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Jharkhand Election Result 2024: गृहिणी से सदन तक के सफर में सफल रही महिलाएं, अब विधानसभा में पहले से ज्यादा गूंजेगी उनकी आवाज

झारखंड विधानसभा में इस बार महिलाओं की संख्या बढ़ी है. इस बार पहले की तुलना में ज्यादा संख्या में महिला विधायक सदन में पहुंची हैं.

Jharkhand Election Result 2024
मतदात करने के लिए पहुंचे मतदाता (फाइल फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

रांची: झारखंड विधानसभा में आधी आबादी की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस चुनाव में राज्य गठन के बाद सबसे अधिक 12 महिला उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल हुई हैं. नवनिर्वाचित महिला विधायकों में कुछ ऐसी भी हैं जो कई बार चुनाव जीतने में सफल रही हैं और लगातार जीत रही हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जो पहली बार विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेंगी.

गृहिणी से सदन तक के सफर में सफल रहीं महिलाएं

पहली बार विधायक बनने वाली महिलाओं में श्वेता सिंह, निशात आलम, पूर्णिमा दास साहू, मंजू कुमारी, रागिनी सिंह शामिल हैं, जबकि कल्पना सोरेन, नीरा यादव, सविता महतो, शिल्पी नेहा तिर्की, लुईस मरांडी, दीपिका पांडेय और ममता देवी पहले ही अपनी योग्यता साबित कर चुकी हैं.

अगर नवनिर्वाचित महिला विधायक की बात करें तो सबसे चर्चित झरिया सीट से बाहुबली सूर्यदेव सिंह की बहू रागिनी सिंह अपनी जेठानी पूर्णिमा सिंह को हराकर 2019 के विधानसभा चुनाव का बदला लेने में सफल रहीं. रागिनी सिंह ने चुनाव जीतकर झरिया सीट पर कमल खिलाकर बड़ा संदेश दिया है.

झरिया के बाद अगर जमुआ की बात करें तो इस सीट से पहली महिला विधायक बनने का गौरव मंजू कुमारी को मिला है. इस सीट से कमल खिलाने में सफल रहीं मंजू कुमारी इससे पहले 2014 का चुनाव टीएमसी के टिकट पर लड़ी थीं लेकिन हार गई थीं, फिर उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था. इस चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रही थीं. इस बार चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और चुनाव जीतने में सफल रहीं.

पूर्व सीएम रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू पढ़ी-लिखी महिला हैं. इस बार वह पहली बार विधायक बनी हैं. उन्होंने कांग्रेस के अजय कुमार को हराया. वहीं पाकुड़ सीट पर निशात आलम रिकॉर्ड मतों से जीतने में सफल रहीं. निशात आलम पूर्व मंत्री और ईडी मामले में फिलहाल जेल में बंद आलमगीर आलम की पत्नी हैं, जो इस चुनाव में सबसे ज्यादा 86,029 वोटों से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंची हैं. निशात आलम गृहिणी रही हैं, जिन्होंने परिस्थितिवश लोकतंत्र के इस महापर्व में पहली बार किस्मत आजमाई और जनता का भरपूर आशीर्वाद पाने में सफल रहीं.

2019 में 10 महिलाएं पहुंचीं थी विधानसभा

झारखंड विधानसभा में लगातार महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. पिछले चुनावों पर नजर डालें तो संयुक्त बिहार के समय वर्ष 2000 में हुए चुनाव में यहां से चार महिलाएं चुनाव जीती थीं. इसके बाद 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में महिला विधायकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई और 2009 के विधानसभा चुनाव में आठ हो गई. 2014 में महिला विधायकों की संख्या 9 थी. पिछले 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 महिलाएं चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहीं थी.

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रांची: झारखंड विधानसभा में आधी आबादी की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस चुनाव में राज्य गठन के बाद सबसे अधिक 12 महिला उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल हुई हैं. नवनिर्वाचित महिला विधायकों में कुछ ऐसी भी हैं जो कई बार चुनाव जीतने में सफल रही हैं और लगातार जीत रही हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जो पहली बार विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेंगी.

गृहिणी से सदन तक के सफर में सफल रहीं महिलाएं

पहली बार विधायक बनने वाली महिलाओं में श्वेता सिंह, निशात आलम, पूर्णिमा दास साहू, मंजू कुमारी, रागिनी सिंह शामिल हैं, जबकि कल्पना सोरेन, नीरा यादव, सविता महतो, शिल्पी नेहा तिर्की, लुईस मरांडी, दीपिका पांडेय और ममता देवी पहले ही अपनी योग्यता साबित कर चुकी हैं.

अगर नवनिर्वाचित महिला विधायक की बात करें तो सबसे चर्चित झरिया सीट से बाहुबली सूर्यदेव सिंह की बहू रागिनी सिंह अपनी जेठानी पूर्णिमा सिंह को हराकर 2019 के विधानसभा चुनाव का बदला लेने में सफल रहीं. रागिनी सिंह ने चुनाव जीतकर झरिया सीट पर कमल खिलाकर बड़ा संदेश दिया है.

झरिया के बाद अगर जमुआ की बात करें तो इस सीट से पहली महिला विधायक बनने का गौरव मंजू कुमारी को मिला है. इस सीट से कमल खिलाने में सफल रहीं मंजू कुमारी इससे पहले 2014 का चुनाव टीएमसी के टिकट पर लड़ी थीं लेकिन हार गई थीं, फिर उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था. इस चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रही थीं. इस बार चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और चुनाव जीतने में सफल रहीं.

पूर्व सीएम रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू पढ़ी-लिखी महिला हैं. इस बार वह पहली बार विधायक बनी हैं. उन्होंने कांग्रेस के अजय कुमार को हराया. वहीं पाकुड़ सीट पर निशात आलम रिकॉर्ड मतों से जीतने में सफल रहीं. निशात आलम पूर्व मंत्री और ईडी मामले में फिलहाल जेल में बंद आलमगीर आलम की पत्नी हैं, जो इस चुनाव में सबसे ज्यादा 86,029 वोटों से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंची हैं. निशात आलम गृहिणी रही हैं, जिन्होंने परिस्थितिवश लोकतंत्र के इस महापर्व में पहली बार किस्मत आजमाई और जनता का भरपूर आशीर्वाद पाने में सफल रहीं.

2019 में 10 महिलाएं पहुंचीं थी विधानसभा

झारखंड विधानसभा में लगातार महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. पिछले चुनावों पर नजर डालें तो संयुक्त बिहार के समय वर्ष 2000 में हुए चुनाव में यहां से चार महिलाएं चुनाव जीती थीं. इसके बाद 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में महिला विधायकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई और 2009 के विधानसभा चुनाव में आठ हो गई. 2014 में महिला विधायकों की संख्या 9 थी. पिछले 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 महिलाएं चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहीं थी.

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