जेईई मेन टॉपर ईशान गुप्ता ने सुनाई सफलता की पूरी कहानी, मां ने कोटा सिटी को लेकर कही ये बात - JEE Mains Result 2024 - JEE MAINS RESULT 2024
JEE Main topper Ishaan Gupta, जेईई मेन टॉपर ईशान गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने उनकी तैयारियों के साथ ही कोटा के कोचिंग संस्थानों को लेकर कई अहम बातें कही. वहीं, ईशान की मां मीनाक्षी ने उनके बेटे की सफलता का पूरा श्रेय शहर के कोचिंग संस्थानों की स्टडी सिस्टम को दिया.
Published : Apr 25, 2024, 6:51 PM IST
कोटा. गुरुग्राम से कोटा आए और बीते दो सालों से कोचिंग कर रहे ईशान गुप्ता जेईई मेन 2024 के टॉपर बने हैं. ईशान मां मीनाक्षी गुप्ता कंपनी सेक्रेटरी थीं, लेकिन अपनी जॉब को छोड़कर बीते दो साल से कोटा आकर बेटे के साथ रह रही हैं. उनकी समर्पण की बदौलत ही आज ईशान जेईई मेन के टॉपर बन सके हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए ईशान गुप्ता ने कहा कि कोटा कोचिंग सिस्टम के तहत ही उन्होंने पूरी पढ़ाई की. उन्हें यहां जितने भी वर्क व असाइनमेंट दिए जाते थे, वो उस पर पूरा फोकस किया करते थे. साथ ही जितना भी नया पढ़ाया जाता था, उसे अच्छे से पढ़ते और रिवीजन करते थे. वहीं, कोचिंग स्टडी मटेरियल के इतर एनसीईआरटी बुक्स को भी पढ़ा करते थे. इससे प्रश्नों की प्रैक्टिस और थ्योरी को रिवाइज करने में मदद मिलती है. ईशान की मां मीनाक्षी का कहना है कि कोटा के बारे में काफी सुना था. खास तौर पर यहां का रिजल्ट काफी अच्छा आता है और इसके साथ ही कॉन्सेप्ट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. इससे बच्चों की न केवल कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग बेहतर होती है, बल्कि उन्हें कुछ रटना नहीं पड़ता है. यही वजह है कि उन्होंने ईशान को कोटा में दाखिला दिलाया.
एरर एनालिसिस करने की जरूरत : ईशान ने बताया कि पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को डिप्रेशन की जगह मोटिवेट रहना चाहिए, क्योंकि यह पढ़ाई अकेले आपके लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए टफ है. टेस्ट के दौरान यह पॉजिटिवली देखना चाहिए कि कितने क्वेश्चन अटेंप्ट किए और वो किस तरह से किए. जिन क्वेश्चन को अटेम्प्ट या सॉल्व नहीं किया, उनके लिए इंस्पिरेशन आनी चाहिए. इससे आपको ड्राइव मिलेगी और सभी विद्यार्थियों को इसी तरह से पेपर में उनके एरर एनालिसिस करने की जरूरत है.
ये है ईशान का अगला टारगेट : ईशान ने कहा कि मेरा कोई ज्यादा फिक्स शेड्यूल या टाइम टेबल नहीं था. क्लासेस व इसके अलावा 5 से 6 घंटे पढ़ता था. क्लास के नोट्स को ध्यानपूर्वक पढ़ा करता था. ज्यादातर केमिस्ट्री पर ध्यान देता था. उन्होंने कहा कि वो शुरू से ही टॉप करते आ रहे हैं. उनका मैथमेटिक्स ही नहीं, बल्कि बायोलॉजी में भी अच्छे अंक आते थे. 10वीं तक उन्होंने यह भी तय नहीं किया था कि उन्हें आगे किस फील्ड में जाना है. हालांकि, बाद में उन्होंने इंजीनियरिंग को चुना और उनका टारगेट जेईई मेन व एडवांस्ड को क्रैक करना है. इसके बाद उन्हें मुंबई से कंप्यूटर साइंस ब्रांच में बीटेक करना है. आईआईटी के बाद उनका टारगेट रिसर्च के फील्ड में जाने का है. ईशान ने बताया कि 10वीं में उन्हें 97 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए थे. उसके बाद 2022 में वो कोटा आ गए और यहां 11वीं में दाखिला लिया.
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ईशान की मां मीनाक्षी गुप्ता बताती हैं कि बच्चों की हेल्थ की रिस्पांसिबिलिटी ज्यादा रहती है. दूसरी तरफ स्टडी मटेरियल काफी ज्यादा होता है. सभी को मैनेज और बच्चे की हेल्प करना जरूरी होता है. कई सारी एक्टिविटी बच्चों को एक साथ हैंडल करनी होती है. इनके शेड्यूल में कोई भी चीज स्किप नहीं होनी चाहिए. साथ ही बच्चों का टाइम भी वेस्ट नहीं होना चाहिए. परफॉर्मेंस के चलते बच्चा डिप्रेस होता है, तब उन्हें बूस्ट करने की आवश्यकता होती है. दोबारा मेहनत करने पर सब कुछ ठीक हो जाता है. मीनाक्षी ने बताया कि ईशान सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करता था. केवल पियर ग्रुप से बातचीत करने या फिर कोचिंग होमवर्क के लिए सोशल मीडिया को देखा करता था. वहीं, मूड फ्रेश करने के लिए दोस्तों से बातचीत और बैडमिंटन खेलता है. साथ ही वो टिकटोक, मास्टरशेफ, ध्रुव राठी के मोटिवेशनल वीडियो और हैरी पॉटर सहित करंट इश्यू के टॉपिक देखा करता था.