ़ाए तो इससे सूर्य देव की गर्मी के प्रभाव में कमी आती है. आचार्य दीप कुमार का कहना है नौतपा के दिनों में कुछ विशेष कार्य करने से लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और सूर्य देव की कृपा जातक के ऊपर बनी रहती है. उन्होंने बताया नौतपा के दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और सुबह उठकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए जिससे जातक की सेहत संबंधी परेशानियां दूर होती हैं.

ऐसे में नौतपा के दिनों में जरूरतमंदों को गर्मी से बचाव के लिए पानी, व ठंडे खानपान की चीजों का भी दान करना चाहिए. इससे भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं. सूर्य देव को नौतपा में जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय कहा गया है और इस दौरान तांबे के लोटे में फूल, अक्षत व गुड़ मिलाकर भगवान सूर्य का मंत्र का जाप करते हुए उन्हें जल चढ़ाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: मंडी के जंगलों में आग का रौद्र रूप, रात भर धधकता रहा रेहड़ाधार फॉरेस्ट, 24 घंटे में 6 जंगल जलकर राख

कुल्लू: उत्तर भारत में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. हिमाचल प्रदेश की कुछ जगहों पर तापमान 40 से 47 डिग्री तक पहुंच गया है. इस भीषण गर्मी से लोगों को 8 जून के बाद राहत मिलने के आसार हैं.

ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक ज्येष्ठ मास में 25 मई को नौतपा शुरू हुआ था और 2 जून को नौतपा समाप्त हो जाएगा. उसके बाद भगवान सूर्य रोहिणी नक्षत्र से 8 जून को मृग शीरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में गर्मी अपने चरम पर होती है. नौतपा में 9 दिनों तक सूर्य भगवान अपने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं जिस कारण गर्मी बढ़ती है.

रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का नक्षत्र है और भगवान सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में जाने से चंद्रमा की शीतलता कम होती है. ऐसे में इस अवधि के दौरान सूर्य देव धरती के करीब आते हैं जिस कारण गर्मी बढ़ जाती है.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक अगर व्यक्ति सुबह भगवान सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल चढ़ाए तो इससे सूर्य देव की गर्मी के प्रभाव में कमी आती है. आचार्य दीप कुमार का कहना है नौतपा के दिनों में कुछ विशेष कार्य करने से लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और सूर्य देव की कृपा जातक के ऊपर बनी रहती है. उन्होंने बताया नौतपा के दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और सुबह उठकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए जिससे जातक की सेहत संबंधी परेशानियां दूर होती हैं.

ऐसे में नौतपा के दिनों में जरूरतमंदों को गर्मी से बचाव के लिए पानी, व ठंडे खानपान की चीजों का भी दान करना चाहिए. इससे भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं. सूर्य देव को नौतपा में जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय कहा गया है और इस दौरान तांबे के लोटे में फूल, अक्षत व गुड़ मिलाकर भगवान सूर्य का मंत्र का जाप करते हुए उन्हें जल चढ़ाना चाहिए.

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