रांची: झारखंड में मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों या उसे बेच देने वालों पर कानून का डंडा चलाने की तैयारी झारखंड हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड ने कर ली है. गुरुवार 20 जून को बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की जाएगी. इतना ही नहीं, बाबा नगरी देवघर और रांची में धर्मशालाएं बनवाकर मंदिरों को दान कर देने के बाद मफियाओं द्वारा कब्जा कर उसे होटल में तब्दील कर दिए जाने के खिलाफ भी हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित करा कर संबंधित जिले के डीसी और एसपी को माफियाओं के हाथों से होटल बन चुके धर्मशालाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए निर्देशित करेगा.
20 जून को हिनू के प्रदेश कार्यालय में होगी हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड की बैठक
झारखंड हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य राकेश सिन्हा ने कल होने वाली बोर्ड की बैठक के एजेंडे के संबंध में बताया कि राज्य में बड़े पैमाने पर भू माफियाओं ने मंदिर की जमीन या तो गैर कानूनी तरीके से बेची है या फिर उस पर अतिक्रमण किया गया है. इसके साथ-साथ बोर्ड को पुख्ता जानकारी मिली है कि देवघर में 50 से अधिक ऐसी धर्मशालाएं हैं, जिसे समय-समय पर भक्तों ने बनवाकर मंदिर प्रबंधन को डोनेट किया था. लेकिन आज उन धर्मशालाओं पर बड़े-बड़े भू माफियाओं का कब्जा है. उन धर्मशालाओं को होटल में तब्दील कर अवैध कमाई की जा रही है.
देवघर में कई धर्मशालाओं को होटलों में कर दिया गया है तब्दील
राकेश सिन्हा ने कहा कि धर्मशालाओं को होटल में तब्दील कर दिए जाने की वजह से बाबा नगरी में भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को जहां धर्मशालाओं में 50 रुपये पर कमरा उपलब्ध हो जाते, वहां आज श्रद्धालु को देवघर में 1000 रुपये से 1500 रुपये में होटल का कमरा मिलता है. झारखंड हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि न्यास बोर्ड देवघर के वैसे सभी धर्मशालाओं को कब्जा मुक्त कराने का फैसला लिया है, जो आज की तारीख में किसी न किसी माफिया के कब्जे में है.
संबंधित जिलों के डीसी और एसपी को कार्रवाई के लिए किया जाएगा निर्देशित
उन्होंने कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड कल की बैठक में प्रस्ताव पारित कर संबंधित जिले के डीसी-एसपी को निर्देशित करेगा कि वह अपने स्तर से भी ऐसे अवैध कब्जे की पहचान कर कार्रवाई करें. साथ ही बोर्ड भी कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा.
ये भी पढ़ें-
निबंधन से कतरा रहीं मंदिर समितियां, संपत्ति में घालमेल और अतिक्रमण को बढ़ावा!