जालोर. आज जालोर सिरोही संसदीय क्षेत्र को उसका नया सांसद मिलेगा. यहां भाजपा के लुंबाराम चौधरी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिला. हालांकि, भाजपा ने जहां अपने एक सामान्य कार्यकर्ता लुंभाराम चौधरी पर भरोसा जताया तो कांग्रेस ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को मैदान में उतारा था. इन दोनों के बीच हुए सीधे मुकाबले में अब जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है इसका फैसला आज हो जाएगा. वहीं, ये सीट राज्य की हॉट सीटों में शामिल रही.
ऐन वक्त पर बसपा प्रत्याशी ने वापस लिया नाम : भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर के लिए अशोक गहलोत ने चुनाव से एक महीने पहले ही रणनीति बना ली थी. पहले बसपा से कांग्रेस के लाल सिंह धानपुर को टिकट दिलवाया और फिर ऐन वक्त पर नामांकन वापस लेकर लाल सिंह धानपुर वापस कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने 3 बार के सांसद रहे देवजी पटेल का टिकट काटकर सिरोही के सामान्य भाजपा कार्यकर्ता लुंभाराम चौधरी को मैदान में उतारा. भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चौधरी की सादगी के नाम पर वोट मांगे तो वैभव गहलोत ने जनता को जालोर सिरोही में विकास करवाने के सपने दिखाए.
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इस वजह से उत्साहित है कांग्रेसी : जालोर सिरोही में करीब पौने दो लाख से ज्यादा माली समाज के वोटर हैं, जो हर साल भाजपा को समर्थन देते थे. इस बार वैभव गहलोत के माली जाति से होने के चलते माली समाज के मतदाता भाजपा से खिचक कर कांग्रेस की ओर शिफ्ट होते दिखे. इसकी बानगी पूर्व सीएम अशोक गहलोत की सभाओं में भी देखने को मिली.
पिछले तीन चुनाव से सीट पर है भाजपा का कब्जा : पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी रतन देवासी को हराकर भाजपा के देवजी पटेल ने जीत की हैट्रिक लगाई थी. देवजी पटेल पहली बार 2009 में सांसद बने. उसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की. 2019 के चुनाव में देवजी पटेल ने कांग्रेस के रतन देवासी को 261110 मतों से हराया था. इस चुनाव में देवजी पटेल को 772833 वोट और रतन देवासी को 511723 मत प्राप्त हुए थे.