जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का अपराध किया है. इसमें पीड़िता की सहमति भी थी तो भी यह अपराध की श्रेणी में ही माना जाएगा.
अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता की नानी ने कोटखावदा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी नाबालिग दोहिती जन्म के समय से ही उसके पास रहती है और दसवीं कक्षा में पढ़ती है.
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वह 29 अप्रैल, 2023 की देर रात से लापता है. उसे अंदेशा है कि पड़ोस में रहने वाला अभियुक्त उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आठ मई को अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है और उसने दुष्कर्म नहीं किया है. इसलिए उसे दोषमुक्त किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए सजा और जुर्माने से दंडित किया है.