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जोशीमठ का नाम हुआ ज्योतिर्मठ, आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली की ये है मान्यता - Joshimath Tehsil Name Change - JOSHIMATH TEHSIL NAME CHANGE

Joshimath Name Change Into Jyotirmath जोशीमठ का नाम अब ज्योर्तिमठ हो गया है. ज्योर्तिमठ को शंकराचार्य की तपस्थली माना जाता है. यहां पर एक ऐतिहासिक विरासत स्थल ज्योर्तिमठ भी है. जिसकी वजह से इस जगह की खास पहचान है.

Joshimath Tehsil Name Change Joshimath
ज्योतिर्मठ नगर (फोटो- ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 26, 2024, 7:55 PM IST

चमोली: उत्तराखंड के सीमांत चमोली जिले का ऐतिहासिक जोशीमठ नगर फिर से ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा. इस संबंध में चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने विधिवत आदेश जारी कर दिए हैं. जिसमें कहा गया है कि राजपत्रित अधिसूचना यानी आदेश के दिन से जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम से जाना जाएगा.

जोशीमठ नाम बदलने की हो रही थी मांग: बता दें कि लंबे समय से स्थानीय जनता जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम दिए जाने की मांग कर रही थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी यह मांग प्रमुखता से उठाई गई थी. जिसके बाद पिछले साल सीएम धामी ने चमोली जिले में एक कार्यक्रम के दौरान जोशीमठ तहसील का नाम बदलने की घोषणा की थी.

मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया. जिस पर इसी साल जून महीने में मंजूरी मिली. इसके बाद 12 जून 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ तहसील का नाम ज्योर्तिमठ करने की ऑफिशियल घोषणा की.

ज्योतिर्मठ नाम की ये है मान्यता: जोशीमठ (ज्योतिर्मठ) का इतिहास हजारों साल पुराना है. मान्यता है कि आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य जब जोशीमठ क्षेत्र में आए थे. तब उन्होंने यहां पर स्थित कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या की थी. जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान की ज्योति प्राप्त हुई. ऐसे में इस जगह को इसी दिव्य ज्ञान ज्योति और ज्योतेश्वर महादेव की वजह से ज्योतिर्मठ कहा गया, लेकिन बाद में यह जोशीमठ के नाम से प्रचलित हो गया.

आदि गुरु शंकराचार्य ने यहां पर एक पीठ की स्थापना की. जिसका नाम ज्योर्तिमठ (Jyotirmath) रखा गया. इसी ज्योर्तिमठ के अधीन विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम आता है. जिसकी वजह से जोशीमठ यानी ज्योर्तिमठ की महत्वता और बढ़ जाती है. बता दें कि जोशीमठ (अब ज्योतिर्मठ) को बदरीनाथ धाम का प्रवेश द्वार माना जाता है.

दरार की वजह से सुर्खियों में आया था जोशीमठ: बीते साल भू धंसाव और दरार की वजह से आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली माने जाने वाले जोशीमठ (ज्योर्तिमठ) सुर्खियों में आया था. दरार की वजह इस ऐतिहासिक विरासत ज्योर्तिमठ पर भी खतरा मंडराने लगा. वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर दरार ग्रस्त होटल और मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. साथ ही खतरे की जद में आ रहे लोगों के विस्थापन की कार्रवाई शुरू की गई.

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जोशीमठ नाम बदलने की हो रही थी मांग: बता दें कि लंबे समय से स्थानीय जनता जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम दिए जाने की मांग कर रही थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी यह मांग प्रमुखता से उठाई गई थी. जिसके बाद पिछले साल सीएम धामी ने चमोली जिले में एक कार्यक्रम के दौरान जोशीमठ तहसील का नाम बदलने की घोषणा की थी.

मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया. जिस पर इसी साल जून महीने में मंजूरी मिली. इसके बाद 12 जून 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ तहसील का नाम ज्योर्तिमठ करने की ऑफिशियल घोषणा की.

ज्योतिर्मठ नाम की ये है मान्यता: जोशीमठ (ज्योतिर्मठ) का इतिहास हजारों साल पुराना है. मान्यता है कि आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य जब जोशीमठ क्षेत्र में आए थे. तब उन्होंने यहां पर स्थित कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या की थी. जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान की ज्योति प्राप्त हुई. ऐसे में इस जगह को इसी दिव्य ज्ञान ज्योति और ज्योतेश्वर महादेव की वजह से ज्योतिर्मठ कहा गया, लेकिन बाद में यह जोशीमठ के नाम से प्रचलित हो गया.

आदि गुरु शंकराचार्य ने यहां पर एक पीठ की स्थापना की. जिसका नाम ज्योर्तिमठ (Jyotirmath) रखा गया. इसी ज्योर्तिमठ के अधीन विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम आता है. जिसकी वजह से जोशीमठ यानी ज्योर्तिमठ की महत्वता और बढ़ जाती है. बता दें कि जोशीमठ (अब ज्योतिर्मठ) को बदरीनाथ धाम का प्रवेश द्वार माना जाता है.

दरार की वजह से सुर्खियों में आया था जोशीमठ: बीते साल भू धंसाव और दरार की वजह से आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली माने जाने वाले जोशीमठ (ज्योर्तिमठ) सुर्खियों में आया था. दरार की वजह इस ऐतिहासिक विरासत ज्योर्तिमठ पर भी खतरा मंडराने लगा. वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर दरार ग्रस्त होटल और मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. साथ ही खतरे की जद में आ रहे लोगों के विस्थापन की कार्रवाई शुरू की गई.

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