पटना: आज के समय में बुजुर्ग हो या न्यू जेनरेशन हर कोई क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता है. सरकारी बैंक हो या प्राइवेट बैंक अब तो निजी संस्था भी लोगों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवा रही है. क्रेडिट कार्ड देने वाली संस्था क्रेडिट कार्ड यूज करने वाले लोगों को खर्च करने के लिए एक तय समय सीमा की आजादी देता है. अगर आपके बैंक अकाउंट में पैसे नहीं है फिर भी आप क्रेडिट कार्ड से कई तरह के शौक और कई जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड के प्रकार: बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा कई प्रकार के क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जाते हैं. इनमें रिवार्ड्स क्रेडिट कार्ड, कैशबैक क्रेडिट कार्ड, ट्रैवल क्रेडिट कार्ड, बिजनेस क्रेडिट कार्ड, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड और फ्यूल क्रेडिट कार्ड शामिल हैं.
बिल चुकाने का वैकल्पिक व्यवस्था तैयार रखें: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से पहले क्रेडिट कार्ड धारक को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह जिन पैसों का इस्तेमाल कर रहा है, उस रकम को समय आने पर उसे बैंक को वापस करना होगा. इसके लिए क्रेडिट कार्ड के उपयोग करने वाले को क्रेडिट कार्ड से खर्च होने वाली राशि के बराबर रकम को बैंक खाते में जमा करके रखना चाहिए ताकि बिलिंग डेट के समय यदि उसे अकाउंट में पैसा नहीं है तो दूसरे अकाउंट से निकाल कर बिल का भुगतान कर सकें.
अपना बिल समय पर चुकाएं: क्रेडिट कार्ड उपयोग करने के लिए उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए एक खास अवधि तक का समय बैंक या उन क्रेडिट एजेंसी द्वारा दिया जाता है. क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिलिंग डेट से पहले या भुगतान डेट के अंतिम दिन हर हाल में बिल का भुगतान कर देना चाहिए. उपभोक्ताओं को क्रेडिट कार्ड का बिल जमा करने के लिए 30 से 45 दिन तक का क्रेडिट सीमा दिया जाता है.
लेट होने पर लगेगा फाइन: खरीदारी के बाद तय समय सीमा के अंदर बिल जमा कर देने से उपभोक्ता पेनल्टी से बच जाते हैं. यदि सही समय पर उपभोक्ता बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो बैंक या अन्य क्रेडिट कार्ड एजेंसी लेट फीस के रूप में एकता सुधा रकम पेनल्टी के रूप में उपभोक्ताओं से वसूलते हैं.
क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी जानकारी: अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको उसके फायद के साथ उससे होने वाले नुकसान के बारे में भी ध्यान देना चाहिए. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय कई लोग कार्ड के 30 फीसदी से ज्यादा लिमिट खर्च नहीं करनी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है. यानी आपका CIBIL स्कोर खराब हो सकता है. हमेशा इस बात का ख्याल रखें यदि आपके पास दो क्रेडिट कार्ड है तो अलग-अलग क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें ताकि 30% से ज्यादा लिमिट सीमा से ज्यादा उपयोग न हो सके.
बिल भुगतान के लिए EMI की सुविधा: आप अगर क्रेडिट कार्ड का बिल समय से भुगतान नहीं कर सकते हैं तो आप ईएमआई (EMI) का लाभ भी उठा सकते हैं. इसमें आप अपने बिल का भुगतान किस्तों में कर सकते हैं. आपको ईएमआई के जरिये भुगतान करते समय यह जरूर चेक करना चाहिए कि आपको इस पर कितना ब्याज या चार्ज लगेगा. कम समय के EMI पर ब्याज दर कम लगता है. अपनी सुविधा के अनुसार के समय का आप EMI में कन्वर्ट करें.
क्या कहते हैं जानकार?: बैंकिंग और बीमा क्षेत्र के एक्सपर्ट जयशंकर मिश्रा का कहना है कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग के साथ-साथ उसके भुगतान की तिथि से पहले इतनी राशि का विकल्प दूसरे बैंक अकाउंट में रख लें ताकि यदि अचानक में उसे समय पैसा नहीं हो तो दूसरे अकाउंट से निकालकर आप बिल का भुगतान कर सकें.
'क्रेडिट कार्ड के ऑफर का सोच कर इस्तेमाल करें': जयशंकर मिश्रा का कहना है कि क्रेडिट कार्ड के उपयोग करने पर बैंक या उसे कंपनी के द्वारा कुछ रिवॉर्ड भी दिया जाता है. कंपनी का उद्देश्य रहता है कि ग्राहक इसका लाभ लेने के लिए फिर से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें लेकिन उपभोक्ताओं को इसका लाभ सोच समझकर करना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक परचेसिंग करने के बाद आपको बिल भुगतान के समय में आपके पॉकेट पर ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए बैंक या अन्य कंपनियों के द्वारा क्रेडिट कार्ड पर दिए गए ऑफर का बहुत ही सोच समझकर उपयोग करना चाहिए.
"कभी-कभी ज्यादा बिल रहने पर कंपनी के द्वारा मिनिमम ड्यू पेमेंट का मैसेज आता है. यदि आप मिनिमम ड्यू पेमेंट करते हैं तो शेष राशि पर अत्यधिक ब्याज दर बैंक या क्रेडिट कार्ड की कंपनी लेती है. इसलिए मिनिमम ड्यू के चक्कर में ना पड़ कर पूरा पेमेंट निर्धारित तिथि से पहले कर दें, ताकि आपको अलग से ब्याज का भुगतान न करना पड़े."- जयशंकर मिश्रा, एक्सपर्ट, बैंकिंग और बीमा
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