करसोग: मंडी जिले के करसोग सिविल अस्पताल में डॉक्टरों समेत पैरा मेडिकल स्टाफ के कुल 11 पद खाली चल रहे हैं. करसोग के विधायक दीपराज के सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान दी. उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के 7 और पैरा-मेडिकल स्टाफ के 4 पद खाली हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अस्पताल में रिक्त पदों को भरा जाना एक निरंतर प्रक्रिया है. वहीं, विधायक दीपराज के सिविल अस्पताल में डायलिसिस सेंटर के संचालन और ऑपरेशन थियेटर स्थापित करने को लेकर पूछे गए सवाल के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है.
8 महीनों से नहीं हो रहे अल्ट्रासाउंड: करसोग में रेडियोलॉजिस्ट का पद पिछले करीब 8 महीने से खाली है, जिससे गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए शिमला और जिला मुख्यालय मंडी जाना पड़ रहा है. करसोग से शिमला की दूरी करीब 100 किलोमीटर और मंडी की दूरी करीब 110 किलोमीटर है. ऐसे में गरीब लोगों का अल्ट्रासाउंड कराने में पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहा है. इसके अतिरिक्त बहुत सी गर्भवती महिलाएं प्राइवेट लैब में सैकड़ों रुपए खर्च कर अल्ट्रासाउंड कराने को मजबूर हैं. वहीं सरकारी अस्पतालों में ये सुविधा निशुल्क है, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट ना होने से मरीजों को सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है.
एनेस्थीसिया विशेषज्ञ नहीं: करसोग सिविल अस्पताल डॉक्टरों की कमी से अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो गई है. यहां सर्जरी का डॉक्टर तो तैनात किया गया है, लेकिन अस्पताल में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ नहीं है. इसी तरह से अस्पताल ओटी भी नहीं है. ऐसे में मरीजों की सर्जरी करने में भी मुश्किलें आ रही है. इसके अतिरिक्त गायनी और ईएनटी विशेषज्ञ का पद भी खाली है, जिससे मरीजों को शिमला और मंडी इलाज के लिए जाना पड़ रहा है. बता दें कि करसोग सिविल अस्पताल में दिन की 400 से 500 की ओपीडी है.
विधायक दीपराज का कहना है कि सिविल अस्पताल में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ के खाली पदों को जल्द से जल्द भरे जाने चाहिए. ताकि करसोग की जनता को सस्ते इलाज की सुविधा का लाभ मिल सके.
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