छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश में नए जिले बनाने का दौर क्या चला कि अब कई सामाजिक संगठन और नेता अपने-अपने शहरों को जिला बनाने के लिए सरकार से मांग करने लगे हैं. इन्हीं में अब छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा को अलग जिला बनाने के बाद जुन्नारदेव को भी जिला बनाने की चर्चा तेज हो गई है. जिसकी एक चिट्ठी भी सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है. सवाल यह भी है कि क्या कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा पूरी तरह से टूटकर बिखर जाएगा.
क्या जुन्नारदेव भी बनेगा नया जिला, चिट्ठी से मचा बवाल
विधानसभा चुनाव के पहले छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा को अलग करके जिला बना दिया गया. अब एक चिट्ठी सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है. जिसमें जुन्नारदेव को जिला बनाने के लिए प्रशासन से शासन ने प्रस्ताव मांगा है. हालांकि यह चिट्ठी अब तक प्रशासन के पास नहीं पहुंची है.
जुन्नारदेव विधायक सुनील ऊइके ने विधानसभा में लगाया था प्रश्न
दरअसल, जुन्नारदेव के कांग्रेस विधायक सुनील ऊइके ने जुन्नारदेव को जिला बनाने के लिए विधानसभा में प्रश्न उठाया था. सुनील ऊइके ने बताया है कि, ''मैंने जो जुन्नारदेव को जिला बनाने के लिए मांग की थी उसके संबंध में प्रशासन से कोई पत्राचार हुआ होगा. लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा ऐसा कोई भी प्रतिवेदन अभी तक सरकार के पास नहीं भेजा गया है.''
जिला प्रशासन ने नहीं भेजा कोई भी प्रतिवेदन
एडीएम केसी बोपचे ने बताया कि, ''अभी हमें इस प्रकार का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है और ना ही जिला प्रशासन ने जुन्नारदेव को जिला बनाने के लिए किसी तरीके का प्रतिवेदन सरकार के पास भेजा है. जो पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है इसकी सच्चाई के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते.''
पांढुर्णा बना जिला, लेकिन छिंदवाड़ा से हो रहे धिकतर काम
विधानसभा चुनाव के पहले पांढुर्णा को जिला बनाकर SP और कलेक्टर की पोस्टिंग तो कर दी गई लेकिन जितने भी छोटे सरकारी काम है वह अभी छिंदवाड़ा मुख्यालय से ही संचालित किए जा रहे हैं. क्योंकि सभी सरकारी काम छिंदवाड़ा से ही हो रहे हैं. अधिकारी कर्मचारी के मुख्यालय छिंदवाड़ा में ही है. पांढुर्ना में सरकारी अमला और उन्हें बैठने के लिए अभी बिल्डिंगों की व्यवस्था भी नहीं की गई है.