जोधपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में देश में 210वें स्थान पर जगह बनाने वाले जोधपुर शहर की रैंकिंग सुधारने की कवायद नगर निगम उत्तर ने शुरू कर दी है. खास तौर से शहर में अनुपयोगी सामान, जिसका निस्तारण नहीं होने के अभाव में लोग अपने घरों से निकालकर बाहर फेंक देते हैं, जबकि वह किसी के काम आ सकता है. निगम सबसे पहले इस तरह के वेस्ट की परेशानी को अपने RRR मॉड्यूल से खत्म करने जा रहा है. रिसायकल, रिड्यूस और रियूज पैटर्न के तहत अनुपयोगी सामान को एकत्र करने के लिए तीन सेंटर स्थापित किए हैं, जहां शहर के लोग अपने घरों की अनुपयोगी वस्तुओं को जमा करा सकते हैं. सेंटर्स पर आने वाले पुराने कपड़े और पुराने जूतों को जरूरतमंद एवं स्लम एरिया में वितरित करने का निगम का प्लान है. पुरानी किताबों को पार्कों एवं सामुदायिक भवन में बच्चों के पढ़ने के लिए लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी.
सफल हुए तो 80 अंक मिलेंगे सर्वेक्षण में : स्वच्छता सर्वेक्षण को अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है, जिन्हें पूरा करने पर स्थानीय निकाय को अंक मिलते हैं. जोधपुर नगर निगम में प्रभारी अधिकारी भरत कुमार टेपन ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में रिसायकल, रिड्यूस और रियूज सेगमेंट पूरा करने पर 80 अंक मिलेंगे. इसे पूरा करने के लिए हमने आयुक्त अतुल प्रकाश के निर्देश पर काम शुरू किया है. इन सेंटर पर अनुपयोगी सामान जैसे पुराने कपड़े, पुराने खिलौने, पुराने जूते, पुरानी किताबें, पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान, पुराने बैग जैसे सामान जमा कराए जा सकेंगे.
RRR सेंटर पर हर माह लॉटरी से गिफ्ट : आमजन अनुपयोगी सामान कचरे में फेंकने के बजाय केंद्र पर आकर जमा कर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुपयोगी देने वालों के लिए लॉटरी से गिफ्ट भी दिए जाएंगे. इसमें 1 किलो न्यूज़पेपर के 5 पॉइंट, 1 किलो कपड़ों के 10 पॉइंट, 1 किलो बर्तन के 15 पॉइंट, 1 किलो प्लास्टिक के 15 पॉइंट, 1 किलो लेदर के 25 पॉइंट, 1 किलो इलेक्ट्रॉनिक सामान के 30 पॉइंट दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि न्यूनतम 100 पॉइंट वालों के नाम महीने की आखिरी तारीख को होने वाली लॉटरी में शामिल किए जाएंगें. निगम के पार्षद मनीष लोढ़ा का कहना है कि यह नवाचार शहर में सफाई मजबूत करेगी.