झालावाड़. जिले की पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश गोविंद गिरी ने मंगलवार को 14 वर्षीय नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, न्यायाधीश ने आरोपी पर 50 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है. इसके साथ ही अर्थदंड की राशि न चुकाने पर आरोपी को 1 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए मामले को घिनौनी प्रकृति का बताया है.
जान से मारने की धमकी दी : पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि दो वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग स्कूली छात्रा ने अपने पिता के साथ मनोहरथाना थाने में शिकायत दी थी. इसमें उसने बताया था कि वह अपने घर से स्कूल की तरफ गाय चराने गई थी. इसी दौरान आरोपी उसे पकड़कर विद्यालय के शौचालय में ले गया और वहां ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. रविवार का अवकाश होने के कारण विद्यालय में कोई नहीं था. आरोपी ने पीड़िता और उसके पिता को जान से मारने की धमकी भी दी.
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20 साल की कठोर सजा : आरोपी ने स्कूली छात्रा की शादी नहीं होने देने और उसे बदनाम करने की भी धमकी दी थी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मामला दर्ज कर मामले में अनुसंधान शुरू किया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसे न्यायालय में पेश किया. चालान पेश किए जाने के बाद से ही आरोपी फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है. रामहेतार गुर्जर ने कहा कि मंगलवार को न्यायाधीश की ओर से सुनाए गए फैसले में आरोपी को 14 वर्षीय स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म का दोषी मानते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास सहित 50 हजार का अर्थदंड लगाया है.
6 लाख देने की अनुशंसा : साथ ही आरोपी के अर्थ दंड की राशि न चुकाने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. लोक अभियोजक ने बताया कि न्यायालय में करीब 2 साल तक चले लंबे ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह और 25 दस्तावेज पेश किए गए, जिनको आधार मानते हुए न्यायाधीश ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाया है. वहीं, न्यायाधीश ने मामले में विशेष टिप्पणी करते हुए इसे आरोपी की घिनौनी करतूत बताया है. साथ ही नाबालिग बालिका को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 6 लाख रुपए तक देने की अनुशंसा की है.