रांची: विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश भाजपा ने झारखंड की सभी 81 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है.आजसू के साथ सीटों का तालमेल कर संयुक्त रूप से एनडीए विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी है. लोकसभा चुनाव परिणाम के अनुभव से सीख लेते हुए बीजेपी ने कई ऐसे रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है जिससे उसे फायदा होने की उम्मीद है. मिशन झारखंड के तहत पार्टी ने महिला और युवा वोटरों को साधने के लिए कई कार्यक्रम तय किए हैं, जो आनेवाले समय में शुरू हो जाएंगे.
रांची दौरे पर पिछले दिनों आए झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्व सरमा ने पार्टी की महिला और युवा मोर्चा के साथ बैठक कर उन्हें विशेष होमवर्क दिया था. जिसके बाद से दोनों मोर्चा के द्वारा कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं.
अर्जुन मुंडा सहित कई बड़े नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी
मिशन झारखंड के तहत चुनावी रण को जीतने के लिए झारखंड बीजेपी अपने कई बड़े चेहरे को चुनाव मैदान में उतारने पर विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक ट्राइबल सीटों को अधिक से अधिक जीतने के लिए बीजेपी अर्जुन मुंडा, सुदर्शन भगत, गीता कोड़ा, सीता सोरेन, जेबी तुबिद जैसे बड़े नेताओं पर दांव लगाने की तैयारी में है.
बड़े और साफ छवि के नेता को पार्टी देगी मौकाः जेबी तुबिद
पूर्व आईएएस अधिकारी और बीजेपी प्रवक्ता जेबी तुबिद कहते हैं कि जो बड़े छवि के नेता हैं और जिनका स्वच्छ छवि है ऐसे लोगों को पार्टी जरूर मौका देगी. पिछले विधानसभा चुनाव में एसटी सीटों पर निराशा हाथ लगी थी. उसके बाद इस बार के लोकसभा चुनाव में भी हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. ऐसे में विधानसभा चुनाव में पार्टी पूरी रणनीति के साथ चुनाव लड़ने का काम करेगी. बहरहाल, विधानसभा चुनाव की तैयारी को बीजेपी अंतिम रूप देने में जुटी है. जिसमें हर सेक्टर को टटोला जा रहा है.
सत्ता की कुंजी ट्राइबल सीट
महिला और युवा के बाद बीजेपी का विशेष फोकस ट्राइबल क्षेत्र में है, जहां उम्मीदों के अनुरूप बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में मत नहीं पड़े. ऐसे क्षेत्रों में डैमेज कंट्रोल करने की रणनीति बनाई गई है. विधानसभा की 81 सीटों में 28 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, जबकि 44 सामान्य और 9 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. ट्राइबल की 28 सीटों में 26 आइएनडीआइए के पास है, जबकि 2 सीट भाजपा के पास खूंटी और तोरपा का है. इस तरह से सत्ता की चाबी जनजाति सीट है.
2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम का एसटी सीटों पर प्रदर्शन रहा है शानदार
2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को जनजातीय सीटों पर जबरदस्त वोट मिले थे. जिस वजह से संताल परगना में आरक्षित सभी सात अनुसूचित जनजाति सीटों पर जेएमएम का कब्जा हो गया था. शायद यही वजह है कि बीजेपी का विशेष फोकस एसटी सीटों पर है.
ये भी पढ़ें-